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यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) का इस्तेमाल करने वालों के लिए 1 अगस्त से कुछ बड़े बदलाव लागू हो रहे हैं। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI यूज़र्स, बैंकों और मर्चेंट्स के लिए नए नियमों की घोषणा की है। इनका उद्देश्य सिस्टम को अधिक स्थिर, तेज़ और विश्वसनीय बनाना है, खासकर उन समयों में जब UPI का लोड सबसे ज्यादा होता है।
अब सवाल उठता है कि आखिर ये बदलाव क्या हैं और आम यूज़र पर इनका क्या असर पड़ेगा। आइए आसान सवाल-जवाब के ज़रिए समझते हैं...
क्या-क्या बदल रहा है?
बैलेंस चेक की सीमा तय:
अब आप किसी भी UPI ऐप से एक दिन में अधिकतम 50 बार ही बैंक बैलेंस चेक कर सकेंगे। इससे अधिक बार ट्राय करने पर ऐप रिस्पॉन्ड नहीं करेगा।
ऑटो-पे के लिए तय होंगे स्लॉट्स:
अब EMI, Netflix जैसे सब्सक्रिप्शन और बिल पेमेंट्स सिर्फ तय समय पर ही ऑटोमैटिक रूप से कटेंगे:
सुबह 10 बजे से पहले
दोपहर 1 से शाम 5 बजे के बीच
रात 9:30 बजे के बाद
ट्रांजैक्शन स्टेटस चेक की सीमा:
अगर कोई पेमेंट अटक गया है, तो उसका स्टेटस केवल 3 बार ही चेक किया जा सकेगा — हर बार कम से कम 90 सेकंड के अंतर पर।
NPCI के मुताबिक, पीक ऑवर्स (सुबह 10 से 1 और शाम 5 से रात 9:30 बजे) के दौरान भारी ट्रैफिक के चलते UPI सिस्टम पर काफी लोड पड़ता है। मार्च और अप्रैल 2025 में दो बार सिस्टम डाउन हुआ, जिससे करोड़ों यूज़र्स प्रभावित हुए। नए नियमों से इस लोड को संतुलित कर ट्रांजैक्शंस को सुचारू और तेज़ बनाने की कोशिश की जा रही है।
क्या आम यूज़र्स पर असर होगा?
अगर आप दिन में बार-बार बैलेंस चेक करते हैं, तो अब 50 बार की सीमा के बाद रुकना होगा।
ट्रांजैक्शन स्टेटस को बार-बार रिफ्रेश करने की आदत वाले यूज़र्स को भी लिमिट का ध्यान रखना होगा।
बाक़ी पेमेंट, मनी ट्रांसफर, रिचार्ज, आदि सामान्य रूप से होते रहेंगे।
क्या आपको कुछ करना है?
नहीं। ये बदलाव खुद-ब-खुद आपके UPI ऐप्स (जैसे Google Pay, PhonePe, Paytm आदि) में लागू हो जाएंगे। आपको केवल नए लिमिट्स को ध्यान में रखना है ताकि परेशानी न हो।
क्या ट्रांजैक्शन अमाउंट लिमिट में बदलाव है?
नहीं, पैसे भेजने या लेने की अधिकतम लिमिट वही रहेगी। सामान्य ट्रांजैक्शंस के लिए 1 लाख रुपये और हेल्थ या एजुकेशन से जुड़े मामलों में 5 लाख रुपये की सीमा लागू रहेगी।
सीमाओं के साथ मिलेगा स्मार्ट और सुरक्षित अनुभव
1 अगस्त से UPI सिस्टम और ज़्यादा स्मार्ट, सुरक्षित और स्थिर बनने जा रहा है। कुछ सीमाओं के बावजूद, ये बदलाव आपके डिजिटल अनुभव को बेहतर ही बनाएंगे। अगर आप समय-समय पर बैलेंस चेक करते हैं या ऑटो-पे यूज़ करते हैं, तो ये बदलाव आपके लिए जानना ज़रूरी है।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 July, 2025, 2:23 pm
Author Info : Baten UP Ki