भारत में इंटरनेट और डिजिटल लेन-देन का उपयोग जितनी तेजी से बढ़ रहा है, उतनी ही तेजी से साइबर अपराधों का जाल भी फैलता जा रहा है। रोज़ाना नए-नए साइबर स्कैम्स सामने आ रहे हैं, जिनसे अनगिनत लोग ठगी का शिकार हो रहे हैं। इस डिजिटल युग में, आपकी ऑनलाइन सुरक्षा पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण हो गई है। यहां हम आपको देश में हो रहे पांच सबसे आम साइबर धोखाधड़ी के तरीकों के बारे में बताएंगे, जिन्हें पहचानना और उनसे बचना आज के समय की एक अहम चुनौती बन गया है।
1. डिजिटल अरेस्ट स्कैम: पुलिस या इनकम टैक्स का डर दिखाकर ठगी
यह स्कैम बहुत ही भयावह तरीके से काम करता है। ठग एक कॉल या मैसेज से शुरुआत करते हैं, जिसमें वे पुलिस, इनकम टैक्स या कस्टम विभाग से होने का दावा करते हैं। वे आपको बताते हैं कि आपके पैन या आधार का इस्तेमाल गलत तरीके से किया गया है, जैसे कि मनी लॉन्ड्रिंग या ड्रग्स की खरीदी के लिए। फिर, वे आपको वीडियो कॉल पर बने रहने का दबाव डालते हैं और इसी दौरान आपसे पैसे मांगते हैं। कई लोग डर के कारण बिना सोचे समझे इन ठगों की बातों में आ जाते हैं। इससे बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी अनजान कॉल पर पैनिक न करें और उसे तुरंत काट दें।
2. व्हाट्सएप वीडियो कॉल स्कैम: अश्लील वीडियो का डर दिखाकर पैसे वसूलना
इस स्कैम में ठग आपको व्हाट्सएप पर एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल करते हैं। कॉल उठाने पर आपके सामने अश्लील वीडियो दिखाया जाता है या कोई लड़की बात करने का नाटक करती है। ये ठग इस पूरी कॉल को रिकॉर्ड कर लेते हैं और फिर वीडियो को एडिट करके आपको धमकी देते हैं कि इसे सोशल मीडिया पर वायरल कर देंगे। इसके बदले वे पैसे मांगते हैं। इस तरह के स्कैम से बचने के लिए किसी भी अनजान वीडियो कॉल को तुरंत कट कर दें और उस नंबर को ब्लॉक करें।
3. यूपीआई फ्रॉड: नकली क्यूआर कोड और फेक एप्स से होती है धोखाधड़ी
यूपीआई स्कैम सबसे तेजी से फैल रहे साइबर अपराधों में से एक है। इसमें ठग आपको नकली क्यूआर कोड भेजते हैं या फर्जी ऐप्स डाउनलोड करवाते हैं। कई बार ये लोग बैंक अधिकारी बनकर यूपीआई पिन या ओटीपी मांगते हैं और कुछ ही समय में आपका बैंक खाता खाली कर देते हैं। यह स्कैम इतना सामान्य हो चुका है कि हर दिन हजारों लोग इसके शिकार हो रहे हैं। यूपीआई फ्रॉड से बचने का सबसे अच्छा तरीका है कि किसी भी अनजान क्यूआर कोड को स्कैन न करें और बैंकिंग जानकारी को कभी भी फोन पर साझा न करें।
4. ऑनलाइन शॉपिंग स्कैम: सस्ते ऑफर्स के झांसे में न आएं
यह स्कैम उन लोगों को निशाना बनाता है जो सस्ते प्रोडक्ट्स की तलाश में ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं। फर्जी ई-कॉमर्स वेबसाइट्स और सोशल मीडिया पेजों के जरिए बड़े-बड़े डिस्काउंट का दावा किया जाता है, लेकिन जब लोग ऑर्डर करते हैं, तो उन्हें या तो खराब प्रोडक्ट मिलता है या कुछ भी नहीं। इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए सिर्फ विश्वसनीय वेबसाइट्स से ही शॉपिंग करें और किसी भी संदिग्ध वेबसाइट से दूरी बनाए रखें।
5. फिशिंग: नकली ईमेल और मैसेज से चोरी होती है निजी जानकारी
फिशिंग स्कैम में ठग आपको नकली ईमेल, मैसेज या वेबसाइट के जरिए फंसाते हैं, जो बिल्कुल असली बैंक या सरकारी संस्था जैसी दिखती हैं। इन ईमेल या वेबसाइट्स पर क्लिक करने के बाद आपसे आपकी निजी जानकारी, जैसे बैंक खाता नंबर, पासवर्ड या क्रेडिट कार्ड की डिटेल्स मांगी जाती हैं। लोग इन पर भरोसा कर अपनी जानकारी साझा कर देते हैं, जो बाद में ठगी का कारण बनता है। फिशिंग से बचने के लिए किसी भी संदिग्ध ईमेल या मैसेज पर क्लिक न करें और अपनी निजी जानकारी केवल सुरक्षित और प्रमाणित वेबसाइट्स पर ही साझा करें।
सुरक्षित रहें, सतर्क रहें-
इन पांच साइबर स्कैम्स से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप जागरूक रहें। किसी भी अनजान कॉल, मैसेज, ईमेल, या वेबसाइट पर भरोसा न करें और अपनी निजी जानकारी को हमेशा सुरक्षित रखें।