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शरीर का ऐसा तत्व जो सांस लेने जितना है जरूरी, लेकिन शरीर इसे बना नहीं सकता!

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क्या आप जानते हैं कि एक ऐसी चीज है जो प्रकृति में बेहद दुर्लभ है? यह चीज इतनी महत्वपूर्ण है कि इसके बिना न तो हमारे पास मोबाइल, लैपटॉप होते और न ही कोई अन्य उपकरण जो बैटरी से चलता है। यह चीज है एक विशेष धातु, जिसे कोबाल्ट कहा जाता है। दुनिया की हर लीथियम बैटरी में इस धातु का उपयोग होता है। विज्ञान ने भले ही आज बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन अब तक हम इस धातु का कोई विकल्प नहीं खोज पाए हैं।

शरीर के लिए कितना जरूरी है कोबाल्ट?

सिर्फ बैटरी निर्माण ही नहीं, बल्कि इंसान के शरीर के निर्माण और उसके स्वास्थ्य के लिए भी कोबाल्ट उतना ही महत्वपूर्ण है। यह जितना अहम है, उतना ही दुर्लभ भी। और यकीन मानिए, बैटरी की तरह, मनुष्य के लिए भी विज्ञान इस धातु का कोई विकल्प नहीं खोज पाया है। हम यहां बात कर रहे हैं विटामिन B-12 की। इस विटामिन के रासायनिक संरचना में कोबाल्ट एक केंद्रीय तत्व है। तो आज हम सेहत से जुड़े इस महत्वपूर्ण विटामिन B-12 के बारे में चर्चा करेंगे और जानेंगे इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी।

विटामिन B-12 से जुड़ी कुछ रोचक तथ्य:

  • भारत की 47% आबादी क्रॉनिक विटामिन B-12 की कमी से जूझ रही है।
  • 74% भारतीयों में विटामिन B-12 की मात्रा बॉर्डरलाइन पर है।
  • मनुष्य का शरीर विटामिन B-12 नहीं बना सकता; इसे केवल बाहरी स्रोतों से ही प्राप्त किया जा सकता है।
  • हमारा लिवर 3 से 5 साल तक के लिए विटामिन B-12 को स्टोर कर सकता है।
  • विटामिन B-12 की कमी के लक्षण शरीर में 2 साल बाद तक भी नजर नहीं आते क्योंकि शरीर अपने स्टोरेज से इसे उपयोग करता है।
  • दुनिया के किसी भी शाकाहारी स्रोत, पेड़-पौधों या घास में विटामिन B-12 नहीं पाया जाता है।

शरीर में विटामिन B-12 का क्या काम है?

विटामिन B-12 शरीर में एक प्रमुख प्रशासक की तरह काम करता है। यह न हो तो शरीर का पूरा सिस्टम ही ठीक से काम नहीं कर पाता। उदाहरण के लिए, रेड ब्लड सेल्स (RBC) शरीर के लिए उतने ही जरूरी हैं, जितना सांस लेना। इनका काम है फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के हर हिस्से तक पहुंचाना और कार्बन डाईऑक्साइड को वापस फेफड़ों तक ले जाना। विटामिन B-12 का शरीर में सबसे बुनियादी भूमिका है डीएनए और आरएनए के निर्माण में। यदि शरीर में विटामिन B-12 की मात्रा कम हो जाती है, तो हमारा नर्वस सिस्टम, मस्तिष्क, और मेमोरी प्रभावित होते हैं।

रोजाना कितनी मात्रा में लेना चाहिए विटामिन B-12?

विटामिन B-12 जन्म के पहले दिन से ही शरीर के लिए आवश्यक है। मां के दूध में भी यह विटामिन मौजूद होता है, जो नवजात के लिए आवश्यक तत्व प्रदान करता है।

विटामिन B-12 की कमी के लक्षण:

लिवर में विटामिन B-12 का स्टोरेज होने के कारण इसकी कमी के लक्षण तुरंत दिखाई नहीं देते। लेकिन जब यह कमी हो जाती है, तो सबसे पहले इसका असर मेमोरी पर पड़ता है। व्यक्ति छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है, जैसे कि घड़ी, चश्मा, पेन या टिफिन बैग में रखने जैसी मामूली चीजें।

विटामिन B-12 की कमी का जोखिम किसे है?

विटामिन B-12 की कमी का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को होता है जो पूरी तरह से शाकाहारी हैं, क्योंकि प्लांट बेस्ड सोर्स में यह विटामिन नहीं पाया जाता।

शरीर में विटामिन B-12 की कमी को कैसे पूरा करें?

  • यदि आपकी सेहत अच्छी है और पाचन तंत्र ठीक है, तो आप भोजन के जरिए विटामिन B-12 की जरूरत को पूरा कर सकते हैं। मांसाहारियों के लिए यह सबसे आसान है। अंडा, मछली, और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों में विटामिन B-12 की मात्रा पाई जाती है।
  • वीगन लोगों के लिए यह चुनौतीपूर्ण हो सकता है। उनके लिए विटामिन B-12 का सप्लीमेंट लेना जरूरी है, जो माइक्रोऑर्गेनिज्म से बायोकेमिकल रूप से लैब में बनाए जाते हैं। हालांकि, ये सप्लीमेंट्स सामान्य एनीमल बेस्ड सप्लीमेंट्स के मुकाबले कम प्रभावी होते हैं।
  • विटामिन B-12 हमारे शरीर के लिए उतना ही आवश्यक है जितना कि सांस लेना। इसे नज़रअंदाज़ करना गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

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