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क्या कैंसर से बेखबर हैं 65+ महिलाएं ? रिपोर्ट में सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े!

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एक नई वैश्विक रिपोर्ट ने महिलाओं की सेहत को लेकर गंभीर चिंता खड़ी कर दी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और हालिया शोधों के अनुसार, 65 वर्ष या उससे अधिक उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय-ग्रीवा का कैंसर) के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर इस आयु वर्ग को स्क्रीनिंग से बाहर रखा गया, तो स्थिति और गंभीर हो सकती है।

हर उम्र की महिलाओं पर मंडरा रहा खतरा

सर्वाइकल कैंसर अब सिर्फ युवतियों तक सीमित नहीं रह गया है। चीन में 2017 से 2023 के बीच हुए एक बड़े अध्ययन में पाया गया कि 20 लाख महिलाओं की स्क्रीनिंग में 17,420 मामले 65 वर्ष या उससे अधिक आयु की महिलाओं में मिले। यह दर्शाता है कि यह कैंसर अधिक उम्र में भी सक्रिय रूप से सामने आ रहा है।

डब्ल्यूएचओ की चेतावनी और रणनीति

डब्ल्यूएचओ ने सर्वाइकल कैंसर को एक ‘रोकथाम योग्य लेकिन घातक’ बीमारी करार दिया है। संगठन ने वर्ष 2030 तक तीन लक्ष्य तय किए हैं:

  • 15 वर्ष की उम्र तक 90% लड़कियों का एचपीवी वैक्सीनेशन
  • 70% महिलाओं की उम्र के अनुसार स्क्रीनिंग
  • 90% पीड़ितों का समय पर इलाज

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि अगर इन लक्ष्यों को हासिल कर लिया गया, तो वर्ष 2120 तक दुनियाभर में करीब 6.2 करोड़ मौतें और 7.4 करोड़ नए मामले रोके जा सकते हैं।

एचपीवी वायरस: 95% मामलों की जड़

विशेषज्ञ बताते हैं कि करीब 95% सर्वाइकल कैंसर के पीछे ह्यूमन पेपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण है, जो मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंधों के जरिए फैलता है। यह वायरस वर्षों तक निष्क्रिय रह सकता है और उम्र के साथ कैंसर का रूप ले सकता है, खासकर तब जब स्क्रीनिंग या टीकाकरण नहीं हुआ हो।

2022 के चौंकाने वाले आंकड़े

केवल वर्ष 2022 में ही 65+ आयु वर्ग में 1.57 लाख नए सर्वाइकल कैंसर केस सामने आए, जिनमें से 1.24 लाख महिलाएं मौत का शिकार बनीं। यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि मौजूदा स्क्रीनिंग गाइडलाइंस में बदलाव की आवश्यकता है।

स्क्रीनिंग रोकना हो सकता है खतरनाक

दुनियाभर के कई देशों में 65 वर्ष की उम्र के बाद स्क्रीनिंग बंद करने की नीति अपनाई जाती है, यदि पिछली रिपोर्ट्स सामान्य रही हों। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि यह रवैया अब पुनर्विचार की मांग करता है। कैंसर रिसर्च यूके की हेल्थ इंफॉर्मेशन मैनेजर मैक्सिने लेंजा कहती हैं, "65 से अधिक उम्र की महिलाएं टीकाकरण से अछूती हैं और उनकी स्क्रीनिंग नहीं की जाती, तो उनमें कैंसर का खतरा काफी ज्यादा हो सकता है।"

क्या करें महिलाएं? विशेषज्ञों की सलाह

  • हर आयु वर्ग की महिलाओं को नियमित स्क्रीनिंग कराते रहना चाहिए, खासकर यदि उन्होंने एचपीवी वैक्सीन नहीं लगवाई है।

  • रोजमर्रा की जिंदगी में साफ-सफाई, सुरक्षित यौन संबंध और डॉक्टर से परामर्श को आदत में शामिल करें।

  • सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थानों को चाहिए कि वे स्क्रीनिंग और टीकाकरण कार्यक्रमों में 65+ महिलाओं को भी विशेष प्राथमिकता दें।

बुजुर्ग महिलाएं भी सर्वाइकल कैंसर की चपेट में

सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते आंकड़े यह साफ दर्शाते हैं कि सिर्फ युवतियां ही नहीं, बल्कि बुजुर्ग महिलाएं भी खतरे के घेरे में हैं। यह समय है जब नीतिगत बदलाव हों और स्क्रीनिंग की उम्र सीमा बढ़ाई जाए, ताकि भविष्य में लाखों जानें बचाई जा सकें।

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