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ICMR का बड़ा दावा: कोविड वैक्सीन से नहीं जुड़ी अचानक मौतें, असली वजहें कुछ और हैं!

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कोविड महामारी के बाद कई युवा और स्वस्थ लोगों की अचानक मौतों ने समाज में डर और संदेह को जन्म दिया। खासतौर पर तब, जब सोशल मीडिया पर यह सवाल बार-बार उछाला गया: "क्या कोविड वैक्सीन अचानक मौत की वजह है?" अब इस पर भारत की सबसे बड़ी मेडिकल एजेंसी ICMR ने पहली बार स्पष्ट रूप से जवाब दिया है।

ICMR स्टडी का निष्कर्ष: कोई सीधा संबंध नहीं

ICMR और NCDC की नई स्टडी में सामने आया है कि 18 से 45 वर्ष के लोगों में हुई अचानक मौतों का कोविड वैक्सीन से कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं है। स्टडी में यह भी कहा गया कि भारत में बनी वैक्सीन – कोवैक्सिन और कोवीशील्ड – दोनों सेफ और इफेक्टिव हैं, और गंभीर साइड इफेक्ट्स बहुत दुर्लभ हैं।

असल वजहें क्या हैं?

स्टडी में जिन वजहों को संभावित जिम्मेदार बताया गया, वे हैं:

  • जेनेटिक म्यूटेशन (आनुवंशिक बदलाव)

  • पहले से मौजूद दिल की बीमारियां

  • कोविड संक्रमण के बाद की जटिलताएं

  • लाइफस्टाइल से जुड़ी समस्याएं (जैसे स्ट्रेस, नींद की कमी, ओवरवर्क)

एक दूसरी समानांतर स्टडी में यह सामने आया कि ज्यादातर मौतों का कारण मायोकार्डियल इंफार्क्शन यानी हार्ट अटैक था, और यह नया ट्रेंड नहीं है — पहले भी यही वजहें प्रमुख रही हैं।

तो फिर वैक्सीन पर शक क्यों हुआ?

दरअसल, दो रिपोर्ट्स ने लोगों की चिंता को हवा दी:

  1. एस्ट्राजेनेका (जिसका फॉर्मूला कोवीशील्ड में इस्तेमाल हुआ) ने माना कि उसकी वैक्सीन से TTS (Thrombosis Thrombocytopenia Syndrome) का रेयर रिस्क है।

  2. BHU की एक स्टडी में दावा किया गया कि कोवैक्सिन के कुछ प्रतिभागियों में ब्लड क्लॉटिंग, पीरियड असमानता और गंभीर एलर्जिक रिएक्शन देखे गए।

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि ये केस “1 लाख में 1” जैसी रेयर स्थितियों में आते हैं और इनका वृहद स्तर पर कोई पैटर्न नहीं दिखता।

क्या हमें चिंता करनी चाहिए?

ICMR का साफ कहना है: “डरिए नहीं, समझिए।”कोविड वैक्सीन को लेकर डर के बजाय ज़रूरत है कि हम साइंटिफिक एविडेंस को समझें और ब्लाइंड सोशल मीडिया अफवाहों से बचें।

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