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रोजगार से लेकर न्याय व्यवस्था तक, जानिए यूपी कैबिनेट के ये बड़े फैसले

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के विकास और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में गुरुवार को एक और बड़ा कदम उठाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। कुल 30 प्रस्तावों पर मुहर लगाई गई, जिनमें जेपीएनआईसी (JPNIC) का संचालन अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) को सौंपना सबसे प्रमुख रहा।

JPNIC की जिम्मेदारी अब एलडीए के पास

जेपीएनआईसी (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर), जो लखनऊ शहर के लिए एक महत्त्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्रशासनिक धरोहर है, अब एलडीए के अधीन होगा। यह फैसला लंबे समय से लंबित प्रबंधन और रखरखाव से जुड़े मुद्दों को हल करने की दिशा में उठाया गया है।

नया लिंक एक्सप्रेसवे मिलेगा यूपी को

कैबिनेट बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता 'नंदी' ने बताया कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक नए लिंक एक्सप्रेसवे को मंजूरी दी गई है। इससे राज्य में यातायात का नेटवर्क और बेहतर होगा और औद्योगिक क्षेत्रों को आपसी कनेक्टिविटी भी मिलेगी।

अन्य प्रमुख फैसले इस प्रकार हैं:

🔹 बुंदेलखंड इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी एरिया रेगुलेशन 2025 को मंजूरी।
🔹 औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति - 2022 के तहत उच्च स्तरीय समिति की संस्तुतियों को स्वीकृति।
🔹 उत्तर प्रदेश रोजगार मिशन के गठन को हरी झंडी।
🔹 भवन निर्माण एवं विकास उपविधियां तथा आदर्श जोनिंग रेगुलेशंस – 2025 लागू करने का फैसला।
🔹 IFMS प्रणाली के उन्नयन के लिए C-DAC को नामांकन के आधार पर अनुबंधित किया गया।
🔹 डॉ. के. एन. मोदी विश्वविद्यालय, मोदीनगर, गाजियाबाद की स्थापना को मंजूरी।
🔹 उच्चतर न्यायिक सेवा नियमावली 1975 में संशोधन।
🔹 ग्राम विकास अधिकारी सेवा नियमावली 2025 को स्वीकृति।
🔹 पशुपालन विभाग वेटनरी फार्मासिस्ट सेवा नियमावली 2025 पर मुहर।
🔹 उत्तर प्रदेश भाषा संस्थान के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई।

कैबिनेट के फैसलों का असर:

राज्य सरकार के इन फैसलों से न केवल प्रशासनिक दक्षता में सुधार होगा, बल्कि विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी। बुंदेलखंड, पूर्वांचल और लखनऊ जैसे क्षेत्रों में औद्योगिक, शैक्षिक और संरचनात्मक बदलाव की संभावना बढ़ेगी।

आधारभूत ढांचे से लेकर रोजगार तक

उत्तर प्रदेश सरकार का यह कैबिनेट सत्र राज्य के आधारभूत ढांचे, रोजगार नीति, शिक्षा और शासन व्यवस्था को आधुनिक और प्रभावी बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि विकास और सुशासन उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता हैं।

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