बड़ी खबरें

यूपी में उपभोक्ताओं को झटका देने की तैयारी में कारपोरेशन, घरेलू बिजली कनेक्शन लेना होगा महंगा 9 घंटे पहले यूपी से मुंबई की तरफ जाने वालों यात्रियों को तोहफा, घोषित हुई कई विशेष ट्रेनें, त्योहारी मौसम में रेलवे का सफर होगा आसान 9 घंटे पहले लखनऊ में रोडवेज मृतक आश्रितों ने शुरू की भूख हड़ताल, 6 साल से नियुक्ति के लिए कर रहे हैं संघर्ष 9 घंटे पहले भारत-बांग्लादेश के बीच आज से चेन्नई में खेला जाएगा पहला टेस्ट मैच, भारत को अब तक एक भी मैच नहीं हरा सका बांग्लादेश, पहले दिन बारिश की है आशंका 9 घंटे पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) में 103 पदों पर निकली भर्ती, आवेदन आज से शुरू, 10वीं पास से लेकर इंजीनियर्स, डॉक्टर्स कर सकते हैं अप्लाई 9 घंटे पहले दिल्ली पुलिस ने फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट के पदों पर निकाली भर्ती, ग्रेजुएट्स को मौका, 43 हजार रूपए से ज्यादा मिलेगी सैलरी 9 घंटे पहले अश्विन-जडेजा के नाम रहा पहले दिन का खेल, भारत ने स्टंप्स तक छह विकेट खोकर बनाए 339 रन 58 मिनट पहले

अब कैंसर से लेकर एचआइवी तक कारगर इलाज हो सकेगा संभव, यूपी की इस आईआईटी ने किया शोध

Blog Image

आईआईटी कानपुर के वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण शोध में सफलता हासिल की है, जो कैंसर और एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियों के कारगर इलाज की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। इस शोध ने चिकित्सा जगत में नई उम्मीदें जगाई हैं और भविष्य में इन बीमारियों से जूझ रहे मरीजों को राहत मिल सकती है।

कैंसर और एचआइवी संभव होगा इलाज-

आईआईटी कानपुर के जैविक विज्ञान और जैव इंजीनियरिंग विभाग ने कोशिकाओं में पाए जाने वाले ऐसे डफी एंटीजन रिसेप्टर की पूरी संरचना को खोज निकाला है जो कैंसर, मलेरिया और एचआइवी जैसी विभिन्न बीमारियों के लिए जिम्मेदार कारकों के लिए प्रवेश द्वार की भूमिका निभाता है। इसकी पहचान करने से अब रोगों को शरीर में प्रवेश करने से रोकने के उपाय किए जा सकेंगे। आईआईटी की इस खोज को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका सेल ने प्रकाशित किया है।

कैंसर के इलाज में सफलता-

आईआईटी कानपुर की इस महत्वपूर्ण खोज को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिका 'सेल' में प्रकाशित किया गया है। जैव इंजीनियरिंग विभाग ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका के कुछ लोगों में डफी एंटीजन रिसेप्टर नहीं पाया जाता है। इस जानकारी के आधार पर भविष्य में यह जानने की कोशिश की जाएगी कि कैंसर या अन्य घातक रोगों के संक्रमण को किस तरह मानव शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने से रोका जा सकता है।

दवा बनाने में मिलेगी मदद-

मानव शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं और अन्य कोशिकाओं की सतह पर पाया जाने वाला डफी एंटीजन रिसेप्टर प्रोटीन कोशिका में प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता है, जो मलेरिया परजीवी प्लास्मोडियम विवैक्स और जीवाणु स्टैफिलोकोकस आरियस जैसे विनाशकारी रोगजनकों द्वारा संक्रमण को फैलाने में मदद करता है। विभाग के अनुसार दुनियाभर में कई सालों से डफी एंटीजन रिसेप्टर के रहस्यों को जानने के लिए शोध हो रहा है। यह जानकारी नई एंटीबायोटिक दवाओं और एंटीमलेरियल सहित उन्नत दवाओं को बनाने में मददगार साबित होगी।

एचआइवी के इलाज में नई उम्मीदें-

एचआइवी के इलाज के लिए भी यह तकनीक एक बड़ा कदम है। शोधकर्ताओं ने एक ऐसी दवा विकसित की है, जो एचआइवी वायरस को प्रभावी ढंग से निशाना बनाती है और उसे फैलने से रोकती है। यह दवा शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है और एचआइवी संक्रमित कोशिकाओं को नष्ट करती है। इस तकनीक के माध्यम से एचआइवी के मरीजों को लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जीने का मौका मिल सकता है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें