उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा चिकित्सा विश्वविद्यालय, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU), ने शनिवार को अपना 120वां स्थापना दिवस भव्यता के साथ मनाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुए। इस ऐतिहासिक अवसर पर उन्होंने 66 मेधावी छात्रों को मेडल प्रदान किए, जिनमें से 53 छात्राएं और 13 छात्र शामिल हैं।
मेडल विजेताओं का शानदार प्रदर्शन
इस साल के मेडल विजेताओं में एमबीबीएस और बीडीएस के छात्रों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया।
- गोल्ड मेडल: 63 गोल्ड मेडल में 34 एमबीबीएस और 29 बीडीएस के छात्रों ने जीते।
- सिल्वर मेडल: 44 सिल्वर मेडल में 19 एमबीबीएस और 25 बीडीएस छात्रों ने अपने नाम किए।
- ब्रॉन्ज मेडल: 12 ब्रॉन्ज मेडल समान रूप से 6-6 एमबीबीएस और बीडीएस छात्रों को दिए गए।
- स्पेशल अवॉर्ड्स: चार बुक प्राइज, चार कैश प्राइज, दो जानवी दत्त मेडल और तीन स्पोर्ट्स कोटा के मेडल भी प्रदान किए गए।
1905: रियासतों के सहयोग से शुरू हुआ सफर-
केजीएमयू की स्थापना 1905 में मात्र 10 लाख 75 हजार 806 रुपए के दान से हुई थी। यह दान भारतीय रियासतों ने किया था, और इसमें ब्रिटिश शासन का कोई योगदान नहीं था।
- मेडिकल कॉलेज की नींव भारतीय उदारता और सहयोग की मिसाल थी।
- आज, यह संस्थान लगभग 100 एकड़ में फैले अपने भव्य परिसर के साथ देश का अग्रणी चिकित्सा विश्वविद्यालय बन चुका है।
मुख्यमंत्री का विजन: और बड़ी ऊंचाइयों की ओर-
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थापना दिवस के अवसर पर विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की सराहना की। उन्होंने कहा:
"यह संस्थान चिकित्सा शिक्षा और सेवाओं का प्रतीक है। अगले साल स्थापना दिवस तक, हम ओपीडी में मरीजों की संख्या को दोगुना करने का लक्ष्य रखते हैं।"
रिटायर डॉक्टरों का हुआ सम्मान-
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री ने केजीएमयू के सेवा-निवृत्त डॉक्टरों को सम्मानित किया। उनके योगदान को याद करते हुए, उन्होंने संस्थान के लिए किए गए उनके समर्पण की सराहना की। सम्मानित डॉक्टरों में शामिल हैं:
- प्रो. माला कुमार: बाल रोग विशेषज्ञ
- प्रो. आरके गर्ग: न्यूरोलॉजी
- प्रो. एसके द्विवेदी: कार्डियोलॉजी
- प्रो. अमिता जैन: डीन, एकेडेमिक्स
- प्रो. उमाशंकर सिंह: पैथोलॉजी विभाग
केजीएमयू की वर्तमान उपलब्धियां-
120 वर्षों के सफर में केजीएमयू ने चिकित्सा सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में अद्वितीय प्रगति की है:
- प्रत्येक वर्ष लाखों मरीजों का इलाज: ओपीडी में 19 लाख मरीजों की सेवाएं, 1.5 लाख भर्ती मरीज, और करीब 1 लाख ऑपरेशन।
- ट्रॉमा केयर: ट्रॉमा सेंटर में 90 हजार मरीजों का इलाज।
- निशुल्क सेवाएं: 30 हजार मरीजों को सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त इलाज।
- शोध प्रोजेक्ट: 22 करोड़ रुपये के 290 प्रोजेक्ट स्वीकृत।
तकनीक और मानव के संतुलन पर चर्चा-
आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मानिंद्र अग्रवाल ने तकनीक और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर अपने विचार साझा किए।
- एआई से मानव की भूमिका बदलने की संभावना:
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि तकनीक मानव का विकल्प नहीं हो सकती। हालांकि, यह मानव की भूमिका को बदल सकती है।
- रोबोटिक्स और विश्लेषण के प्रभाव:
उन्होंने बताया कि एआई के कारण रोबोटिक्स और विश्लेषण के क्षेत्र में बड़े बदलाव होंगे। रोबोट के माध्यम से जटिलतम सर्जरी संभव होगी, लेकिन जटिल परिस्थितियों में निर्णय लेने की क्षमता में मानव ही श्रेष्ठ रहेगा।
केजीएमयू और आईआईटी कानपुर का संयुक्त अनुसंधान-
प्रो. अग्रवाल ने आईआईटी कानपुर और केजीएमयू के बीच चल रहे अनुसंधान को एक नई ऊंचाई पर ले जाने की बात कही। उन्होंने दोनों संस्थानों के बीच सहयोग से चिकित्सा और तकनीकी विकास को आगे बढ़ाने पर जोर दिया।
प्रदेश का पहला वूमेन एंड चाइल्ड केयर सेंटर-
केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने घोषणा की कि संस्थान में प्रदेश का पहला अपेक्स सेंटर फॉर वूमेन एंड चाइल्ड केयर सेंटर स्थापित किया जाएगा। यह प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है।
टेलीमेडिसिन सेंटर की शुरुआत को मंजूरी-
कुलपति ने बताया कि संस्थान में टेलीमेडिसिन सेंटर की स्थापना को मंजूरी मिल चुकी है। इससे मरीजों को दूरस्थ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
केजीएमयू के उल्लेखनीय आंकड़े-
पिछले एक साल में केजीएमयू ने स्वास्थ्य सेवा में अपनी काबिलियत को बखूबी साबित किया है:
सरकारी योजनाओं के तहत 30 हजार मरीजों को निशुल्क चिकित्सा सेवा दी गई।
22 करोड़ रुपये के 290 प्रोजेक्ट स्वीकृत हुए।
मुख्यमंत्री का संदेश और भविष्य की दिशा-
सीएम योगी ने संस्थान की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि केजीएमयू न केवल प्रदेश बल्कि देशभर में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का अग्रणी संस्थान है। उन्होंने संस्थान को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का भरोसा जताया।