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क्या भारत में चुनावों को प्रभावित करना चाहता था अमेरिका? US एंबेसी ने बताई ये सच्चाई!

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भारत और अमेरिका के बीच हाल ही में एक अहम मुद्दे पर बड़ा खुलासा हुआ है। दरअसल, राज्यसभा में पूछे गए एक सवाल के बाद यह स्पष्ट हो गया कि यूएसएआईडी (United States Agency for International Development) को भारत में मतदाता संख्या बढ़ाने के लिए किसी तरह का फंड न तो मिला और न ही इस पर कोई खर्च हुआ।


चुनावी फंडिंग पर उठे सवाल, केंद्र ने साफ की तस्वीर

यह मामला तब उठा जब CPI(M) सांसद जॉन ब्रिटास ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या उसने उन रिपोर्टों पर कोई कार्रवाई की है जिनमें कहा गया था कि यूएसएआईडी का पैसा भारतीय चुनावों में मतदान बढ़ाने पर खर्च किया गया है। इस पर विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने साफ जवाब दिया कि ऐसी किसी भी रिपोर्ट में कोई सच्चाई नहीं है।

विदेश मंत्रालय ने मांगी थी पूरी जानकारी

सरकार ने बताया कि 28 फरवरी को विदेश मंत्रालय (MEA) ने अमेरिकी दूतावास से पिछले 10 वर्षों यानी 2014 से 2024 के बीच भारत में यूएसएआईडी से जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स का पूरा ब्योरा मांगा था। इसमें विशेष रूप से उन प्रोजेक्ट्स का जिक्र किया गया जिन्हें भारत सरकार और यूएसएआईडी की साझेदारी के बिना लागू किया गया हो।साथ ही मंत्रालय ने यह भी पूछा था कि किन गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) या कार्यान्वयन भागीदारों के माध्यम से ऐसी पहलें चलाई गईं और उन पर कितना खर्च हुआ।

अमेरिकी दूतावास का जवाब: कोई प्रोजेक्ट नहीं चला

इस पर अमेरिकी दूतावास ने जुलाई में साफ किया कि 2014 से 2024 के बीच भारत में मतदाता संख्या बढ़ाने के लिए यूएसएआईडी ने न तो कोई प्रोजेक्ट चलाया और न ही 183 करोड़ रुपये जैसा कोई फंड प्राप्त किया।दूतावास ने 2 जुलाई को विदेश मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट दी, जिसमें भारत में पिछले एक दशक में चलाए गए सभी यूएसएआईडी प्रोजेक्ट्स, उनके उद्देश्यों और उपलब्धियों की जानकारी शामिल थी।

15 अगस्त से बंद होंगे सभी प्रोजेक्ट्स

सबसे बड़ा खुलासा यह रहा कि अमेरिकी दूतावास ने 29 जुलाई को भारत सरकार को सूचित किया कि भारत में यूएसएआईडी के सभी काम 15 अगस्त 2025 से बंद कर दिए जाएंगे। यह फैसला दोनों देशों के बीच विकास कार्यों में हो रहे बदलाव और नई प्राथमिकताओं को देखते हुए लिया गया है।

ट्रंप की पोल खुली?

दिलचस्प बात यह है कि यह मुद्दा अमेरिकी राजनीति से भी जुड़ गया है। दरअसल, कुछ समय पहले अमेरिका में यह दावा किया गया था कि यूएसएआईडी के जरिए भारत जैसे देशों में चुनावी प्रक्रियाओं पर असर डालने की कोशिशें की जा रही हैं। लेकिन अमेरिकी दूतावास के इस स्पष्ट बयान ने इन दावों की हवा निकाल दी है।

ट्रंप के दावों पर सवाल, अमेरिकी बयान से खुली पोल

इस पूरी घटना से यह साफ है कि भारत में विदेशी फंडिंग से जुड़े मुद्दों पर केंद्र सरकार सतर्क है और किसी भी तरह की अफवाह या रिपोर्ट की गहन जांच कर रही है। वहीं, अमेरिकी दूतावास का यह बयान दोनों देशों के बीच पारदर्शिता और भरोसे को मजबूत करने वाला है।

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