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इंडिया-बांग्लादेश बॉर्डर पर कानपुर की धमक, ऐसी सर्चलाइट जो रखेगी चप्पे-चप्पे पर नजर

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उत्तर प्रदेश का एक शहर जो भारत की सुरक्षा से  अहम रूप से जुड़ा हुआ है  वह  शहर  कानपुर है। दरअसल कानपुर में बनी एक खास सर्चलाइट, जो भारत-बांग्लादेश बॉर्डर की निगरानी में अहम भूमिका निभा रही है। कानपुर की कालिन इंजीनियरिंग वर्क्स नामक कंपनी ने बीएसएफ यानी बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स के लिए एक विशेष प्रकार की सर्चलाइट तैयार की है। यह सर्चलाइट मोटराइज्ड है, जिसका मतलब है कि इसे रिमोट कंट्रोल से संचालित किया जा सकता है। खास बात ये है कि यह सर्चलाइट पूरी तरह से स्वदेशी है और आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत तैयार की गई है।

बीएसएफ ने दिया इतनी सर्चलाइट का ऑर्डर-

बीएसएफ ने इस सर्चलाइट का शुरुआती ऑर्डर 50 यूनिट्स का दिया है और इसके पीछे मुख्य कारण है बांग्लादेश बॉर्डर पर बढ़ती हुई घुसपैठ की आशंका। बांग्लादेश में मौजूदा समय में काफी अस्थिरता है, और वहां के कुछ लोग भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। इसी को देखते हुए बीएसएफ ने अपनी चौकसी और कड़ी कर दी है।

हाईबीम क्षमता वाली हैं ये सर्चलाइट्स-

ये सर्चलाइट्स हाईबीम क्षमता वाली हैं और लगभग एक किलोमीटर की दूरी तक साफ-साफ नजर रखने में सक्षम हैं। इनका वजन 60 किलो है और ये किसी भी मौसम में काम कर सकती हैं, चाहे बारिश हो या धूप, ये सर्चलाइट्स वाटरप्रूफ और हीटप्रूफ हैं। इसके अलावा, इसकी बॉडी एल्यूमीनियम की बनी है, जिससे यह और भी मजबूत हो जाती है। बीएसएफ ने इन सर्चलाइट्स की आपूर्ति में तेजी लाने की मांग की है ताकि बॉर्डर पर जल्द से जल्द इनका इस्तेमाल किया जा सके। इससे सीमा पर तैनात जवान किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि पर आसानी से नजर रख सकेंगे और समय रहते घुसपैठ को रोक सकेंगे।अब बात करते हैं इस सर्चलाइट की कुछ खासियतों की।

इस सर्चलाइट की ये है खासियत-

यह सर्चलाइट 360 डिग्री में घूम सकती है और 45 डिग्री तक ऊपर-नीचे भी मोड़ने की क्षमता रखती है। यह किसी भी प्रकार के वोल्टेज में जलने में सक्षम है, यानी कम या तेज वोल्टेज में भी यह सही ढंग से काम करती है। इसे रिमोट कंट्रोल से ऑपरेट किया जा सकता है, जिससे दूर बैठे जवान भी आसानी से बॉर्डर की निगरानी कर सकते हैं। कुल मिलाकर, यह सर्चलाइट न केवल बॉर्डर की सुरक्षा में एक बड़ा योगदान देगी, बल्कि यह भारत की स्वदेशी तकनीक की शक्ति का भी एक उदाहरण है। ऐसे उत्पाद न केवल देश की सुरक्षा को बढ़ाते हैं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को भी साकार करने में मदद करते हैं।

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