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लो भइया यहां तो...सीएम के साथ ही चीटिंग हो गई! गाडियों में डीजल की जगह भर दिया पानी

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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की रतलाम यात्रा से पहले एक बड़ी प्रशासनिक चूक सामने आई है। उनके काफिले की करीब 19 गाड़ियों में डीजल की जगह पानी भर दिया गया, जिससे सभी वाहन कुछ ही दूरी पर जाकर अचानक बंद हो गए। यह मामला गुरुवार देर रात का है, जब सीएम के काफिले की गाड़ियाँ ढोसी गांव के शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप (भारत पेट्रोलियम) पर डीजल भरवा रही थीं। घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने जब डीजल टैंक खाली कराए, तो उनमें से पानी निकलता पाया गया। इसके तुरंत बाद प्रशासन ने पेट्रोल पंप को सील कर दिया और पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

काफिला रुका, कार्यक्रम प्रभावित होने से बचा

सीएम मोहन यादव शुक्रवार को रतलाम में आयोजित ‘एमपी राइज 2025’ रीजनल कॉन्क्लेव में शामिल होने वाले हैं। इसके लिए इंदौर से विशेष रूप से मंगवाई गई 19 इनोवा कारें सीएम काफिले का हिस्सा थीं। लेकिन डीजल की जगह पानी भर जाने से एक-एक करके सभी गाड़ियां बंद हो गईं। स्थिति को देखते हुए इंदौर से तुरंत वैकल्पिक गाड़ियों की व्यवस्था की गई ताकि सीएम का कार्यक्रम प्रभावित न हो।

पेट्रोल पंप बना 'वार ज़ोन', मचा अफरातफरी

घटना की सूचना मिलते ही नायब तहसीलदार आशीष उपाध्याय, खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी आनंद गोरे, और भारत पेट्रोलियम के क्षेत्रीय प्रबंधक श्रीधर सहित कई अधिकारी मौके पर पहुंचे। जांच के दौरान यह पाया गया कि 20 लीटर डीजल में से लगभग 10 लीटर पानी मिला हुआ था। यह स्थिति लगभग सभी गाड़ियों में समान रूप से देखी गई। एक ट्रक ड्राइवर ने भी शिकायत की कि उसने 200 लीटर डीजल भरवाया, लेकिन कुछ दूर चलने के बाद उसका ट्रक भी बंद हो गया। इससे स्थिति और गंभीर हो गई।

पेट्रोल पंप कर्मचारियों का तर्क: “बारिश से रिसाव हुआ”

शक्ति फ्यूल्स पेट्रोल पंप के कर्मचारियों ने बचाव में कहा कि भारी बारिश के कारण पानी टैंक में रिस गया होगा, लेकिन अधिकारियों ने इस तर्क को गंभीर लापरवाही मानते हुए फ्यूल स्टेशन को सील कर दिया और सैंपल जांच के लिए भेजे गए।

बड़ा सवाल: क्या यह सिर्फ लापरवाही है या साजिश?

इस घटना ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीएम काफिले जैसी उच्च स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था में ऐसी चूक कैसे हुई? क्या यह केवल एक तकनीकी गलती है या इसके पीछे कोई गहरी साजिश है — इसकी जांच अब उच्च स्तर पर की जा रही है।

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