आर्थिक सुस्ती के बीच मॉर्गन स्टेनली ने घटाया भारत की GDP ग्रोथ का पूर्वानुमान, क्या है भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य?
- पिछली तिमाही (Q1FY25) में यह दर 6.7% थी।
- एक साल पहले की समान तिमाही (Q2FY24) में यह 8.1% थी।
GVA में भी आई गिरावट-
जुलाई-सितंबर तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 5.6% की दर से बढ़ा, जबकि एक साल पहले यह 7.7% था।
- Q1FY25 में GVA ग्रोथ 6.8% थी।
सेक्टर-वार प्रदर्शन: कौन कितना मजबूत, कौन कमजोर?
भारत के विभिन्न सेक्टर्स में विकास दर की स्थिति इस प्रकार रही:
- माइनिंग: -0.1% (पिछले साल 11.1%)
- मैन्युफैक्चरिंग: 2.2% (पिछले साल 14.3%)
- इलेक्ट्रिसिटी: 3.3% (पिछले साल 10.5%)
- कंस्ट्रक्शन: 7.7% (पिछले साल 13.6%)
- एग्रीकल्चर: 3.5% (पिछले साल 1.7%)
- ट्रेड और होटल: 6% (पिछले साल 4.5%)
- फाइनेंस और रियल एस्टेट: 6.7% (पिछले साल 6.2%)
- पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन: 9.2% (पिछले साल 7.7%)
ग्लोबल परिप्रेक्ष्य: भारत अब भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था
हालांकि भारत की GDP ग्रोथ में गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन यह अब भी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही है।
चीन: 4.6%
जापान: 0.9%
GDP और GVA: क्या है अंतर?
GDP (ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट)
GDP देश में एक अवधि के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापती है। यह किसी भी अर्थव्यवस्था की स्वास्थ्य का मापन करती है।
- रियल GDP: स्थिर मूल्य (बेस ईयर 2011-12) पर कैलकुलेट होती है।
- नॉमिनल GDP: मौजूदा कीमतों पर कैलकुलेट होती है।
GVA (ग्रॉस वैल्यू एडेड)-
GVA से पता चलता है कि इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल के दाम निकालने के बाद कुल उत्पादन कितना हुआ। यह आर्थिक उत्पादन और इनकम को दर्शाता है।
क्या है GDP ग्रोथ में गिरावट का मुख्य कारण?
विशेषज्ञों के अनुसार, मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कमजोर स्थिति और माइनिंग में गिरावट GDP ग्रोथ को धीमा कर रहे हैं।
भारत की अर्थव्यवस्था का भविष्य-
आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत की विकास दर अन्य देशों की तुलना में मजबूत बनी हुई है। यह स्थिति निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भारत की GDP ग्रोथ में गिरावट भले ही चिंता का विषय हो, लेकिन इसके दीर्घकालिक आर्थिक बुनियाद अभी भी मजबूत हैं। नीतिगत सुधार और संरचनात्मक बदलाव GDP ग्रोथ को फिर से पटरी पर लाने में मदद कर सकते हैं।