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पुरस्कार विजेता शिक्षकों को यूपी में मिलेगी नई सुविधा

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यूपी में अब नेशनल और स्टेट अवार्ड प्राप्त टीचर्स को मुफ्त बस में यात्रा की सुविधा मिलेगी। प्रदेश सरकार अब यूपी राज्य परिवहन निगम की बसों में मुफ्त यात्रा के लिए अवार्ड विनिंग शिक्षकों को स्मार्ट कार्ड देने जा रही है। 5 सालों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इस स्मार्ट कार्ड से शिक्षक पूरे यूपी में कहीं भी मुफ्त सफ़र कर सकते हैं। इस संबंध में सरकार ने सभी शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक (District Inspector of School) से शिक्षकों की जानकारी मांगी है। योजना के तहत अब उनके लिए स्मार्ट कार्ड को इश्यू किया जाएगा, जिसमें उनका पूरा विवरण होगा। बेसिक शिक्षा विभाग और माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशकों ने सभी जिलों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को अवार्ड विनिंग शिक्षकों का ब्यौरा डिटेल के साथ उपलब्ध कराने को कहा है। दोनों विभाग के निदेशकों ने यह निर्देश दिए हैं कि स्टेट अवार्ड प्राप्त शिक्षकों का पता लगा कर उनकी डिटेल एक हफ्ते के अंदर दे। जिसके बाद आगे की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इसके लिए अगर शिक्षक चाहे तो वह खुद भी आवेदन कर सकते हैं। 

स्मार्ट कार्ड कैसे करेगा काम 
इस स्मार्ट कार्ड पर कूपन भी दिए जाएंगे जिसका लाभ शिक्षकों को मिलेगा। प्रतिवर्ष इस कूपन से यात्रा की सीमा 4 हजार किलोमीटर तय की गई है। जिसकी अवधि 5 साल तक रहेगी। हालांकि शुरुआत में इस कार्ड का मूल्य शिक्षक को खुद ही देना होगा। परिवहन निगम द्वारा जो स्मार्ट कार्ड शिक्षकों के लिए जारी किये जाएंगे उन्हें टिकटिंग मशीन पर टैप करने से अमाउंट जीरो हो जाएगा। इस टिकट में बस का रूट, बस नंबर, कहा से कहा तक जाना है, इस तरह की सभी जानकारियां मौजूद रहेंगी। कार्ड में स्मार्ट चिप लगा होगा जिसमें शिक्षक की पूरी डिटेल मौजूद रहेगी। 

कैसे करे आवेदन?
स्मार्ट कार्ड प्राप्त करने के लिए शिक्षक को यूपी परिवहन की अधिकारिक वेबसाइट www.upsrtc.com पर जाकर आवेदन करना होगा। वेबसाइट पर शिक्षक को अपने पुरस्कार का विवरण और अन्य जानकारी अपलोड करनी होगी। अगर शिक्षक ऑफलाइन आवेदन करना चाहे तो वह परिवहन विभाग के दफ्तर में जाकर भी कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास आधार कार्ड और बेसिक या माध्यमिक शिक्षा निदेशक द्वारा दिए गए प्रमाण पत्र की ज़रूरत होगी। इसके लिए कार्ड के मूल्य 100 रूपए, 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ देने होंगे। 

क्या है राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार? 
शिक्षकों को पुरस्कार देने की योजना साल 1958-59 में शुरू हुई। जिसका उद्देश्य था शिक्षकों के योगदान के लिए उत्सव मानना और उन शिक्षकों का सम्मान करना जिन्होंने अपने कौशल और मेहनत से न केवल शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाया बल्कि अपने स्टूडेंट्स के आने वाले भविष्य को भी संवारा। इस योजना के तहत हर साल 5 सितंबर (शिक्षक दिवस) को ऐसे शिक्षकों को राष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाता है।

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए कौन है योग्य?
जो शिक्षक नियमित रूप से स्कूल या संस्था में कार्य कर रहे हैं वे सभी इसके लिए योग्य हैं। ख़ास बात यह है कि अवार्ड के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरने का शिक्षकों को पूरा टाइम दिया जाता है। इस अवार्ड के शिक्षकों का चयन एक इंडिपेंडेंट जूरी करती है। संविदा पर काम कर रहे शिक्षक और शिक्षामित्र इसके लिए योग्य नहीं माने जाएंगे। ट्यूशन पढ़ाने वाले शिक्षकों को भी अपात्र माना जाता है।

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