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121 श्रद्धालुओं की मौत का मामला, भाजपा का झण्डा लगी गाड़ी में नारायण साकार हरि की पेशी!

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हाथरस जिले में हुए सत्संग भगदड़ हादसे में 121 श्रद्धालुओं की दर्दनाक मौत के मामले में गुरुवार को बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा न्यायिक आयोग के सामने पेश हुए। उन्हें भारी सुरक्षा के बीच लखनऊ स्थित सचिवालय लाया गया। बाबा नारायण हरि सफेद रंग की फॉर्च्यूनर गाड़ी से पहुंचे, जिसमें भाजपा का झंडा भी लगा हुआ था। इस गाड़ी के बारे में बताया जा रहा है कि यह विधायक बाबूराम पासवान की है, जो दारुलशफा विधायक निवास के 17 ए पर पंजीकृत है।

एडवोकेट एपी सिंह का बयान-

एडवोकेट एपी सिंह ने कहा कि बाबा नारायण साकार हरि को न्यायिक आयोग के तीन सदस्यीय पैनल के समक्ष पेश होने के लिए बुलाया गया है। इस आयोग को हाथरस केस से संबंधित फाइनल रिपोर्ट तैयार करनी है। चार्जशीट पहले ही दाखिल हो चुकी है और जांच भी पूरी हो चुकी है। आज न्यायिक आयोग उनके बयान दर्ज करेगा, जिसमें भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और संभावित साजिशों को नाकाम करने के उपाय सुझाए जाएंगे।

क्या है पूरा मामला?

जुलाई महीने में हाथरस के सिकंदराराऊ के फुलरई मुगलगढ़ी गांव में बाबा नारायण साकार हरि उर्फ सूरजपाल के सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों की जान चली गई थी। सत्संग में भाग लेने के लिए हजारों की भीड़ जमा हुई थी, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में विफलता के कारण हादसा हुआ। बताया जाता है कि बाबा के सेवादारों ने उनका काफिला निकालने के लिए भीड़ को रोक दिया था, जिसके बाद श्रद्धालु उनके चरण रज लेने की होड़ में गिरते चले गए, और भगदड़ मच गई।

हादसे के बाद की गई कार्रवाई-

इस घटना के बाद पुलिस ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर सहित अन्य सेवादारों के खिलाफ कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया गया। इनमें गैर इरादतन हत्या, प्राण घातक हमला, गंभीर चोट पहुंचाना, बंधक बनाने, निषेधाज्ञा का उल्लंघन और साक्ष्य छिपाने जैसे आरोप शामिल थे। इन पर यह भी आरोप लगाया गया था कि सत्संग के लिए प्रशासन द्वारा 80 हजार लोगों के जुटने की शर्त का उल्लंघन कर 2.5 लाख की भीड़ जुटाई गई थी। साथ ही, यातायात प्रबंधन में भी इन लोगों ने सहयोग नहीं किया।

चार्जशीट में 11 लोग बने आरोपी-

इस हादसे के मामले में पुलिस ने 1 अक्टूबर को कोर्ट में 3200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 11 लोगों को आरोपी बनाया गया था। मुख्य आरोपियों में देव प्रकाश मधुकर, मेघ सिंह, मुकेश कुमार, मंजू देवी, मंजू यादव, राम लड़ेते, उपेंद्र सिंह, संजू कुमार, राम प्रकाश शाक्य, दुर्वेश कुमार और दलवीर सिंह शामिल थे।

कुछ आरोपियों को मिली जमानत-

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से दो महिलाएं मंजू देवी और मंजू यादव को इलाहाबाद हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिल चुकी है। हालांकि, जमानत का सत्यापन और आदेश कोर्ट में नहीं पहुंचने के कारण उन्हें अभी रिहा नहीं किया गया है। मामले में अन्य आरोपियों पर भी कानूनी प्रक्रिया जारी है, और पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है।

हादसे के बाद बाबा पर उठे सवाल-

इस भगदड़ ने बाबा नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा और उनके सत्संग आयोजनों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासनिक लापरवाही और भीड़ नियंत्रण में असफलता ने इस दुखद हादसे को जन्म दिया। न्यायिक आयोग द्वारा मामले की जांच चल रही है, और अब यह देखना बाकी है कि आगे की कानूनी कार्रवाई में क्या निष्कर्ष निकलता है।

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