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भारत ने तंबाकू नियंत्रण की दिशा में जो मजबूत कदम उठाए हैं, उन्हें अब वैश्विक स्तर पर मान्यता मिल रही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की नई रिपोर्ट “Tobacco Epidemic 2025” में बताया गया है कि आज दुनिया की तीन-चौथाई आबादी कम से कम एक तंबाकू नियंत्रण नीति से सुरक्षित है। 2007 में यह संख्या केवल एक अरब लोगों तक सीमित थी। इस उल्लेखनीय प्रगति के बावजूद, रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि ई-सिगरेट और तंबाकू उद्योग का बढ़ता प्रभाव दुनिया भर में एक नई चुनौती बन रहा है।
भारत को मिला WHO-ब्लूमबर्ग ग्लोबल अवॉर्ड
तंबाकू नियंत्रण में साहसिक और प्रभावशाली नीतियों को लागू करने के लिए भारत को ब्लूमबर्ग फिलान्थ्रपीज ग्लोबल टोबैको कंट्रोल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार आयरलैंड की राजधानी डबलिन में आयोजित WHO सम्मेलन के दौरान भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय को दिया गया। यह सम्मान पूर्व न्यूयॉर्क मेयर माइकल आर. ब्लूमबर्ग ने personally प्रदान किया।
WHO के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने भारत की खुलकर प्रशंसा करते हुए कहा, "भारत जैसे देशों ने तंबाकू उद्योग के भारी दबाव के बावजूद साहसी निर्णय लिए हैं। यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए प्रेरणादायक उदाहरण हैं।"
भारत की नीतियों को वैश्विक सराहना
रिपोर्ट में भारत द्वारा अपनाई गई कई नीतियों को उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है:
सभी मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर तंबाकू विज्ञापन, प्रायोजन और प्रमोशन (TAPS) पर पूर्ण प्रतिबंध
फिल्म और टीवी में तंबाकू दिखाए जाने पर चेतावनी विज्ञापन और स्क्रीन नोटिफिकेशन अनिवार्य
डिजिटल प्लेटफॉर्म तक नियमों का विस्तार
सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध और तंबाकू उपयोग पर निगरानी
कर वृद्धि और चेतावनी लेबल के नियम लागू
हालांकि, रिपोर्ट ने यह सुझाव भी दिया कि भारत को TAPS के सभी स्वरूपों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की दिशा में और कठोर कदम उठाने चाहिए।
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
आज दुनिया की 6.1 अरब आबादी कम से कम एक तंबाकू नियंत्रण नीति के दायरे में है
2007 से अब तक 155 देश WHO की MPOWER रणनीति में से कम से कम एक उपाय अपना चुके हैं
फिर भी हर साल तंबाकू से 70 लाख और सेकेंड हैंड स्मोकिंग से 13 लाख मौतें होती हैं
ई-सिगरेट और निकोटिन डिलीवरी प्रोडक्ट्स पर नियंत्रण की सख्त आवश्यकता जताई गई है
ई-सिगरेट: उभरता खतरा
WHO ने रिपोर्ट में चेताया कि तंबाकू उद्योग अब ई-सिगरेट और नए निकोटिन उत्पादों के माध्यम से युवाओं को लक्ष्य बना रहा है। कई देशों में इस पर स्पष्ट नीति की कमी चिंता का विषय है। रिपोर्ट ने विशेष रूप से सरकारों को सतर्क करते हुए कहा कि "पुराने दुश्मन अब नए रूप में लौट रहे हैं।"
तंबाकू पर नियंत्रण में दिखी सफलता
भारत जैसे देशों की प्रतिबद्धता और नीति-निर्माण की ताकत अब वैश्विक स्वास्थ्य नीति में दिशा तय कर रही है। जबकि तंबाकू के खिलाफ जंग में काफी प्रगति हुई है, लेकिन यह जंग अभी खत्म नहीं हुई — विशेषकर जब नई चुनौतियाँ जैसे ई-सिगरेट सामने हों।
Baten UP Ki Desk
Published : 26 June, 2025, 1:02 pm
Author Info : Baten UP Ki