मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शनिवार को वाराणसी के स्वर्वेद मंदिर में विहंगम योग के शताब्दी समारोह में शामिल हुए। इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बाबा विश्वनाथ की पवित्र भूमि पर आयोजित इस दिव्य आयोजन में सभी का स्वागत है। उन्होंने विहंगम योग संत-समाज द्वारा भारत की योग-परंपरा और आध्यात्मिक धारा को आगे बढ़ाने के कार्य की सराहना की। मुख्यमंत्री ने सद्गुरु सदाफलदेव जी महाराज की स्मृतियों को नमन करते हुए इसे जन-जागरण का एक महत्वपूर्ण अभियान बताया।
धर्म और सुरक्षा का आपसी संबंध-
सीएम योगी ने अपने संबोधन में धर्म और राष्ट्र की सुरक्षा का महत्व रेखांकित किया। उन्होंने कहा, "जब हमारा देश सुरक्षित है, तभी हमारा धर्म सुरक्षित है, और जब धर्म सुरक्षित है, तभी हम सुरक्षित हैं।" उनका संदेश था कि समाज को मत और मजहब से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करना चाहिए।
काशी: विकास और विरासत का संगम-
सीएम योगी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाराणसी के लिए किए गए विकास कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पिछले दस वर्षों में काशी का कायाकल्प हुआ है। दुनिया का सबसे बड़ा स्नान घाट, नमो घाट, काशी में बनाया गया है, जिसमें हेलीपैड भी है। काशी में देव मंदिरों का जीर्णोद्धार, सड़क, रेल और वायुसेवा की बेहतर कनेक्टिविटी ने इसे विश्वस्तरीय बनाया है। उन्होंने जलमार्ग से हल्दिया तक की कनेक्टिविटी को भी काशी के विकास का प्रतीक बताया।
योग को वैश्विक मंच पर ले जाने में पीएम मोदी का योगदान-
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री मोदी की नेतृत्व क्षमता की प्रशंसा करते हुए कहा कि योग को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। उन्होंने आगामी प्रयागराज महाकुंभ को भव्य आयोजन बताया और इसे भारतीय सांस्कृतिक धरोहर का एक उत्कृष्ट उदाहरण कहा।
तकनीक और आध्यात्म का मेल: भारतीयता की पहचान-
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत का आध्यात्म केवल परंपरा का अनुसरण नहीं करता, बल्कि तकनीक और विज्ञान को भी अपनाता है। स्वर्वेद मंदिर के आयोजन में 25,000 यज्ञों के विहंगम दृश्य और पंडालों की वैज्ञानिक पद्धति इसकी मिसाल हैं। उन्होंने इस आयोजन के सफल प्रबंधन के लिए ट्रस्ट से जुड़े सभी पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया।
अयोध्या और रामलला: भारत के गौरव का प्रतीक-
योगी आदित्यनाथ ने 22 जनवरी 2024 को रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने की घटना को ऐतिहासिक बताया। उन्होंने इसे भारतीय संस्कृति और परंपरा के पुनर्जागरण का प्रतीक बताया।
विकास और आध्यात्म का संतुलन-
सीएम योगी का वाराणसी दौरा यह दर्शाता है कि उत्तर प्रदेश में विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक मूल्यों को भी सम्मान दिया जा रहा है। काशी को संवारने और योग-परंपरा को बढ़ावा देने के साथ, राज्य ने एक बार फिर विकास और विरासत का संतुलन प्रस्तुत किया है।