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यूपी में महिला उत्पीड़न 12% बढ़ा! क्या फोन और इंटरनेट बन रहे हैं नए हथियार?

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उत्तर प्रदेश में महिला उत्पीड़न के मामलों में चिंताजनक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 1090 वीमेन पावर लाइन के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2024 में ऐसे मामलों में 12 प्रतिशत वृद्धि हुई। सबसे अधिक शिकायतें अनचाही फोन कॉल और साइबर बुलिंग से जुड़ी हैं, जिनकी वजह से किशोरियों से लेकर विवाहिताएं तक मानसिक तनाव झेल रही हैं। राजधानी लखनऊ सबसे प्रभावित है, जहां एक जुलाई से एक अगस्त के बीच हर महीने करीब 5,000 कॉल दर्ज हो रही हैं।

घरेलू हिंसा के मामलों में भी इजाफा

1090 में डिप्टी एसपी विनोद यादव ने बताया कि घरेलू हिंसा के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं और इनमें सबसे अधिक पीड़िताएं शहरी क्षेत्रों से हैं। इन मामलों से निपटने के लिए यूनिसेफ के 36 मनोवैज्ञानिकों की टीम हर दिन सैकड़ों महिलाओं की काउंसिलिंग कर रही है।

साल-दर-साल शिकायतों का आंकड़ा

  • वर्ष 2023: लगभग 4,00,000 कॉल

  • वर्ष 2024: लगभग 4,50,000 कॉल

यह आंकड़ा साफ दर्शाता है कि एक साल में शिकायतों में भारी बढ़ोतरी हुई है।

जुलाई 2025 का प्रदेशवार आंकड़ा

  • कुल शिकायतें: 43,000 से अधिक

  • फोन बुलिंग, साइबर बुलिंग से जुड़ी शिकायतें: 13,925

  • ऑनलाइन फैमिली काउंसिलिंग कॉल: 841

  • अन्य प्रकरणों से संबंधित शिकायतें: 28,933

क्या होती हैं प्रमुख शिकायतें?

अनचाही फोन कॉल, साइबर बुलिंग, घरेलू हिंसा, रिश्तों में दरार और दहेज प्रताड़ना—ये सभी मामले लगातार सामने आ रहे हैं।

हर दिन 7,000 से अधिक पीड़िताओं की कॉल

वीमेन पावर लाइन के अपर पुलिस अधीक्षक विजय त्रिपाठी ने बताया कि एक दिन में पूरे प्रदेश से सात हजार से अधिक कॉल आ रही हैं। इनमें से 60 प्रतिशत पीड़िताओं को मनोवैज्ञानिक सहायता की जरूरत होती है। यूनिसेफ के मनोवैज्ञानिक इन महिलाओं को काउंसिलिंग के जरिए आत्मविश्वास देते हैं और गलत कदम उठाने से रोकते हैं।

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