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उत्तर प्रदेश में आज से एक नया बैंकिंग अध्याय शुरू हो गया है। राज्य में ग्रामीण बैंकिंग को सशक्त और केंद्रीकृत बनाने के उद्देश्य से आर्यावर्त बैंक, प्रथमा बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक का विधिवत विलय कर दिया गया है। इस ऐतिहासिक विलय के बाद अब इन तीनों बैंकों को 'उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक' के नाम से जाना जाएगा।
अब 'उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक' के नाम से चलेंगी 74 शाखाएं
अलीगढ़ जिले में अब तक संचालित आर्यावर्त बैंक का क्षेत्रीय कार्यालय और इसकी 74 शाखाएं भी आज से नए नाम और पहचान के साथ कार्य करेंगी। इस बदलाव की पुष्टि करते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक नीना गुप्ता ने बताया कि ग्राहकों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी। बैंकिंग सेवाएं पहले की तरह जारी रहेंगी, बल्कि अब और बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
अलीगढ़ में आर्यावर्त बैंक की स्थिति:
कुल 74 शाखाएं
15.76 लाख खाताधारक
2778 करोड़ रुपये की जमाराशि
5258 करोड़ रुपये का वार्षिक कारोबार
बैंकिंग का अब तक का सफर:
ग्रामीण बैंकिंग के क्षेत्र में अलीगढ़ की यात्रा 1981 में शुरू हुई, जब यहां पहली बार ग्रामीण बैंक की स्थापना की गई। इसके बाद 2006 में अलीगढ़, एटा और आगरा जिलों को मिलाकर श्रेयस ग्रामीण बैंक का गठन हुआ। वर्ष 2013 में इसका पुनर्गठन कर ग्रामीण बैंक ऑफ आर्यावर्त बनाया गया और फिर 2019 में यह आर्यावर्त बैंक के रूप में स्थापित हुआ। अब 2025 में एक नई व्यवस्था के तहत आर्यावर्त बैंक, प्रथमा बैंक और बड़ौदा यूपी बैंक का विलय कर 'उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक' का गठन किया गया है। इस नवगठित बैंक में कुल 26 जिलों को शामिल किया गया है और इसके अंतर्गत 22 क्षेत्रीय कार्यालय संचालित होंगे।
इस बदलाव से क्या होंगे लाभ?
इस बड़े बदलाव के साथ उम्मीद की जा रही है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुंच और गुणवत्ता दोनों में सुधार होगा। यह पहल राज्य को वित्तीय समावेशन की दिशा में एक मजबूत कदम प्रदान करेगी।
Baten UP Ki Desk
Published : 1 May, 2025, 3:11 pm
Author Info : Baten UP Ki