उत्तर प्रदेश में प्रौद्योगिकी से संबंधित मुद्दे, प्रसार तथा प्रयत्न
उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करने वाला राज्य है। प्रदेश सरकार का लक्ष्य 2027 तक 1 ट्रिलियन इकोनामी बनने का है इस निमित्त विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण रहेगी। इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए सरकार ने कई क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय विकास किये हैं। आइये विभिन्न क्षेत्रों में हुए इस विकास पर नजर डालते हैं।
कृषि प्रौद्योगिकी:
- उत्तर प्रदेश कृषि में अत्यंत अग्रणी राज्य है। कृषि उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार है। हालांकि परिवर्तित हो रहे जलवायु तथा फसल चक्र, कृषि को व्यापक रूप से प्रभावित कर रहा है। इस स्थिति में कृषि में निरंतर शोध की आवश्यकता है। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान इत्यादि जैसे कई संस्थानों का निर्माण उत्तर प्रदेश में कृषिगत शोध के लिए किया गया है।
- जलवायु परिवर्तन के प्रभाव को कम करने के लिए उन्नत बीजों तथा बेहतर सिंचाई प्रणाली की आवश्यकता है जो विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी हस्तक्षेप से ही संभव है। जुलाई 1989 में कृषि विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना की गई। प्रदेश में गन्ने के महत्व को समझते हुए भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान की स्थापना 1952 में लखनऊ में की गई।
- इसके अतिरिक्त सरदार बल्लभ भाई कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय मेरठ, चंद्र शेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर, आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या, इत्यादि कृषि शोध के महत्वपूर्ण संस्थान हैं।
- यूपी एग्रो इंडस्ट्रियल कारपोरेशन की स्थापना 29 मार्च 1967 को की गई जो कृषकों को रासायनिक उर्वरक कीटनाशक तथा उपकरण आदि उचित मूल्य पर प्रदान करता है।
- फल, साग सब्जी तथा फूलों के लिए उत्तक संवर्धन प्रयोगशाला अलीगंज लखनऊ में स्थापित की गई है।
- इसके अतिरिक्त भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र कृषि प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य प्रौद्योगिकी:
- उत्तर प्रदेश में कैंसर, मधुमेह, एड्स जैसे घातक बीमारियों से ग्रस्त लोगों की संख्या कम नही है। इस स्थिति में चिकित्सा में तकनीकी की आवश्यकता बहुत अधिक बढ़ जाती है। केंद्र सरकार के सहयोग से लखनऊ, प्रयागराज, झांसी तथा गोरखपुर, इत्यादि स्थानों पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना की गई है। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में कैंसर संस्थानों की स्थापना की जा रही है।
- केंद्र तथा राज्य सरकार के सहयोग से प्रदेश में राष्ट्रीय क्षय नियंत्रण कार्यक्रम चलाया जा रहा है। यह 1968 से चल रहा है तथा 2005 तक पूरे प्रदेश को कवर कर लिया गया है।
- प्रत्येक एक लाख की जनसंख्या पर माइक्रोस्कोपिक सेंटर तथा प्रत्येक पांच लाख की जनसंख्या पर एक टी.बी सेंटर स्थापित किया गया है।
- विश्व बैंक के सहयोग से वर्ष 2000 से उत्तर प्रदेश हेल्थ सिस्टम डेवलपमेंट पर योजना चलाई जा रही है। यह परियोजना चिकित्सा इकाइयों के जीर्णोद्धार के लिए आरंभ की गई है।
- राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन की पहल पर कानपुर में प्रदेश के पहले एड्स चिकित्सालय की स्थापना की गई है। इसके अतिरिक्त संक्रामक रोग चिकित्सालय तथा मानसिक चिकित्सालय (वाराणसी तथा बरेली) में स्थापित है।
सूचना प्रौद्योगिकी :
- वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश देश के अग्रणी इलेक्ट्रॉनिक्स राज्यों में है। 1974 में प्रदेश में राज्य सूचना प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना की गई थी जिसे 1998 में सूचना प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रॉनिक्स विभाग में परिवर्तित कर दिया गया।
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति 2018, उत्तर प्रदेश को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग हब बनाने के उद्देश्य से लाया गया है। यह 2022 तक इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एवं मैन्युफैक्चरिंग में लगभग 20 हजार रुपए का निवेश कराकर तीन लाख रोजगार सृजित करने का लक्ष्य रखता है।
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश सूचना प्रौद्योगिकी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अंतर्गत यूपी इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन लिमिटेड तथा यूपीडेस्को का निर्माण किया गया है। 1977 में की गई थी। यह योजनाओं एवं कार्यक्रमों के को तकनीकी विकल्प देने तथा डाटा प्रबंधन में सहायता करता है। वही इलेक्ट्रॉनिक्स कारपोरेशन लिमिटेड राज्य के स्मार्ट स्टेट के लक्ष्य की पूर्ति के लिए यह गवर्नेस ई-कॉमर्स, शिक्षा, सॉफ्टवेयर विकास, ई बिजनेस इत्यादि क्षेत्रों में योगदान देता है।
- इन प्रयासों के अतिरिक्त सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (नोएडा कानपुर तथा लखनऊ प्रयागराज) ई-प्रोक्योरमेंट, नेशनल ई-गवर्नेस प्रोग्राम सेंटर फॉर गवर्नेस उत्तर प्रदेश, स्वान परियोजना, स्टेट डाटा सेंटर, ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना इत्यादि चलाई जा रही हैं।
- यह न सिर्फ आर्थिक बल्कि सामाजिक विकास का भी वाहक बन रहा है ध्यातव्य है कि वीमेन पावर लाइन 1090 तथा डायल 112 यूपी डेस्को के माध्यम से चलाई जा रही हैं जो अपराध को कम करने में सहायक हैं।
अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी:
- उत्तर प्रदेश के कृषि भूमिगत जल स्तर इत्यादि की को हल करने के लिए रिमोट सेन्सिंग तकनीक की क्षमताओं को आँकते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने लखनऊ में एक 'रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन केंद्र' स्थापित करने की ओर कदम बढ़ाया है। इससे पूर्व सन 1982 में तत्कालीन सरकार द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन केंद्र एक स्वायत्त संस्था के रूप में स्थापित किया गया था। इसकी स्थापना 1960 के सोसाइटी एक्ट के अधीन की गई थी। इसकी स्थापना का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों का वाहय स्रोतों से समुचित प्रबंधन करना था। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना था कि उभरती हुई नई तकनीक के माध्यम से हम कैसे अपने प्राकृतिक संसाध नों को उपग्रहों द्वारा रिमोट सेन्सिंग एप्लीकेशन से भली प्रकार समायोजित कर सकते हैं। इस केंद्र की स्थापना का उद्देश्य यह भी था कि रिमोट सेन्सिंग की उच्च तकनीक को उपभोक्ताओं के साथ कैसे एकरूप किया जाए।
- इसके अतिरिक्त लखनऊ स्थित परिषद के ऑडिटोरियम में सेटेलाइट बेस्ट कंप्यूटर इंटरएक्टिव सेंटर की स्थापना की गई है यह विज्ञान है के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान के माध्यम से शिक्षण कार्य किया जाता है।
- प्रदेश में खगोलीय के प्रति लोगों की जागरूकता को उत्पन्न करने के लिए इंदिरा गांधी नक्षत्र शाला लखनऊ, वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला गोरखपुर, आर्यभट्ट नक्षत्र शाला रामपुर, मोबाइल नक्षत्र शाला, जवाहर नक्षत्र शाला प्रयागराज इत्यादि को स्थापित किया गया है।
जैव प्रौद्योगिकी:
- उत्तर प्रदेश जैविक रूप से एक विविध प्रदेश है यह सबसे बड़ी जनसंख्या का प्रतिनिधित्व करता है इसके अतिरिक्त इसकी कृषि विविधता भी बहुत अधिक है कृषि उद्योग खाद्यान्न व पोषक तत्व प्रबंधन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों के लिए जैव प्रौद्योगिकी के लिए 1998-99 में प्रदेश में जैव प्रौद्योगिकी की विशेष पहल आरंभ की गई।
- 2004 के जैव प्रौद्योगिकी नीति प्रदेश को जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में प्रमुख स्थान दिलाने तथा औद्योगिक निवेश को आकर्षित करने व जैव प्रौद्योगिकी शोध एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए घोषित की गई है। इस नीति के अंतर्गत मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक 33 सदस्य जैव प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड का भी गठन किया गया है।
- इसके अतिरिक्त लखनऊ में जैव प्रौद्योगिकी पार्क, जैव उर्वरक परियोजना बायोटेक नेटवर्किंग फैसिलिटी केंद्र पर नील हरित शैवाल जैव उर्वरक के उत्पादन, क्लोनिंग गार्डन परियोजना को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- ध्यातव्य है कि लखनऊ को 2002 में भारत का जैव प्रौद्योगिकी नगर घोषित किया गया है।
प्रौद्योगिकी शिक्षा:
- उत्तर प्रदेश एक बड़ा श्रम आपूर्तिकर्ता प्रदेश है परंतु यहां कौशल विकास एक बड़ी रूप में सामने है। ध्यातव्य की कोरोना काल के दौरान उत्तर प्रदेश वापस आए 30 लाख श्रमिकों में से 50% से अधिक श्रमिक थे। हालांकि प्राविधिक शिक्षा तथा कौशल विकास के लिए सरकारों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं जो निम्नवत वर्णित है।
- केंद्र सरकार के सहयोग से प्रधानमंत्री कौशल विकास तथा विकास योजनाओं का संचलन किया जा रहा है।
- राज्य सरकार के अंतर्गत लखनऊ गोरखपुर तथा कानपुर में 3 विश्वविद्यालय 16 इंजीनियरिंग कॉलेज संचालित हो रहे हैं।
- प्रदेश में तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए लखनऊ में अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय की स्थापना 2000 में की गई है।
- इसके अतिरिक्त आईआईटी कानपुर, ट्रिपल आईटी प्रयागराज तथा आईआईटी बीएचयू प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को मजबूत करते हैं
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद:
- यह 1975 में स्थापित एक स्वायत्तशासी संस्थान है वह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत गठित किया गया है। यह उत्तर प्रदेश में वैज्ञानिक परिदृश्य को बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चलाता है जिसका वर्णन निम्नवत है-
- शोध प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विभिन्न क्षेत्रों वथा रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान जीव विज्ञान, आयुर्विज्ञान कृषि विज्ञान इत्यादि में शोध का कार्य किया जाता है। 35 वर्ष तक के युवा वैज्ञानिकों को शोध अपराहन देने के लिए 2007-08 से यंग साइंटिस्ट स्कीम आरंभ की गई है।
- परिषद प्रौद्योगिकी विकास उन्नयन तथा हस्तांतरण का कार्य करता है इसके अंतर्गत यह ऐसी परियोजनाओं का विकास करता है जो जनमानस के लिए आवश्यक हो वथा एल्युमिनियम लंड मिश्रित धातु का विकास, इंडिया मार्क 2 हैंडपंप के नए मॉडल प्राइस प्लस का आधुनिकीकरण इत्यादि इस परियोजना के अंतर्गत किए गए हैं।
- बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के विकास के लिए 1993 से राष्ट्रीय बाल कांग्रेस का आयोजन किया जा रहा है यह विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद एवं राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के संयुक्त तत्वाधान में होता है।
आगे की राह:
उत्तर प्रदेश में वैज्ञानिकता के विकास के लिए कई सारे प्रयत्न किए जा रहे हैं परंतु अभी भी आम जनमानस से विज्ञान को संबद्धता, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के लिए सेमीकंडक्टर के निर्माण, कृषि प्रौद्योगिकी का समुचित प्रयोग व जनता तक इसकी पहुंच जैसे कई समस्याएं हैं जिन्हें हल करना अत्यंत आवश्यक है तब उत्तर प्रदेश एक वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ सकेगा।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. उत्तर प्रदेश के वैज्ञानिक परिदृश्य पर चर्चा करें? वैज्ञानिक परिदृश्य को मजबूत करने हेतु सरकार के प्रवासों का मूल्यांकन कीजिए?
प्रश्न 2. उत्तर प्रदेश को विज्ञान प्रौद्योगिक नीति 2022 का उल्लेख करें।
प्रश्न 3. उत्तर प्रदेश के विकास में कृषि प्रौद्योगिकी का विकास अहम भूमिका निभा सकता है। उत्तर प्रदेश की कृषि प्रौद्योगिकी संबंधी पहलों का उल्लेख कीजिए।