लखनऊ से गुजरने वाली 75 ट्रेनों के समय में बदलाव, आज से नए समय पर चलेगी ट्रेनें21 hours ago आज से कानपुर रोड पर भारी वाहनों का डायवर्सन, कानपुर से लखनऊ आने वाले मोहनलालगंज होते हुए आएंगे, सुबह 6:00 से रात 11:00 तक नो एंट्री21 hours ago टिकटोक से हुआ प्यार, बांग्लादेश से तीन बच्चों के साथ श्रावस्ती पहुंची महिला, प्रेमी निकला 8 साल के बच्चे का बाप21 hours ago मेरठ मैं आज अंतरराष्ट्रीय जाट सांसद का आयोजन, सुभारती विश्वविद्यालय के मांगल्य कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होगा कार्यक्रम21 hours ago लखनऊ मैं पेप्पर मनी ड्रीमिड कार्ड लांच, लोकल खरीदारी पर मिलेगी छूट21 hours ago अब 7 अक्टूबर तक बदले जा सकेंगे ₹2000 के नोट सरकुलेशन में 96 फीस दी नोट बैंकों में वापस आए21 hours ago एशियन गेम्स- हॉकी में भारत ने पाकिस्तान पर सबसे बड़ी जीत हासिल की, इंडिया ने पूल ए के लीग मुकाबले में पाकिस्तान को 10-2 से हराया, भारत ने पहली बार पाकिस्तान के खिलाफ 10 गोल किए21 hours ago देश में कारों की सेफ्टी रेटिंग तय करने के लिए भारत न्यू कर असेसमेंट प्रोग्राम की शुरुआत, इसमें कारों को टेस्टिंग पास करने पर सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी21 hours ago पीएम मोदी की स्वच्छता ही सेवा अभियान की शुरुआत, सफाई के लिए श्रमदान करने की अपील की21 hours ago यूपी में आज रविवार होने के बावजूद खुलेंगे सभी परिषदीय स्कूल व सरकारी माध्यमिक विद्यालय, स्वच्छांजलि कार्यक्रम के तहत एक घंटे का किया जाएगा श्रमदान21 hours ago

उत्तर प्रदेश की "एक जिला, एक उत्पाद" योजना

Blog Image

Baten UP Ki Desk

17 March, 2023, 5:07 pm


उत्तर प्रदेश जैसे विशाल राज्य, जिसका भौगोलिक विस्तार 2,40,928 वर्ग किमी में हो, जहाँ 20 करोड़ 42 लाख की वृहद जनसंख्या हो, वहाँ संभव ही नहीं है कि जीवन के हर परिपेक्ष्य में विविधताएँ न हों। यहाँ विभिन्न धरातलीय क्षेत्र हैं, भिन्न भोजन व फसलें हैं, भिन्न जलवायु है और इस सबसे ऊपर विभिन्न सामुदायिक परम्पराएँ एवं आर्थिक परिपेक्ष्य हैं। इस सबसे निकलकर उत्तर प्रदेश में जो एक महान व सुंदर विविधता बनती है वह है यहाँ की शिल्पकला और उद्यमिता जो प्रदेश के छोटे छोटे कस्बों एवं शहरों में फैली है। यहाँ का हर कस्बा और जनपद अपने विशिष्ट और असाधारण उत्पादों के लिए ख्यात है।

योजना का उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्त्वाकांक्षी "एक जनपद एक उत्पाद" कार्यक्रम का उद्देश्य है कि इन विशिष्ट शिल्प कलाओं एवं उत्पादों को प्रोत्साहित किया जाए। उत्तर प्रदेश में ऐसे उत्पाद बनते हैं जो देश में कहीं और उपलब्ध नहीं हैं, जैसे प्राचीन एवं पौष्टिक कालानमक चावल, दुर्लभ एवं अकल्पनीय गेहूँ डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी, कपड़ों पर जरी जरदोजी का काम, मृत पशु से प्राप्त सींगों व हड्डियों से अति जटिल शिल्प कार्य जो हाथी दांत का प्रकृति अनुकूल विकल्प है। इनमें से बहुत से उत्पाद जी.आई. टैग अर्थात भौगोलिक पहचान पट्टिका धारक हैं। ये वे उत्पाद हैं जिनसे स्थान विशिष्ट की पहचान होती है। 

विविध उत्पाद को महत्व देना आवश्यक क्यों?
इनमें से तमाम ऐसे उत्पाद हैं जो अपनी पहचान खो रहे थे तथा जिन्हें आधुनिकता तथा प्रसार रूपी संजीवनी द्वारा पुनर्जीवित किया जा रहा है। जनपद विशेष से संबंधित उद्योग वैसे तो सामान्य प्रतीत होते हैं परंतु उनके उत्पाद उस क्षेत्र की विविधता एवं विलक्षणता को दर्शाते हैं। हींग, देशी घी, काँच के आकर्षक उत्पाद, चादरें, गुड़, चमड़े से बनी वस्तुएं उत्तर प्रदेश के जनपद इन वस्तुओं के उत्पादन में विशेषज्ञता रखते हैं। ये भी संभव है कि आप उत्तर प्रदेश में निर्मित किसी उत्पाद का पहले से प्रयोग कर रहे हों और आपको इसकी जानकारी भी न हो। यहाँ लघु एवं मध्यम दर्जे की तमाम ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ हैं जिन्हें उन्नत मशीनरी, आधुनिकीकरण एवं उत्पादक क्षमता वृद्धि की आवश्यकता है। प्रदेश में जन विविधता, जलवायु विविधता, आस्थाओं और संस्कृतियों की विविधता की तरह ही उत्पादों एवं शिल्प कलाओं में भी एक मोहक विविधता है।

ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
'एक जिला एक उत्पाद' (ODOP: One District, One Product ) की अवधारणा मूल रूप से जापान सरकार द्वारा वर्ष 1979 में प्रारंभ की गई थी। इसके उपरांत इस योजना को थाईलैंड सरकार द्वारा भी प्रचारित-प्रसारित किया गया। इसके अतिरिक्त इस तरह की योजना का मॉडल इंडोनेशिया, फिलीपींस, मलेशिया और चीन द्वारा भी अपनाया गया। 24 जनवरी, 2018 को उत्तर प्रदेश दिवस' के अवसर पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 'एक जिला एक उत्पाद' योजना का शुभारंभ किया गया। इस योजना के माध्यम से जिले के छोटे, मध्यम और परंपरागत उद्योगों का विकास संभव हो पाएगा। इस योजना के माध्यम से राज्य में स्थानीय कौशल विकास तो होगा ही, साथ ही साथ वस्तुओं का निर्यात भी अधिक मात्रा में संभव होगा। एक जनपद एक उत्पाद योजना के क्रियान्वयन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विकास में न केवल महत्त्वपूर्ण सहयोग प्राप्त होगा, अपितु प्रतिवर्ष लगभग 5 लाख नए रोजगार के अवसर भी प्राप्त होने की संभावना है।

ODOP योजना का अर्थशास्त्र
'एक जनपद एक उत्पाद' योजनांतर्गत प्रदेश के प्रत्येक जनपद से एक विशेष  उत्पाद का चिह्नांकन संबंधित उत्पाद की विशिष्टता, विपणन सामर्थ्य, विकास संभाव्यता तथा रोजगार सृजनशीलता के आधार पर किया गया है। 'एक जिला, एक उत्पाद' को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लोकप्रिय बनाने एवं प्रतिष्ठित करने हेतु विशिष्ट लोगों (Logo) विकसित किया गया है। योजनांतर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों हेतु वित्त पोषण केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे 'मुद्रा योजना', 'स्टार्टअप इंडिया', 'स्टैंड अप इंडिया', 'प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम', 'मुख्यमंत्री रोजगार योजना' एवं 'विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना' आदि से कराया जाता है।एक जिला, एक उत्पाद को एक ब्रांड के रूप में स्थापित किए जाने हेतु उत्तर प्रदेश निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो, उत्तर प्रदेश व्यापार प्रोत्साहन प्राधिकरण, उ.प्र. इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन एवं उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन परिषद के माध्यम से राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनियों एवं मेलों में प्रतिभाग सुनिश्चित किया जा रहा है।

योजना का क्रियान्वयन
योजना का क्रियान्वयन सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा किया जा रहा है तथा इस हेतु निर्यात भवन, लखनऊ में अलग से एक ओ.डी. ओ. पी. प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है। यह प्रकोष्ठ अपर आयुक्त निर्यात प्रोत्साहन ब्यूरो के दिशा-निर्देशन एवं प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन / निर्यात आयुक्त के नियंत्रणाधीन कार्यरत है। योजना का अनुश्रवण जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में मासिक आधार पर राज्य स्तर पर प्रमुख सचिव सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम तथा निर्यात प्रोत्साहन की अध्यक्षता में प्रति दो माह में अवस्थापना तथा औद्योगिक विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति द्वारा त्रैमासिक आधार पर किया जाता है। योजना 'अनुश्रवण हेतु जनपद स्तर पर नोडल अधिकारी उपायुक्त, उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र बनाए गए हैं। योजना के सुचारु एवं सफल क्रियान्वयन हेतु संचालित योजनाओं की जानकारी उत्पादकों की जिज्ञासाओं के समाधान, परामर्श, उत्पादन तकनीक, प्रशिक्षण, मार्केटिंग आदि से संबंधित समस्त जानकारियां एक ही स्थान पर उपलब्ध कराने हेतु एक वेब पोर्टल एवं हेल्पलाइन का विकास किया गया है। साथ ही राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के शीर्ष टेक्निकल रिसर्च एंड डेवलपमेंट तथा प्राविधिक शिक्षण संस्थाओं के नेटवर्क को विकसित करके इस पोर्टल से जोड़ा जा रहा है, ताकि संबंधित क्षेत्र में हुए नए आविष्कारों के लाभों को व्यावहारिक रूप में उत्पादकों तक पहुंचाया जा सके। योजना के क्रियान्वयन हेतु बजटीय सहायता निर्यात आयुक्त के माध्यम से ओ. डी. ओ. पी. प्रकोष्ठ को उपलब्ध कराई जाती है।

चुनौतियां:
साख की समस्या- बैंक लघु एवं कुटीर उद्योगों की नयी योजनाओं को साख प्रदान करना जोखिम मानते हैं। 
नवाचार की समस्या-स्थानीय उद्योगों के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए विकसित उत्पादन प्रणाली तकनीक एवं नवाचार की समस्या। 
विभागों में पारस्परिक समन्वय की समस्या-चूँकि इस योजना का वित्त पोषण केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं जैसे- मुद्रा योजना, स्टार्ट अप इण्डिया, स्टैण्ड अप इण्डिया, मुख्यमंत्री रोजगार योजना आदि द्वारा कराया जायेगा। अतः विभिन्न विभागों में पारस्परिक समन्वय बनाना भी एक चुनौती होगी ।

इन तमाम चुनौतियों के बावजूद प्रदेश के आर्थिक विकास तथा एम. एस.एम.ई. सेक्टर की सुदृढ़ता हेतु यह योजना बहुआयामी प्रभाव वाली सिद्ध हो सकती है। रोजगार सृजन एवं संवृद्धि हासिल करने हेतु इस योजना के तमाम हितधारकों को परस्पर सहयोग करना होगा । यह योजना क्षेत्र में जनसंख्या संबंधी लाभांश प्राप्त करने की भी कुंजी है।
मुख्य परीक्षा हेतु अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1. उत्तर प्रदेश की 'एक जनपद एक उत्पाद योजना' क्या है? इससे प्रदेश के होने वाले लाभों तथा चुनौतियों का उल्लेख करें।
प्रश्न 2. उत्तर प्रदेश की 'एक जनपद एक उत्पाद योजना' प्रदेश में क्षेत्रीय संतुलन द्वारा उत्पन्न होने वाली आर्थिक विसंगतियों को दूर करने वाली साबित हो सकती है। स्पष्ट करें।
प्रश्न 3. सीमांत व्यक्ति के लाभान्वित हुये बिना समावेशी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उत्तर प्रदेश की एक जनपद एक उत्पाद योजना समावेशी विकास की आधारशिला बन सकती है। मूल्यांकन करें।

 

अन्य ख़बरें