बड़ी खबरें

एमपी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में लेंगे हिस्सा ले.मध्य प्रदेश की नई औद्योगिक नीतियों का होगा शुभारंभ 18 घंटे पहले किंग कोहली का विराट शतक, Champions Trophy 2025 में भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से रौंदा 18 घंटे पहले AI को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान,कहा भारत AI की राजधानी है, हम डाउनलोड्स के मामले में चीन और अमेरिका से भी निकले आगे 18 घंटे पहले हिंदी के पेपर के साथ आज से शुरू हुईं यूपी बोर्ड की परीक्षाएँ, प्रदेश भर में 8140 केंद्रों पर 54 लाख से अधिक छात्र परीक्षा में हुए शामिल 18 घंटे पहले योगी आदित्यनाथ का बड़ा एलान, जेवर एयरपोर्ट को गंगा एक्सप्रेस से जोड़ेगी यूपी सरकार 18 घंटे पहले बिजली के निजीकरण के विरोध में 26 जून को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा, यूपी में होंगी चार रैलियां 18 घंटे पहले लखनऊ के 127 केंद्रों पर यूपी बोर्ड की परीक्षाएं हुईं शुरू, सेंटर पर पहुंची माध्यमिक शिक्षा मंत्री, छात्रों को लगाया टीका 18 घंटे पहले पंजाब पुलिस में 1746 कांस्टेबल के पदों पर निकली भर्ती,आवेदन की आखिरी तारीख 13 मार्च 2025 18 घंटे पहले MPPSC ने डेंटल सर्जन के 385 पदों पर निकाली भर्ती , 20 मार्च 2025 तक कर सकते हैं आवेदन 18 घंटे पहले उत्तर प्रदेश में बढ़ रहा गर्मी का सितम, आने वाले दिनों में बढ़ सकता है तापमान 18 घंटे पहले

एक लेखक जिसने सच कहने की चुकाई कीमत! जिनकी कहानियों ने समाज को झकझोर दिया...

भारतीय साहित्य जगत में कुछ नाम ऐसे हैं जो अपनी बेबाक लेखनी और समाज की सच्चाई को बेनकाब करने के लिए जाने जाते हैं। इन्हीं में से एक नाम है सआदत हसन मंटो, जो अपने समय के सबसे विवादास्पद लेकिन प्रभावशाली लेखकों में से एक थे। मंटो की कहानियों में समाज की कड़वी हकीकत झलकती थी, जिसे देखने की हिम्मत हर किसी में नहीं थी। उनकी लेखनी इतनी सशक्त थी कि उन्हें कई बार अदालत के कटघरे में भी खड़ा होना पड़ा।

 
कहानियां जो आपको सोचने पर मजबूर कर दें

मंटो ने अपनी कहानियों के माध्यम से समाज के पाखंड को उजागर किया। उन्होंने 22 लघु कहानी संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्रों के दो संग्रह लिखे। उनकी कुछ कहानियां ऐसी थीं, जो पाठकों के दिलों-दिमाग में हमेशा के लिए बस गईं। इनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

1. टोबा टेक सिंह

यह कहानी भारत-पाकिस्तान विभाजन पर आधारित है। इसमें लाहौर के एक पागलखाने के मानसिक रोगियों की स्थिति को दर्शाया गया है। विभाजन के दौरान जब हिंदू-सिख और मुस्लिम पागलों की अदला-बदली का फैसला किया गया, तो इसका सबसे ज्यादा प्रभाव एक पागल बिशन सिंह पर पड़ा, जो अंत तक नहीं समझ पाया कि वह भारत में है या पाकिस्तान में।

2. बू

इस कहानी ने मंटो को अदालत के दरवाजे तक पहुंचा दिया था। जब इस पर अश्लीलता के आरोप लगे, तो उन पर मुकदमा कर दिया गया। कहानी रणधीर नामक युवक के मानसिक विचारों और एक लड़की के साथ उसके यौन संबंधों पर आधारित थी, जो उस समय समाज के लिए एक चौंकाने वाला विषय था।

3. खोल दो

बंटवारे के समय महिलाओं के साथ हुए अत्याचारों को केंद्र में रखकर लिखी गई यह कहानी बेहद मार्मिक है। इस कहानी में मंटो ने दिखाया कि किस तरह महिलाओं को दो देशों के बनने के दौरान बर्बरता का सामना करना पड़ा। यह कहानी पाठकों को झकझोर कर रख देती है।

4. ठंडा गोश्त

यह कहानी भी विभाजन पर आधारित थी और इसके चलते मंटो को फिर से कोर्ट के चक्कर काटने पड़े। ‘ठंडा गोश्त’ एक ऐसी कड़ी सच्चाई को बयां करती है, जिसे समाज स्वीकार करने से कतराता है। इस कहानी के लिए मंटो को तीन महीने की सजा और 100 रुपये का जुर्माना भरना पड़ा।

5. काली सलवार

इस कहानी का मुख्य किरदार सुल्ताना नाम की एक सेक्स वर्कर है, जो अपनी इच्छाओं और अरमानों के साथ संघर्ष करती है। इस कहानी को लेकर भी काफी विवाद हुआ था और 2002 में इस पर एक हिंदी फिल्म भी बनाई गई, जिसमें इरफान खान, सादिया सिद्दीकी और सुरेखा सीकरी ने अभिनय किया था।

सच को कहने की कीमत चुकाई

मंटो का मानना था कि उनकी कहानियां समाज का असली चेहरा दिखाती हैं। जब उनकी कहानियों को अश्लील करार दिया गया, तो उन्होंने जवाब दिया, “अगर आपको मेरी कहानियां अश्लील लगती हैं, तो जिस समाज में आप रह रहे हैं, वह अश्लील और गंदा है।” ब्रिटिश हुकूमत द्वारा आजादी के समय जब देश को दो हिस्सों में बांटा गया, तो मंटो पाकिस्तान चले गए। हालांकि, वहां भी उनकी लेखनी पर विवाद बना रहा। 18 जनवरी 1955 को दुनिया को अलविदा कहने वाले मंटो की कहानियां आज भी समाज के सच को दर्शाने का काम करती हैं।

मंटो की विरासत

सआदत हसन मंटो की कहानियां आज भी साहित्य प्रेमियों के लिए एक आईना हैं। उन्होंने अपने शब्दों से समाज के उस चेहरे को उजागर किया, जिसे लोग देखना नहीं चाहते थे। उनकी कहानियां सिर्फ एक लेखक की कलम नहीं, बल्कि समाज की गहराई में छुपी सच्चाई का दस्तावेज हैं। मंटो की विरासत हमेशा जीवित रहेगी और उनकी कहानियां नए पाठकों को सोचने पर मजबूर करती रहेंगी।

अन्य ख़बरें