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सुल्तानपुर से मुंबई तक का सफर, अब टीम इंडिया से बुलावा, यूपी के हिंमाशु का ऐसा रहा है करियर

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भारत और बांग्लादेश के बीच आगामी 19 सितंबर से शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज का पहला मैच चेन्नई में खेला जाएगा। इस सीरीज को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह है। खासकर उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले के लिए यह सीरीज और भी खास हो गई है, क्योंकि इस बार प्रयागराज के यश दयाल के साथ-साथ सुल्तानपुर के युवा क्रिकेटर हिमांशु सिंह को भी टीम इंडिया के शिविर में शामिल होने का मौका मिला है।

सुल्तानपुर से मुंबई तक का सफर-

हिमांशु सिंह मूल रूप से सुल्तानपुर जिले के मोतिगरपुर थाना क्षेत्र के खरगा गांव के रहने वाले हैं। हालांकि, उनका परिवार वर्तमान में नगर के विनोबापुरी मुहल्ले में रहता है। उनके पिता यूपी पुलिस में इंस्पेक्टर हैं और बलिया में पोस्टेड हैं, जबकि उनकी मां गृहणी हैं। हिमांशु के जुड़वा भाई के साथ वह मुंबई में रहकर अपनी क्रिकेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। हिमांशु के बड़े भाई वैभव सिंह बताते हैं कि मुंबई में एक छोटे से कमरे में रहकर हिमांशु ने काफी संघर्ष किया। इसी मेहनत का फल है कि आज वह बीसीसीआई के कैंप के लिए बुलाए गए हैं। हिमांशु की मां सुनीता का कहना है कि उन्हें शुरू से ही क्रिकेट का शौक था, और अब यह देखना गर्व का पल है कि उनका बेटा इस मुकाम पर पहुंचा है।

मुंबई के लिए किया बेहतरीन प्रदर्शन-

हिमांशु सिंह ने मुंबई की अंडर-16 और अंडर-23 टीमों के लिए खेला है। उन्होंने हाल ही में थिमपिया मेमोरियल टूर्नामेंट में आंध्र के खिलाफ 74 रन देकर 7 विकेट लेकर सबका ध्यान खींचा। चीफ सेलेक्टर अजीत अगकर की नजर हिमांशु के इस बेहतरीन प्रदर्शन पर पड़ी और अब उन्हें भारतीय टीम के शिविर में बुलाया गया है। हिमांशु का गेंदबाजी एक्शन भारत के स्टार ऑफ स्पिनर आर अश्विन से मिलता-जुलता है, और इसी वजह से उन्हें बुलाया गया है ताकि वह भारतीय बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी कर सकें।

गनपत सहाय क्रिकेट ग्राउंड से टीम इंडिया तक

हिमांशु की क्रिकेट यात्रा सुल्तानपुर के गनपत सहाय पीजी कॉलेज के डीसीए ग्राउंड से शुरू हुई। यहां उनके कोच असद अहमद ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें मुंबई भेजा। कोच असद का कहना है कि उन्हें पूरा विश्वास था कि हिमांशु एक दिन बड़ा नाम कमाएगा।

हिमांशु के चयन के बाद उनके परिवार, कोच और साथी खिलाड़ियों में खुशी की लहर है। सुल्तानपुर के गनपत सहाय पीजी कॉलेज के प्रबंधक ओम प्रकाश पांडेय, भाजपा नेता संतोष दूबे और उनके साथी खिलाड़ियों ने भी उन्हें बधाइयां दी हैं।

बांग्लादेश सीरीज के लिए अहम साबित हो सकता है शिविर

भारत-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है। बांग्लादेशी स्पिनर्स ने हाल ही में पाकिस्तान को 2-0 से हराकर जबरदस्त प्रदर्शन किया था। भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ हालिया कमजोरियों को देखते हुए बीसीसीआई ने युवा गेंदबाजों को शिविर में बुलाने का फैसला किया है।

टेस्ट सीरीज की तैयारियों को लेकर बीसीसीआई का कदम

बीसीसीआई ने 12 सितंबर से चेन्नई में टेस्ट सीरीज से पहले एक कैंप का आयोजन किया है, जिसमें हिमांशु सिंह को भी शामिल किया गया है। यह कैंप भारतीय खिलाड़ियों को बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले महत्वपूर्ण मुकाबले के लिए तैयार करेगा।हिमांशु सिंह के इस बुलावे से उनके साथी खिलाड़ियों और कोच में जबरदस्त उत्साह है। सभी को उम्मीद है कि जल्द ही वह भारतीय क्रिकेट टीम का नियमित हिस्सा बनेंगे और देश के लिए खेलते नजर आएंगे।

भारतीय टीम में बदलाव

इस सीरीज के लिए बीसीसीआई ने भारतीय टीम की घोषणा भी की है। ऋषभ पंत की वापसी के साथ तेज गेंदबाज यश दयाल को पहली बार टीम में शामिल किया गया है। ऐसे में हिमांशु के लिए भी यह एक बड़ा मौका साबित हो सकता है।

आने वाले मैच और सीरीज की अहमियत

बांग्लादेश के खिलाफ यह टेस्ट सीरीज भारतीय टीम के लिए सिर्फ एक चुनौती ही नहीं, बल्कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल तक पहुंचने का सुनहरा अवसर भी है। 19 सितंबर से शुरू होने वाले पहले मैच में भारतीय टीम पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरेगी, और सभी की नजरें युवा खिलाड़ियों पर टिकी होंगी, जिनमें हिमांशु सिंह भी शामिल हैं। इस तरह, सुल्तानपुर के युवा क्रिकेटर हिमांशु सिंह के लिए यह एक बड़ा अवसर है, जिससे न केवल उनका करियर ऊंचाइयों तक जा सकता है, बल्कि वह भारतीय क्रिकेट के भविष्य का भी अहम हिस्सा बन सकते हैं।

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