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मेलबर्न में भारत के इस खिलाड़ी ने दिखाया पहली सेंचुरी का जादू, ऐसा करने वाले बने तीसरे युवा क्रिकेटर...

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नीतीश रेड्डी ने मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट के दौरान अपना पहला अंतरराष्ट्रीय शतक जड़ते हुए इतिहास रच दिया। उन्होंने 171 गेंदों में स्कॉट बोलैंड की गेंद पर चौका लगाकर यह शतक पूरा किया। यह उनका पहला टेस्ट शतक है और इसी के साथ उन्होंने अपनी पहली पचास से अधिक रनों की पारी को यादगार बनाया। इस शानदार प्रदर्शन से नीतीश ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट शतक लगाने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बन गए। उनसे आगे केवल सचिन तेंदुलकर और ऋषभ पंत हैं।

भावुक क्षण: पिता की उपस्थिति में शतक

नीतीश के लिए यह पारी खास थी क्योंकि उनके पिता मुतयाला रेड्डी स्टेडियम में मौजूद थे। बेटे को शतक बनाते देख उनके चेहरे पर गर्व साफ झलक रहा था। शतक पूरा करने के बाद नीतीश भावुक हो गए और घुटनों के बल बैठकर खास अंदाज में जश्न मनाया।

युवा भारतीय बल्लेबाजों में नया सितारा

नीतीश ने 21 साल 216 दिन की उम्र में यह शतक लगाकर सचिन तेंदुलकर (18 साल 253 दिन) और ऋषभ पंत (21 साल 91 दिन) के बाद यह उपलब्धि हासिल की। इस सूची में चौथे स्थान पर दत्तू फडकर हैं, जिन्होंने 1948 में 22 साल और 42 दिन की उम्र में यह कारनामा किया था।

रोमांचक अंदाज में पूरा हुआ शतक

114वें ओवर में 99 रन पर नॉन-स्ट्राइकर एंड पर खड़े नीतीश ने जसप्रीत बुमराह के आउट होने के बाद अपनी हिम्मत बनाए रखी। सिराज ने शानदार डिफेंस करते हुए नीतीश को स्ट्राइक दिलाई, और उन्होंने इस मौके को इतिहास में बदल दिया।

आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हुए रचा इतिहास

नीतीश आठवें नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरे और यहां से शतक लगाने वाले सबसे युवा खिलाड़ियों में शामिल हो गए। इससे पहले भारत के अजय रात्रा और बांग्लादेश के अबुल हसन ने इस क्रम पर युवा उम्र में शतक बनाए थे।

खास अंदाज में मनाया जश्न

शतक के बाद नीतीश ने घुटनों के बल बैठकर आसमान की ओर हाथ दिखाया। उनकी आंखें बंद थीं, और उन्होंने हेलमेट को बैट पर टांगकर जश्न मनाया। अर्धशतक के बाद उन्होंने फिल्म 'पुष्पा' के चर्चित अंदाज "झुकेगा नहीं" में जश्न मनाया था।

ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को दिया करारा जवाब

नीतीश ने पैट कमिंस, मिचेल स्टार्क, नाथन लियोन और स्कॉट बोलैंड जैसे दिग्गज गेंदबाजों का डटकर सामना किया। उन्होंने वॉशिंगटन सुंदर के साथ आठवें विकेट के लिए 127 रन की साझेदारी निभाई, जो ऑस्ट्रेलिया में आठवें विकेट के लिए दूसरी सबसे बड़ी साझेदारी है।

टीम के लिए नई उम्मीद: ऑलराउंड प्रदर्शन

नीतीश ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन करते हुए 105* रन बनाए और गेंद से भी तीन विकेट लिए। वह मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं, जिनका औसत 71 का है।

नीतीश की प्रेरणादायक कहानी

नीतीश के शुरुआती दिन क्रिकेट के प्रति गंभीर नहीं थे, लेकिन अपने पिता की आर्थिक तंगी और त्याग को देखकर उन्होंने खेल को अपना जुनून बना लिया। उनकी मेहनत ने आईपीएल और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्हें नई पहचान दिलाई।

भारत को मिला नया स्टार

नीतीश ने अपनी परिपक्वता और तकनीक से यह साबित कर दिया कि वह भविष्य में हर चुनौती के लिए तैयार हैं। उनकी कहानी मध्यमवर्गीय परिवार के संघर्ष और सफलताओं की मिसाल है।

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