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भारतीय शतरंज प्रेमियों के लिए एक ऐतिहासिक दिन! 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर ऐसा इतिहास रच दिया है, जो आज तक कोई भारतीय महिला नहीं कर सकी थी। उन्होंने फाइनल में भारत की ही दिग्गज ग्रैंडमास्टर कोनेरू हम्पी को रोमांचक टाईब्रेकर मुकाबले में हराकर ट्रॉफी अपने नाम कर ली।
पहली बार महिला विश्व कप भारत के नाम
यह पहली बार है जब कोई भारतीय महिला खिलाड़ी फिडे महिला विश्व कप चैंपियन बनी है। दिव्या की यह जीत इसलिए भी खास है क्योंकि हम्पी जैसी अनुभवी और वर्ल्ड टॉप रेटेड खिलाड़ी को हराना आसान नहीं था। लेकिन दिव्या ने आत्मविश्वास, धैर्य और आक्रामक चालों से सबको चौंका दिया।
टाईब्रेकर में दिखा दिव्या का दम
फाइनल के दोनों क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे, जिससे मुकाबला टाईब्रेकर में गया।
पहला रैपिड टाईब्रेकर भी ड्रॉ रहा।
दूसरे रैपिड टाईब्रेकर में, दिव्या ने काले मोहरों से बाजी मारी और निर्णायक जीत हासिल की।
टाईब्रेकर में 15-15 मिनट के दो गेम होते हैं, हर चाल के बाद 10 सेकंड का इजाफा होता है। अगर स्कोर फिर भी बराबर रहता, तो मुकाबला और छोटे समय नियंत्रण वाले ब्लिट्ज गेम्स तक खिंचता। लेकिन दिव्या ने इससे पहले ही बाज़ी मार ली।
ग्रैंडमास्टर का खिताब भी अपने नाम
इस जीत के साथ ही दिव्या को "ग्रैंडमास्टर" का टाइटल भी मिल गया है, जो किसी भी शतरंज खिलाड़ी के करियर की सबसे ऊँची उपलब्धियों में गिना जाता है।
जीत के बाद भावुक हुईं दिव्या
इतिहास रचने के बाद दिव्या अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सकीं। वह भावुक हो गईं और कहा—
"ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल है। मैं इसे देश को समर्पित करती हूं।"
इससे पहले ही दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिए क्वालिफाई कर चुकी थीं। अब वह विश्व शतरंज चैंपियन बनने की रेस में भी शामिल हो गई हैं।
Baten UP Ki Desk
Published : 28 July, 2025, 6:53 pm
Author Info : Baten UP Ki