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यूपी में बढ़ते तापमान के कारण हम सभी परेशान हैं, लेकिन इन दिनों सबसे ज्याद समस्या खड़ी कर दी है लगातार बढ़ रही आग की घटनाओं ने.. अभी कुछ दिनों पहले ही दिल्ली के विवेक विहार में एक चाइल्ड हॉस्पिटल में लगी आग के कारण 6 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इसके अलावा हाल ही में यूपी के बागपत में शोर्ट सर्किट के कारण आग लग गई, हालांकि इस हादसे में अस्पताल में भर्ती 12 मरीजों को बचा लिया गया।
आंकड़े क्या कहते हैं?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी NCRB द्वारा भारत में दुर्घटनावश मृत्यु और आत्महत्या पर आधारित एक हालिया रिपोर्ट में साल 2022 में करीब 7,500 से अधिक आग दुर्घटनाओं में करीब 7,435 लोग मारे गए। यह आकड़े बताते हैं कि देश में आग लगने की घटनाओं में हर साल भारी जनहानि होती है।
देश में अग्नि सुरक्षा से जुड़े नियम क्या है?
राष्ट्रीय भवन संहिता (NBC): यह भारत में भवनों के निर्माण और डिजाइन के लिए न्यूनतम अग्नि सुरक्षा मानकों को निर्धारित करता है। लोगों को जागरूक करने के लिए इसमें आग से बचाव, आग बुझाने, और जीवन सुरक्षा उपायों के बारे में विस्तृत जानकारी शामिल है। सभी भवनों को, जिनकी ऊंचाई 15 मीटर से अधिक है या जिनमें 30 से अधिक लोग रहते हैं उन्हें NBC का अनुपालन करना होगा।
मॉडल बिल्डिंग बायलॉज (MBB): यह शहरी विकास मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया एक दस्तावेज है जो विभिन्न प्रकार के भवनों के लिए विशिष्ट अग्नि सुरक्षा आवश्यकताओं को निर्दिष्ट करता है। इसमें आवासीय भवन, कमर्शियल भवन, अस्पतालों, स्कूलों, और अन्य प्रकार की इमारतों के लिए नियम शामिल हैं।
अग्निशमन अधिनियम: यह अग्निशमन सेवाओं और अग्नि सुरक्षा उपायों के प्रावधान के लिए कानूनी ढांचा प्रदान करता है।
धुआं और आग का पता लगाने वाले उपकरण (नियमन और मानक) अधिनियम: यह इमारतों में धुआं और आग का पता लगाने वाले उपकरणों की स्थापना और रखरखाव के लिए मानकों को निर्धारित करता है।
जोखिमपूर्ण पदार्थ (श्रेणीकरण, भंडारण और प्रबंधन) नियम: यह ज्वलनशील और खतरनाक पदार्थों के भंडारण और प्रबंधन के लिए नियमों को निर्दिष्ट करता है।
इतने नियमों के बावजूद भी आग लगने की घटनाएं क्यों?
नियमों के होने के बावजूद भी आग लगने के पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि किसी ईमारत में लापरवाही से सिगरेट या बीड़ी का इस्तेमाल करना, बिजली उपकरणों का गलत इस्तमाल, खाना बनाते समय लापरवाही आग लगने के सबसे आम कारणों में से एक हो सकते हैं। इसके अलावा बिजली की खराबी जैसे पुरानी तारें, लूज कनेक्शन, ओवरलोड पॉवर सॉकेट और खराब विद्युत उपकरणों के कारण भी आग लगने का खतरा होता है। वहीं ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित रूप से स्टोर न करना, इन्हें घरों या इमारतों के अंदर, जहां आग लगने का खतरा ज्यादा होता है, यह भी अक्सर आग लगने का कारण बन जाते हैं। ऐसे में अपर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय, जैसे कई इमारतों में आग का पता लगाने वाले उपकरण, फायर एक्सटिंग्विशर, इमरजेंसी एग्जिट का अभाव भी आग लगने के गंभीर परिणामों को जन्म देता है।
वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन भी आग लगने जैसी घटनाओं के लिए ज़िम्मेदार है। बढ़ती गर्मी और शुष्क मौसम जंगलों और झाड़ियों में आग लगने के खतरे को बढ़ा देते हैं। मानवीय गतिविधियों जैसे कि वनों की कटाई और कृषि भी आग लगने के खतरे को बढ़ा सकती हैं।
यह जानमाल की हानि के साथ-साथ आर्थिक नुकसान, वायु प्रदूषण, पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाने के अलावा सामाजिक रूप से भी प्रभावित कर सकती हैं, जो जीवन विस्थापन को बढ़ावा देने के साथ समाजिक संरचनाओं को बाधित कर सकती है।
उपाय क्या हो सकता है?
• अग्नि सुरक्षा नियमों का पालन ज़रूर करें
• ज्वलनशील पदार्थों का सुरक्षित रूप से भंडारण करें
• अग्नि सुरक्षा उपकरण स्थापित करें
• अग्निशमन प्रशिक्षण लें
• बच्चों को आग के खतरों और सुरक्षा उपायों के बारे में ज़रूर सिखाएं।
Baten UP Ki Desk
Published : 27 May, 2024, 6:06 pm
Author Info : Baten UP Ki