बड़ी खबरें
हाल ही में एएमयू के पौधा संरक्षण विभाग के अध्यक्ष प्रो. मुजीबुर रहमान खान ने एक शोध किया। इसमें पाया गया है कि सुगंधित धान को बकानी रोग बीमार कर रहा है। इस रोग के कारण पिछले दस साल से बासमती की पैदावार में 30 से 40 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के मुताबिक अलीगढ़, बरेली, बुलंदशहर, गाजियाबाद, हाथरस, कासगंज, मथुरा, मेरठ, मुरादाबाद, रामपुर, सहारनपुर में इसका ज़्यादा असर है। बासमती धान 1121, 1509 व 1692 किस्म पर इस रोग का प्रभाव अधिक है।
क्या है बकानी रोग?
बकानी रोग में पौधों के तने काफी ज़्यादा लंबे हो जाते हैं। उनकी पत्तियां पीली पड़ जाती हैं। रोगी से ग्रसित पौधे अक्सर पतले-पतले दिखाई देते हैं, इसलिए इसे झंडा रोग भी कहते हैं। कमजोर तना होने की वजह से वे झुक कर गिर भी जाते हैं। बालियों में दाना सूख जाता है या पतला हो जाता है। गुणवत्ता में कमी आ जाती है।
क्या हो इसका उपाय?
इसे रोकने के लिए बीज लगाने या पौधे रोपने के स्तर पर ही प्रयास करना चाहिए। रोपाई से पहले ही पौधे की जड़ को कार्बेन्डाजिम, बेनोमाइल या थियोफैनेट-मिथाइल के घोल में 6-8 घंटे तक डुबोकर रखना चाहिए। कार्बन्डाजिम या ट्राइकोड्रमा के घोल में भी डुबोकर रख सकते हैं। साथ ही प्रोपीकोनाजोल, टेबुकोनाजोल, पेनकोनाजोल, फ्लुट्रियाफोल या ट्राइजोल के घोल का पत्तियों पर छिड़काव करना चाहिए।
Baten UP Ki Desk
Published : 15 July, 2024, 7:33 pm
Author Info : Baten UP Ki