लखनऊ एयरपोर्ट पर मंगलवार सुबह एक चौंकाने वाला मामला सामने आया। कार्गो में बुक किए गए एक कूरियर में 7 महीने का भ्रूण मिला। यह भ्रूण प्लास्टिक के डिब्बे में पैक था और उसमें केमिकल भरा हुआ था। स्कैनिंग के दौरान इसे डिटेक्ट किया गया, जिससे हड़कंप मच गया।
नवी मुंबई के पते पर भेजा जा रहा था पार्सल-
पुलिस के मुताबिक, कूरियर को लखनऊ के हजरतगंज स्थित इंदिरा IVF हॉस्पिटल से बुक किया गया था। इसे नवी मुंबई के मिलेनियम बिजनेस पार्क में एक पते पर भेजा जाना था। कूरियर एजेंट शिव बरन को CISF ने हिरासत में लिया और जांच के लिए पुलिस को सौंप दिया।
डिटेक्शन के बाद सामने आया सच-
एयरपोर्ट पर कार्गो स्टाफ की स्कैनिंग प्रक्रिया के दौरान भ्रूण की पहचान हुई। कार्गो स्टाफ अंकित कुमार ने संदिग्ध वस्तु को देखते ही पैकेट खोला। प्लास्टिक के डिब्बे में भ्रूण मिलने पर CISF और पुलिस को तत्काल सूचित किया गया।
गलत तरीके से भेजा जा रहा था भ्रूण-
पुलिस जांच में सामने आया कि भ्रूण को सड़क मार्ग (बाई रोड) से भेजा जाना था। लेकिन गलती से इसे हवाई मार्ग (बाई एयर) से भेजा जा रहा था। कूरियर एजेंट भ्रूण के ट्रांसपोर्ट से जुड़े कागजात प्रस्तुत करने में असमर्थ रहा।
मिसकैरेज का कारण जानने के लिए भेजा जा रहा था भ्रूण-
इंदिरा IVF हॉस्पिटल प्रशासन ने बताया कि एक दंपती का इलाज चल रहा था, जिन्होंने IVF प्रक्रिया करवाई थी। महिला का 7 महीने का मिसकैरेज हुआ था, जो दूसरी बार था। भ्रूण को मुंबई जांच के लिए भेजा जा रहा था, ताकि मिसकैरेज के कारणों का पता लगाया जा सके। रिपोर्ट आने के बाद अगली IVF प्रक्रिया में सावधानी बरती जा सकेगी।
पुलिस जांच जारी, एजेंट से पूछताछ-
एयरपोर्ट पुलिस चौकी प्रभारी ने कहा कि भ्रूण को मुंबई भेजने का कारण परीक्षण बताया जा रहा है। लेकिन फ्लाइट के जरिए बॉडी ले जाने से जुड़े सभी कागजात कूरियर एजेंट प्रस्तुत नहीं कर सका। मामले की जांच जारी है और हिरासत में लिए गए एजेंट से पूछताछ की जा रही है।
सतर्कता बढ़ाने की जरूरत-
इस घटना ने मेडिकल ट्रांसपोर्टेशन से जुड़े नियमों और सतर्कता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। भ्रूण जैसे संवेदनशील पदार्थों की हैंडलिंग में लापरवाही न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि मानव मूल्यों के प्रति भी संवेदनहीनता दर्शाती है। भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए सख्त नियम लागू किए जाने की आवश्यकता है।