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लखनऊ में बुखार का हमला, OPD में बढ़ी मरीजों की भीड़

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लखनऊ में बुखार के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जिसके चलते अस्पतालों के वॉर्ड फुल हो चुके हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की भीड़ देखी जा रही है, खासकर डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर से पीड़ित लोगों की। अस्पतालों के ओपीडी में बुखार के मरीजों की संख्या सबसे ज्यादा है, जबकि कई गंभीर मरीजों को इमरजेंसी में भर्ती कराया जा रहा है। डॉक्टर लोगों को साफ-सफाई और खानपान पर विशेष ध्यान देने की सलाह दे रहे हैं।

डेंगू और वायरल फीवर का डबल अटैक-

इस मौसम में डेंगू और वायरल फीवर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार वायरल फीवर ज्यादा संक्रामक है और इसके लक्षण भी गंभीर हैं। डेंगू से पीड़ित मरीजों को तेज बुखार के साथ-साथ डायरिया और डिहाइड्रेशन की शिकायत हो रही है। कई मरीजों में बुखार 104 डिग्री तक पहुंच रहा है, जिससे उनकी हालत और गंभीर हो रही है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं।

अस्पतालों में भीड़, डॉक्टर भी बीमार-

लखनऊ के लोकबंधु, सिविल और बलरामपुर अस्पतालों में करीब 175 मरीजों को भर्ती किया गया है, जिनमें से कई डेंगू और वायरल फीवर से पीड़ित हैं। इनमें से 100 से ज्यादा मरीज गंभीर हालत में हैं। कुछ डॉक्टर और अस्पताल प्रशासन के अधिकारी भी इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं, जिससे हालात और बिगड़ गए हैं।

ओपीडी में 70% मरीज वायरल फीवर-

राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज के डॉक्टर्स धर्मेंद्र का कहना है कि उनके अस्पताल में 70% मरीज वायरल बुखार से पीड़ित होते हैं। इन मरीजों को आयुर्वेदिक उपचार दिया जा रहा है, जिससे उन्हें तीन-चार दिनों में राहत मिल रही है। इस कॉलेज में रोजाना 300 से अधिक मरीज वायरल फीवर के आ रहे हैं, जिनमें बुखार के साथ उल्टी, पेट में दर्द और सूजन की शिकायत हो रही है।

खानपान में लापरवाही बढ़ा रही समस्याएं-

डॉक्टरों का कहना है कि लोग साफ-सफाई और सही खानपान का ध्यान नहीं रख रहे हैं, जिसके कारण वायरल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ रहा है। डॉक्टर विष्णु कुमार ने बताया कि बाजार में मिलने वाले अस्वच्छ भोजन और अनियमित खानपान भी बीमारी फैलने का एक बड़ा कारण है। लोग इन दिनों बाहर का खाना खाने से बचें और स्वच्छ पानी पिएं, ताकि बीमारियों से बचा जा सके।

नए स्ट्रेन से बढ़ रही मुश्किलें-

केजीएमयू के डॉक्टर्स मानना है कि इस बार कोई नया स्ट्रेन भी फैला हो सकता है, जिससे डेंगू और वायरल के मामलों में तेजी आई है। हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं है, लेकिन इस समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है।

मरीजों की बढ़ती संख्या से अस्पतालों पर दबाव-

अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर भी दबाव बढ़ रहा है। डॉक्टरों और अस्पताल प्रशासन का कहना है कि फिलहाल मरीजों के लिए पर्याप्त व्यवस्था की जा रही है, लेकिन लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या चिंता का विषय है।

तेज बुखार और बदन दर्द कर रहा परेशान

वायरल के मरीजों में इस बार तेज बुखार के लक्षण आ रहे हैं। इनमें से कई ऐसे मरीज हैं, जिनमें पहले से कुछ इन्फेक्शन होने के कारण, हालत गंभीर हो जा रही हैं। कुछ मरीजों में हाई ग्रेड फीवर की परेशानी भी देखी जा रही हैं। ऐसे भी दवा के साथ शरीर में पानी और पौष्टिक आहार की कमी नही होनी चाहिए। दवा खाने के बाद भी बुखार न उतरने पर बिना देरी किए अस्पताल में मरीज को भर्ती किया जाना चाहिए।

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