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नहीं थम रहा है लखनऊ में डेंगू का कहर... दिन ब दिन बढ़ रहा ग्रॉफ!

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लखनऊ में डेंगू संक्रमण की स्थिति भयावह होती जा रही है। इस साल डेंगू के कुल 1,115 मरीज अब तक सामने आ चुके हैं। पिछले 13 दिनों में ही 638 नए डेंगू पॉजिटिव केस दर्ज हुए हैं। दशहरे के दिन सैंपल की जांच रिपोर्ट रविवार को आई, जिसमें 38 नए मामले सामने आए। साथ ही, एक मरीज मलेरिया पॉजिटिव भी पाया गया है।

सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र

लखनऊ के अलीगंज, आलमबाग और इंदिरा नगर जैसे क्षेत्रों में डेंगू संक्रमण सबसे तेजी से फैल रहा है। रविवार को आई रिपोर्ट में अलीगंज में सबसे ज्यादा 7 मरीज पॉजिटिव पाए गए। आलमबाग, इंदिरा नगर, और सिल्वर जुबली क्षेत्र में 6-6 नए केस दर्ज किए गए। एनके रोड, टुडियागंज, ऐशबाग, और गोसाईगंज क्षेत्रों में भी 2-2 नए डेंगू मरीज मिले।

विशेषज्ञों की चेतावनी: आने वाले 15 दिन बेहद अहम

फिजिशियन डॉ. वीरेंद्र कुमार का कहना है कि डेंगू के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है, और हालात आने वाले दिनों में और बिगड़ सकते हैं। उन्होंने आगाह किया कि अगले 15 दिन बेहद महत्वपूर्ण होंगे, और इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। लापरवाही की स्थिति में संक्रमण तेजी से बढ़ सकता है।

डेंगू के लक्षण और बचाव के तरीके

क्या है डेंगू?

डेंगू एक वायरल बिमारी है, जो एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। इस बिमारी के लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों का दर्द, उल्टी और थकान शामिल हैं। यह वायरस गंभीर स्थिति में जानलेवा भी साबित हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि लक्षणों को पहचानते ही खुद इलाज न करें, बल्कि तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

चार वायरस से फैलता है डेंगू

डेंगू वायरस चार प्रकार के होते हैं: डीईएनवी-1, डीईएनवी-2, डीईएनवी-3 और डीईएनवी-4। ये वायरस मच्छर के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं और व्यक्ति को डेंगू से संक्रमित करते हैं।

मरीज के खानपान का रखें ध्यान

डेंगू के मरीज को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है। मरीज को सादा पानी, नारियल पानी, नींबू पानी, दूध और छाछ जैसे तरल पदार्थ नियमित रूप से दिए जाने चाहिए। दिन भर में 4 से 5 लीटर लिक्विड का सेवन सुनिश्चित करें। मरीज को हर 1-2 घंटे में कुछ न कुछ खाने-पीने के लिए दें और पेशाब की मात्रा पर नजर रखें। पेशाब कम होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

दूसरी बार डेंगू होने पर बढ़ जाता है खतरा

पहली बार डेंगू होने पर खतरा अपेक्षाकृत कम होता है, लेकिन दूसरी बार डेंगू होने पर यह बीमारी अधिक घातक साबित हो सकती है। यह बुखार हड्डियों को कमजोर करता है और पुनः संक्रमण होने पर यह और भी गंभीर हो सकता है।

100 डिग्री से ज्यादा बुखार पर क्या करें?

यदि मरीज को 100 डिग्री से ज्यादा बुखार है तो उसे आराम देने के लिए ठंडे पानी की पट्टियां माथे पर रखें। मरीज को हल्की रोशनी में रखें और कमरे में सीलिंग फैन या कूलर कम स्पीड पर चलाएं। मच्छरों से बचाव के लिए मच्छरदानी का उपयोग करें और मरीज की व्यक्तिगत स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। मरीज के कपड़े नियमित रूप से बदलें और नहाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल कराएं।

डेंगू के गंभीर रूप: जान के लिए खतरा

हल्का डेंगू बुखार

इस प्रकार के डेंगू के लक्षण मच्छर के काटने के एक हफ्ते बाद दिखाई देते हैं। यह प्रारंभिक रूप में हल्का लगता है लेकिन समय के साथ गंभीर हो सकता है।

डेंगू रक्तस्रावी बुखार

इस प्रकार के डेंगू में रक्त का रिसाव होता है और लक्षण हल्के होते हैं। हालांकि, यह धीरे-धीरे गंभीर हो सकता है, जिससे मरीज की हालत बिगड़ सकती है।

डेंगू शॉक सिंड्रोम

यह डेंगू का सबसे गंभीर रूप है। इसमें मरीज को अचानक झटके आने लगते हैं, जिससे उसकी जान को खतरा होता है।

डेंगू के आंकड़े: 2019 में 67 हजार से ज्यादा केस-

डब्ल्यूएचओ के अनुसार, हर साल लगभग 5 लाख लोगों को डेंगू के कारण अस्पताल में भर्ती करना पड़ता है। अकेले भारत में, 2019 में 67 हजार से ज्यादा डेंगू के मामले दर्ज किए गए थे।

निवारण के उपाय: सावधानी ही बचाव

डेंगू से बचने के लिए साफ-सफाई पर ध्यान दें, पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी का उपयोग करें और पूरी बांह के कपड़े पहनें। मच्छरों से बचाव के लिए कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें और घर के आसपास पानी के स्रोतों को ढक कर रखें। आने वाले दिनों में डेंगू संक्रमण के और फैलने की आशंका के बीच हमें जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।

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