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यूुपी सरकार ने बड़े इमामबाड़ा, छोटे इमामबाड़ा को वक्फ की संपत्ति न मानने का लिया निर्णय! सरकार पर लगा अराजकता फैलाने का आरोप...

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लखनऊ में आयोजित जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (जेपीसी) की बैठक के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया कि राज्य में कुल 14000 हेक्टेयर भूमि में से 11000 हेक्टेयर भूमि सरकारी है। इस बैठक में, सरकार ने प्रमुख धार्मिक स्थल जैसे बड़े इमामबाड़ा, छोटे इमामबाड़ा और अयोध्या के बहू बेगम मकबरे को वक्फ की संपत्ति नहीं मानने का निर्णय लिया। इस पर सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद भड़क गए और कहा कि "हमारे पुरखों की कब्र भी हमारी नहीं मानी जा रही।" उनका यह भी कहना था कि "जहां सदियों से नमाज पढ़ी जा रही है, उसे मस्जिद मानने के लिए भी तैयार नहीं हैं।"

शिया वक्फ बोर्ड और मौलाना का विरोध

इस बैठक में शिया वक्फ बोर्ड और मौलाना खालिद रशीद ने संशोधन प्रस्ताव का विरोध किया। मौलाना ने बैठक के दौरान कहा कि वे अपनी बात जेपीसी के सामने रखेंगे और वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 के विरोध के कारणों को स्पष्ट करेंगे। उनका पूरा विश्वास था कि उनकी बात सुनी जाएगी।

उत्तर प्रदेश सरकार का रुख और अल्पसंख्यकों का विकास

इस बैठक में शामिल अल्पसंख्यक मंत्री दानिश आजाद ने बैठक को सकारात्मक दिशा में बताया और कहा कि वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करते हुए, इस विधेयक के तहत अल्पसंख्यकों के विकास के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को रोजगार और शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाना है।

बैठक में डेटा पर सवाल और वक्फ संपत्ति के नए नियमन का प्रस्ताव

संपत्तियों के डाटा पर उठे सवालों ने बैठक को और गरमा दिया। शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष अली जैदी ने कहा कि सरकार द्वारा प्रस्तुत किया गया डाटा गलत है और इसमें सुधार की जरूरत है। बैठक में यह सवाल उठाया गया कि वक्फ संपत्तियों का सही डेटा कहां से आया और अगर संपत्तियां वक्फ बोर्ड में दर्ज नहीं हैं, तो क्या वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

वक्फ संपत्ति से मुसलमानों को हटा दिया तो होगा बड़ा असर

सहारनपुर से कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि यदि वक्फ संपत्तियों को हटा दिया गया तो यह मुसलमानों के लिए बड़ा नुकसान होगा, और यह प्रभाव केवल मुस्लिम समाज तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि प्राचीन मंदिरों और मठों को भी इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि यह सब एक सुनियोजित प्रयास है ताकि देश में अराजकता और अफरा-तफरी का माहौल पैदा किया जा सके।

अल्पसंख्यकों के लिए सकारात्मक कदम की आवश्यकता

जेपीसी की बैठक में अल्पसंख्यकों के लिए सकारात्मक रणनीति की आवश्यकता की बात की गई। वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में यह सुझाव दिया गया कि इसके तहत अल्पसंख्यकों के सामाजिक और आर्थिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाए।

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