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उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए करीब 50 हजार शिक्षामित्र गुरुवार को लखनऊ के ईको गार्डन में जमा हुए हैं। उनकी प्रमुख मांगों में वेतन वृद्धि और नियमितिकरण शामिल है, जिसे लेकर वे जोरदार प्रदर्शन कर रहे हैं। शिक्षामित्रों का कहना है कि उनकी समस्याओं को लेकर सरकार लगातार उदासीन बनी हुई है और अगर जल्द उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करेंगे। शिक्षामित्र संघ ने चेतावनी दी है कि शुक्रवार को शिक्षा निदेशालय का घेराव किया जाएगा और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का निर्णय लिया जाएगा।
शिक्षामित्रों का कहना: अब करो या मरो की स्थिति-
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अब ऐसी स्थिति में आ गए हैं, जहां उन्हें "करो या मरो" का रुख अपनाना पड़ रहा है। उनका मानना है कि इतने कम वेतन में जीवनयापन करना मुश्किल हो गया है। शिक्षामित्रों के एक प्रतिनिधि ने कहा, "सरकार को अब आश्वासनों से आगे बढ़कर हमारे जीवन और भविष्य के बारे में गंभीरता से सोचना होगा।"
नारेबाजी और संघर्ष का माहौल-
ईको गार्डन में मौजूद प्रदर्शनकारियों ने नारेबाजी करते हुए कहा, "चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगें पूरी हो।" इस प्रदर्शन में हापुड़, मुरादाबाद, वाराणसी, मिर्जापुर और अन्य जिलों से बड़ी संख्या में शिक्षामित्र शामिल हुए हैं। भीड़ में महिलाओं की भी बड़ी संख्या देखी जा रही है, जो गर्मी के बावजूद अपनी मांगों के लिए अडिग हैं।
2017 के बाद नहीं बढ़ा शिक्षामित्रों का मानदेय-
यूपी में शिक्षामित्रों का मानदेय 2017 के बाद से नहीं बढ़ा है। वर्तमान में उन्हें 10 हजार रुपए प्रतिमाह का मानदेय मिल रहा है, जो उनकी जरूरतों को पूरा करने में नाकाफी है। शिक्षामित्रों के लिए गठित समिति ने मानदेय को 15 हजार रुपए तक बढ़ाने की सिफारिश की है, लेकिन इस पर अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। 12 जनवरी को हाईकोर्ट ने भी अपने आदेश में कहा था कि शिक्षामित्रों का मानदेय कम है और इसे बढ़ाने के लिए समिति का गठन कर विचार किया जाना चाहिए।
महिलाओं की बड़ी भागीदारी, बसों में भरकर पहुंचे लोग-
ईको गार्डन में हो रहे इस बड़े प्रदर्शन में महिलाओं की भी भागीदारी देखी जा रही है। महिलाएं गर्मी से बेहाल हैं, लेकिन अपनी मांगों को लेकर दृढ़ संकल्पित हैं। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से कई बसों में भरकर लोग प्रदर्शन में शामिल होने के लिए लखनऊ पहुंचे हैं।
7 साल से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षामित्र-
शिक्षामित्र संघ के संगठन महामंत्री सुशील सिंह ने कहा, "हम पिछले 7 साल से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। प्रदेश भर के करीब 1.42 लाख शिक्षामित्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं। सरकार को चाहिए कि वे हमारी स्थिति को समझे और हमारे वेतन वृद्धि और नियमितिकरण की मांगों पर गंभीरता से विचार करे।" शिक्षामित्रों का कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नजरअंदाज किया तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे और मुख्यमंत्री आवास के घेराव तक सीमित नहीं रहेंगे।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 September, 2024, 4:26 pm
Author Info : Baten UP Ki