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आजकल हम सभी अपने स्मार्टफोन और इंटरनेट के बिना अपने दिन की कल्पना भी नहीं कर सकते। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि यह सुविधाएं आपके लिए खतरे का कारण भी बन सकती हैं? फ्री WiFi का आकर्षण, अनचाहे लिंक, और वर्चुअल नंबर से आने वाली कॉल्स – ये सब साइबर अपराधियों के नए हथियार बन गए हैं। डिजिटल दुनिया में जितना तेज़ी से हम कदम बढ़ाते हैं, उतना ही बढ़ता है साइबर ठगों का निशाना। यदि आप सतर्क नहीं रहते, तो आपका व्यक्तिगत डेटा और बैंक अकाउंट बिना किसी झंझट के ठगों के हाथों में जा सकता है। आइए जानते हैं कि इन खतरों से कैसे बच सकते हैं और कैसे सुरक्षित रह सकते हैं।
फ्री WiFi और लिंक के माध्यम से आपका डेटा चोरी करना
साइबर अपराधियों ने अब नई चालें चलनी शुरू कर दी हैं। विशेष रूप से सार्वजनिक स्थलों पर मिलने वाली फ्री WiFi सेवाओं का उपयोग कर वे आसानी से आपके मोबाइल डिवाइस को हैक कर सकते हैं। ठगों के पास टूल्स होते हैं जिनसे वे एक क्लिक में आपके बैंक अकाउंट की जानकारी चुरा सकते हैं। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि केवल अपने मोबाइल डेटा का उपयोग करें और फ्री WiFi से दूर रहें।
वर्चुअल नंबर और APK फाइल्स: कैसे हो सकते हैं खतरनाक?
वर्चुअल नंबर से आने वाली कॉल्स अक्सर साइबर अपराधियों की होती हैं। ये कॉल्स आपको धोखा देने, आपके डेटा चोरी करने या अन्य जालसाजी करने के लिए की जाती हैं। इसके अलावा, शादियों के सीजन में भेजे जाने वाले ए-पी-के फाइल्स में भी अक्सर वायरस और खतरनाक लिंक हो सकते हैं। ऐसी फाइल्स को डाउनलोड करने से बचें और सिर्फ आधिकारिक एप्स को ही इंस्टॉल करें।
साइबर अपराध से बचाव के प्रभावी तरीके-
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ पुनीत तोमर ने छात्रों को ऑनलाइन खतरों से बचाव के उपाय बताए। उन्होंने इंस्टाग्राम, फेसबुक, और वाट्सएप पर टू-स्टेप वेरिफिकेशन को अपनाने की सलाह दी। साथ ही, जीमेल या अन्य महत्वपूर्ण अकाउंट्स के लिए मजबूत पासवर्ड बनाने की आवश्यकता को बताया।
इंस्टाग्राम, फेसबुक और जीमेल की सुरक्षा: क्या हैं जरूरी कदम?
आजकल सोशल मीडिया अकाउंट्स और ईमेल आईडी को हैक करना बहुत आसान हो गया है। इसके लिए ठग अकाउंट्स की जाँच करते हैं और फिर निजी जानकारी चुराते हैं। इसलिए, अपने अकाउंट्स में दो-चरणीय सत्यापन और मजबूत पासवर्ड का उपयोग करना जरूरी है।
कानूनी जानकारी: साइबर अपराध की रिपोर्टिंग और निपटने के तरीके
डिजिटल अपराध के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए आयोजित कार्यशाला में छात्रों को साइबर अपराध से निपटने के कानूनी उपायों के बारे में बताया गया। जनसंपर्क अधिकारी प्रतिमा गुप्ता ने साइबर अपराध की रिपोर्टिंग प्रक्रिया और इससे निपटने के विधिक पहलुओं को स्पष्ट किया। साथ ही, व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा के महत्व को भी साझा किया।
जागरूकता की जरूरत: साइबर अपराध से बचने के लिए क्या करें?
साइबर अपराधों के प्रति जागरूकता जरूरी है, और इसे सबसे प्रभावी तरीके से बढ़ाने के लिए शैक्षिक कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला में विद्यार्थियों को फिशिंग, हैकिंग, पहचान चोरी और ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, ताकि वे इन समस्याओं से सुरक्षित रह सकें।
सुरक्षा अपनाएं, खुद को बचाएं!
आज के डिजिटल युग में साइबर ठग लगातार नए तरीके ढूंढ रहे हैं। इसके लिए केवल जागरूकता और सतर्कता ही आपके ऑनलाइन और बैंकिंग डेटा की सुरक्षा कर सकती है। इसलिए, हमेशा किसी भी लिंक पर क्लिक करने से पहले 10 बार सोचें और अपने व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी उपाय अपनाएं।
Baten UP Ki Desk
Published : 20 December, 2024, 7:55 pm
Author Info : Baten UP Ki