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भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्षेत्र में एक नई क्रांति का गवाह बन रहा है, जहां तकनीकी नवाचार की लहर देश को भविष्य के लिए सशक्त बना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत एआई और नवाचार के वैश्विक मंच पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है। पहली बार सरकार एआई इकोसिस्टम के विकास में सक्रिय भूमिका निभा रही है, जहां उन्नत कंप्यूटिंग पावर, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (जीपीयू) और शोध के अवसर किफायती दरों पर सुलभ हैं। इस तकनीकी प्रगति के दम पर भारत तेज़ी से एक आत्मनिर्भर डिजिटल महाशक्ति के रूप में उभर रहा है।
एआई में सबके लिए समान अवसर की पहल
मोदी सरकार एआई को सीमित समूहों का विशेषाधिकार बनने से रोकते हुए इसे हर व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। अभूतपूर्व नीतियों के जरिए छात्रों, स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स को विश्वस्तरीय एआई इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराया जा रहा है। इंडिया एआई मिशन और उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना जैसी पहलों के माध्यम से देश में एक समावेशी और सशक्त तकनीकी पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण हो रहा है।
भारत को एआई महाशक्ति बनाने की ओर निर्णायक कदम
इंडिया एआई मिशन के तहत मात्र 10 महीनों में 18,693 जीपीयू की एक उच्च स्तरीय कॉमन कंप्यूटिंग सुविधा स्थापित की गई है। सरकार ने ओपन जीपीयू मार्केट का मार्ग प्रशस्त कर छोटे स्टार्टअप्स, शोधकर्ताओं और छात्रों को उच्च प्रदर्शन वाले कंप्यूटिंग संसाधनों तक पहुंच प्रदान की है। स्वदेशी जीपीयू के विकास की दिशा में भी भारत तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है, जो इसे वैश्विक एआई लीडर बनने की ओर अग्रसर कर रहा है।
इंडिया एआई मिशन: स्वदेशी नवाचार की नई उड़ान
भारत के एआई तंत्र को सशक्त बनाने के लिए मोदी सरकार ने 2024 में 10,300 करोड़ रुपये के बजट के साथ इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दी। यह मिशन उच्चस्तरीय 10,000 जीपीयू कंप्यूटेशन सुविधा के साथ भारतीय भाषाओं पर आधारित स्वदेशी एआई समाधान विकसित करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। शेष 8,693 जीपीयू को भी जल्द ही शामिल किया जाएगा, जिससे भारत एआई में आत्मनिर्भरता की नई कहानी लिखेगा।
स्टार्टअप्स और शोधकर्ताओं के लिए नई पहल
मोदी सरकार जल्द ही एक क्रांतिकारी कंप्यूटिंग सुविधा लॉन्च करने जा रही है, जहां स्टार्टअप्स और शोधकर्ता केवल एक डॉलर प्रति घंटे की दर पर उच्च-स्तरीय कंप्यूटिंग पावर का उपयोग कर सकेंगे। यह दर वैश्विक स्तर पर 2.5-3 डॉलर प्रति घंटा की लागत की तुलना में बेहद किफायती है। साथ ही, सरकार का इंडियाएआई डाटासेट प्लेटफॉर्म एआई शोधकर्ताओं के लिए विविध और समृद्ध डाटासेट्स को खुला और सुलभ बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
शिक्षा में एआई को नई उड़ान: चौथा उत्कृष्टता केंद्र बनेगा हब
सरकार ने 2023 में स्वास्थ्य सेवा, कृषि और सस्टेनेबल शहरों के लिए तीन एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए थे। अब बजट 2025 में शिक्षा क्षेत्र के लिए चौथा एआई उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। यह केंद्र शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नवाचार को गति देने का हब बनेगा।
युवाओं को नई उड़ान: पांच राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र
सरकार ने उद्योग-आधारित विशेषज्ञता से युवाओं को सशक्त बनाने के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई है। ये केंद्र 'मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' मैन्युफैक्चरिंग विज़न को समर्थन देने के लिए वैश्विक भागीदारियों के साथ विकसित किए जाएंगे।
Baten UP Ki Desk
Published : 11 February, 2025, 1:52 pm
Author Info : Baten UP Ki