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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका के दौरे पर हैं और इस यात्रा के दौरान कई अहम समझौतों पर चर्चा हुई है। इनमें से सबसे महत्वपूर्ण है भारत की MQ-9B 'हंटर-किलर' प्रीडेटर ड्रोन की खरीददारी। यह डील भारत-अमेरिका रक्षा संबंधों को नई ऊंचाईयों तक ले जाएगी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय वार्ता के दौरान इस डील के रोडमैप पर बात हुई। भारत जल्द ही नौसेना, थलसेना और वायुसेना के लिए 31 घातक MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन खरीदेगा। आइए, जानते हैं इस ड्रोन की प्रमुख विशेषताएं और इसके सामरिक महत्व को।
3.9 बिलियन डॉलर की डील से बढ़ेगा सामरिक सहयोग-
भारत-अमेरिका के बीच होने वाली यह डील करीब 3.9 बिलियन डॉलर (लगभग 32,000 करोड़ रुपये) की है। इसमें 31 MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन शामिल हैं, जो भारत की सेना को एक आधुनिक और प्रबल निगरानी क्षमता प्रदान करेंगे। इस डील के तहत अमेरिका से 15 'सी गार्जियन' ड्रोन भारतीय नौसेना के लिए और 8-8 'स्काई गार्जियन' ड्रोन थलसेना व वायुसेना के लिए खरीदे जाएंगे। इस ड्रोन की खरीदारी से भारत की सेना की इंटेलिजेंस, सर्विलांस और रिकॉनेसेंस (ISR) क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जिससे खुफिया जानकारी जुटाने और निगरानी मिशनों को अत्यधिक सटीकता के साथ अंजाम दिया जा सकेगा।
चीन की पैनी नजर-
भारत-अमेरिका के बीच हो रही इस ऐतिहासिक ड्रोन डील पर चीन की कड़ी निगरानी है। इस डील के माध्यम से भारत अपनी सुरक्षा के लिहाज से न केवल चीन बल्कि पूरे एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अपनी ताकत बढ़ाएगा। भारत और अमेरिका के बीच बढ़ती सैन्य साझेदारी को चीन एक रणनीतिक चुनौती के रूप में देख रहा है, खासकर जब भारत इस ड्रोन का उपयोग भारतीय सीमा और समुद्री क्षेत्र में निगरानी के लिए करेगा।
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन: आसमान का खतरनाक शिकारी-
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन एक आधुनिक 'मानवरहित हवाई वाहन' (UAV) है, जो अपनी हाई एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (HALE) क्षमता के लिए जाना जाता है। यह 40 घंटे से ज्यादा समय तक उड़ान भर सकता है और 50,000 फीट की ऊंचाई तक पहुंच सकता है। इसकी अधिकतम गति 442 किलोमीटर प्रति घंटा है और यह 2177 किलोग्राम तक का भार उठाने में सक्षम है।
प्रीडेटर ड्रोन की खासियतें-
यह ड्रोन भारत की सुरक्षा रणनीति में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाएगा। भारतीय नौसेना इसका उपयोग समुद्री सीमाओं पर निगरानी के लिए करेगी, वहीं थलसेना और वायुसेना इसका उपयोग सीमावर्ती क्षेत्रों में करेंगे। यह ड्रोन दुश्मन के किसी भी संभावित खतरे को तुरंत पहचानने और नष्ट करने की क्षमता रखता है। इसके साथ ही भारतीय सेना को खुफिया जानकारी जुटाने और उन पर त्वरित कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
अमेरिकी राष्ट्रपति का समर्थन और मोदी-बाइडन वार्ता-
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने भी भारत द्वारा 31 MQ-9B ड्रोन खरीदने की दिशा में की जा रही प्रगति का स्वागत किया है। दोनों देशों के बीच इस समझौते को लेकर एक संयुक्त बयान भी जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि यह डील भारत की सैन्य क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेगी। हालांकि, डील पर औपचारिक हस्ताक्षर अक्टूबर 2024 में होने की उम्मीद है, लेकिन इसके तहत दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग, खुफिया जानकारी साझा करने और साइबर सहयोग को मजबूत करने के दिशा में एक ठोस कदम उठाया गया है।
प्रीडेटर ड्रोन: भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार-
भारत की रक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, यह डील केवल एक तकनीकी उन्नयन नहीं है, बल्कि भारत की सुरक्षा और कूटनीति को मजबूती देने का एक अहम कदम है। इस ड्रोन की मदद से भारत अपनी सीमा पर निगरानी और आक्रामक रणनीति को और प्रभावी बना सकेगा, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों से निपटना और भी आसान हो जाएगा।
दुश्मनों के खिलाफ एक मजबूत और सक्षम शक्ति-
MQ-9B प्रीडेटर ड्रोन की खरीद भारत की रक्षा क्षमताओं में अभूतपूर्व वृद्धि करेगी। यह डील भारत को दुश्मनों के खिलाफ एक मजबूत और सक्षम शक्ति बना देगी, जिससे भारत-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन के लिहाज से भारत एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनकर उभरेगा।
Baten UP Ki Desk
Published : 23 September, 2024, 1:31 pm
Author Info : Baten UP Ki