बड़ी खबरें

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला, साप्ताहिक जन सुनवाई के दौरान हुई घटना; आरोपी को पकड़ा 5 घंटे पहले सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति पद के लिए किया नामांकन, पीएम मोदी बने प्रस्तावक 5 घंटे पहले मुंबई में बारिश से हालात बदतर: 24 घंटे में छह लोगों की मौत, हार्बर लाइन पर लोकल ट्रेन सेवाएं 15 घंटे बाद बहाल 5 घंटे पहले लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित 5 घंटे पहले उत्तराखंड में यूसीसी में होंगे बदलाव; धोखा देकर, शादीशुदा होकर लिव-इन रिलेशन में रहने वालों को मिलेगी कड़ी सजा 5 घंटे पहले

SpaceX और Amazon Kuiper जैसी दिग्गज कंपनियां करेंगी सेवाओं का विस्तार... भारत को होगा ये फायदा

Blog Image

भारत सैटेलाइट नेटवर्क और संचार सेवाओं में क्रांति की ओर अग्रसर है। एलन मस्क की SpaceX और जेफ बेजोस की Amazon Kuiper जैसी दिग्गज कंपनियां जल्द ही भारत में अपनी सेवाओं का विस्तार कर सकती हैं। सरकार सैटेलाइट नेटवर्क ऑपरेटरों के लिए सुरक्षा मानकों और लाइसेंसिंग प्रक्रियाओं में नए बदलावों पर विचार कर रही है, जो इस क्षेत्र में नए अवसरों का द्वार खोल सकते हैं।

सैटेलाइट नेटवर्क के लिए भारत तैयार-

भारत में सैटेलाइट नेटवर्क सेवाओं के विस्तार पर चर्चा तेज हो गई है। SpaceX की Starlink और Amazon Kuiper जैसी कंपनियां भारत में अपनी सेवाएं शुरू करना चाहती हैं। हालांकि, मौजूदा सुरक्षा शर्तों और लाइसेंसिंग नियमों के कारण इन कंपनियों को अभी तक हरी झंडी नहीं मिली है।

मस्क और ISRO के सहयोग से नई उम्मीदें-

हाल ही में SpaceX ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के साथ GSAT-20 कम्युनिकेशन सैटेलाइट का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। यह सैटेलाइट अमेरिका के फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया था। इसरो के साथ यह साझेदारी मस्क के भारत में सैटेलाइट नेटवर्क स्थापित करने के प्रयासों को गति दे सकती है।

सुरक्षा शर्तों में राहत के आसार-

सूत्रों के अनुसार, भारत सरकार सैटेलाइट नेटवर्क ऑपरेटर्स को Global Mobile Personal Communication Satellite (GMPCS) सिस्टम के तहत सेवाएं प्रदान करने की अनुमति दे सकती है। 29 नवंबर को हुई एक अहम बैठक में दूरसंचार विभाग (DoT) और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने इन सुरक्षा शर्तों में बदलाव की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

ग्लोबल प्रैक्टिस पर आधारित नए नियम-

स्टारलिंक ने सुझाव दिया है कि भारत में नए नियम ग्लोबल रेगुलेशन्स के अनुरूप बनाए जाएं। ऐसा करने से भारत में सैटेलाइट नेटवर्क सेवाएं संचालित करने की प्रक्रिया सरल होगी और वैश्विक कंपनियों को आकर्षित किया जा सकेगा।

लाइसेंसिंग की प्रक्रिया कैसी होगी?

GMPCS लाइसेंस हासिल करने के लिए स्टारलिंक और अमेज़न को किन शर्तों का पालन करना होगा, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। अधिकारी इस दिशा में काम कर रहे हैं ताकि भारत की सुरक्षा आवश्यकताओं और वैश्विक तकनीकी मानकों के बीच संतुलन बनाया जा सके।

क्या होगा भारत को फायदा?

भारत में सैटेलाइट नेटवर्क सेवाएं शुरू होने से दूरदराज के इलाकों में इंटरनेट पहुंच बढ़ेगी, जिससे डिजिटल डिवाइड कम होगा। साथ ही, उच्च गुणवत्ता वाले ब्रॉडबैंड नेटवर्क की उपलब्धता से शिक्षा, स्वास्थ्य और ई-कॉमर्स जैसे क्षेत्रों में भी क्रांति आएगी।

क्या हो सकती हैं आगे की राहें?

हालांकि एलन मस्क और जेफ बेजोस की कंपनियों के लिए अभी लाइसेंसिंग प्रक्रिया पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है, लेकिन सरकार और उद्योग जगत के बीच सहयोग से भारत के डिजिटल भविष्य को नई दिशा मिलने की संभावना है।

अन्य ख़बरें

संबंधित खबरें