साल 2024 भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी वर्ष साबित हुआ, जहां आत्मनिर्भरता और अत्याधुनिक तकनीक ने नए आयाम स्थापित किए। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत देश ने स्वदेशी रक्षा उत्पादन में अभूतपूर्व प्रगति की। अब भारत के आसमान में स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान गरजते हैं, समुद्र में स्वदेशी पनडुब्बियां दुश्मनों को चुनौती देती हैं, और स्वदेशी ड्रोन सीमाओं की निगरानी करते हैं। भारत न केवल आयात पर निर्भरता घटा रहा है, बल्कि एक प्रमुख रक्षा निर्यातक के रूप में उभर रहा है। आज, 85 से अधिक देशों में भारतीय हथियार प्रणालियां और रक्षा उत्पाद अपनी छाप छोड़ रहे हैं। 2025 की ओर देखते हुए, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा, और अंतरिक्ष रक्षा जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों में भारत के कदम और तेज़ी से बढ़ेंगे।
सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां-
हालांकि, इस प्रगति के बीच सीमाओं की सुरक्षा को लेकर नई चुनौतियां भी उभर रही हैं। बांग्लादेश में बदलते हालात और नेपाल के साथ सीमा विवाद की संभावनाएं भारत के रणनीतिकारों के लिए कठिन परीक्षा साबित हो सकती हैं। इन जटिलताओं के बावजूद, भारत आत्मनिर्भरता और सामरिक कौशल के बल पर अपनी रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।
आधुनिक तकनीक और 2025 का विजन-
विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष रक्षा जैसे क्षेत्रों में तेजी से प्रगति होगी। भारत रक्षा उत्पादन में नए मील के पत्थर स्थापित करने की ओर बढ़ रहा है।
क्षेत्रीय चुनौतियां और कूटनीतिक सफलता
- पड़ोसी देशों की अस्थिरता और बढ़ती चिंताएं
बांग्लादेश में बदलते हालात और नेपाल के साथ सीमा विवाद ने भारत की चुनौतियों को बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत को कई मोर्चों पर एक साथ सतर्क रहना होगा।
- चीन और एलएसी पर कूटनीतिक सफलता
भारत और चीन ने सीमा विवाद को कम करने के लिए सहमति बनाई है। यह कूटनीतिक सफलता भारतीय सेना और सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। हालांकि, चीन पर भरोसा करना अभी भी जल्दबाजी होगी।
मेक इन इंडिया: आत्मनिर्भरता का कारवां
- स्वदेशी उत्पादन में बढ़ोतरी
मेक इन इंडिया अभियान के तहत, रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी उत्पादन का प्रतिशत 50% तक पहुंच गया है। 346 वस्तुओं की नई सूची जारी की गई है, जो अब भारत में ही निर्मित की जाएंगी।
- निजी क्षेत्र की बढ़ती भागीदारी
रक्षा क्षेत्र में निजी कंपनियों और स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नई योजनाएं लागू की हैं। नवाचार और तकनीकी विकास निधि (TDF) के तहत 78 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।
डिफेंस में स्टार्टअप्स का योगदान
- नए स्टार्टअप्स के लिए अवसर
सरकार ने स्टार्टअप्स को मिलने वाले फंड को 1.5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये कर दिया है। डेयर टू ड्रीम प्रतियोगिता के माध्यम से 52 स्टार्टअप्स को सम्मानित किया गया।
आत्मनिर्भरता की दिशा में तकनीकी नवाचार
सागर डिफेंस इंजीनियरिंग जैसे स्टार्टअप्स ने नई तकनीक और विचारों के जरिए डिफेंस सेक्टर में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
सैन्य आधुनिकीकरण और बजट-
2024 में आधुनिक उपकरणों की उपलब्धि
- आईएनएस अरिघात: भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
- एलसीएच प्रचंड: वायुसेना के लिए हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर का परिचालन शुरू।
बढ़ता रक्षा बजट
वित्त वर्ष 2024-25 में रक्षा बजट 6.22 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है।
वैश्विक रक्षा कूटनीति में भारत का बढ़ता प्रभाव
भारतीय सेना ने दुनिया के 118 देशों के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाया है। नई रक्षा विंग्स पोलैंड, अल्जीरिया, इथियोपिया और मोजाम्बिक में स्थापित की गई हैं।
- महिला अधिकारियों को नए अवसर
महिला अधिकारियों को समान करियर पाठ्यक्रम और चुनौतीपूर्ण नियुक्तियों में जगह दी जा रही है। लेफ्टिनेंट जनरल साधना सक्सेना नायर ने प्रतिष्ठित डीजीएमएस (सेना) का पद संभाला।
नौसेना और वायुसेना के लिए नई योजनाएं
अब तक 133 से अधिक जहाज और पनडुब्बियां भारत में बनाई जा चुकी हैं। नौसेना के 64 में से 63 युद्धपोत स्वदेशी रूप से निर्मित हैं।
भारतीय वायुसेना स्पेन, आर्मेनिया और आइवरी कोस्ट में छह नए रक्षा विंग स्थापित करने की प्रक्रिया में है।
नई उपलब्धियों का साल 2025-
साल 2025 भारतीय डिफेंस इंडस्ट्री के लिए नई उपलब्धियों का साल होगा। आत्मनिर्भरता, तकनीकी नवाचार, और वैश्विक कूटनीति के साथ भारत रक्षा क्षेत्र में विश्व स्तर पर अपनी पहचान मजबूत कर रहा है।