बड़ी खबरें
जिन चीज़ों को हम रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा मानते हैं, वही पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा बन रही हैं। टूथपेस्ट से लेकर डिटर्जेंट तक, आपकी कुछ आदतें लगातार पर्यावरण को बीमार कर रही हैं। आज विश्व पर्यावरण दिवस है—एक ऐसा दिन जब हम पेड़-पौधों, नदियों और वनों की बात करते हैं। लेकिन इस बार बात कुछ अलग है। क्या आपने कभी सोचा है कि आपके वॉशिंग पाउडर, टूथपेस्ट या परफ्यूम भी पर्यावरण को उतना ही नुकसान पहुंचा रहे हैं जितना कोई कार या प्लास्टिक बोतल।
बड़ी बात यह है कि ये नुकसान हमारे घरों से शुरू होता है—बिलकुल चुपचाप और बिना किसी चेतावनी के। जानिए उन 5 आम घरेलू चीजों के बारे में जो पर्यावरण को सबसे ज्यादा प्रभावित कर रही हैं:
1. एडहेसिव टेप: गिफ्ट रैपिंग से रिसाइक्लिंग तक, हर जगह नुकसान
स्कूल प्रोजेक्ट्स, पैकिंग और गिफ्ट रैपिंग में इस्तेमाल होने वाले एडहेसिव टेप प्लास्टिक कचरे को बढ़ाते हैं और गत्ते की रिसाइक्लिंग प्रक्रिया को भी जटिल बना देते हैं।
क्या करें:
जरूरत न हो तो टेप का इस्तेमाल न करें।
पेपर टेप या जूट की रस्सी का विकल्प चुनें।
ई-कॉमर्स साइट्स से ईको-फ्रेंडली पैकिंग चुनें।
2. टूथपेस्ट: केमिकल्स और प्लास्टिक ट्यूब से दोहरी मार
हर सुबह इस्तेमाल होने वाला टूथपेस्ट दरअसल माइक्रोप्लास्टिक और हानिकारक केमिकल्स का मिश्रण होता है, जो जल स्रोतों में पहुंचकर उन्हें प्रदूषित करता है।
क्या करें:
हर बार मटर के दाने जितना ही टूथपेस्ट इस्तेमाल करें।
केमिकल-फ्री या हर्बल टूथपेस्ट चुनें।
ट्यूब को काटकर पूरी तरह खाली करें और रिसाइकल करें।
3. परफ्यूम और डियोडोरेंट: खुशबू के पीछे छुपा प्रदूषण
परफ्यूम्स में मौजूद वोलाटाइल ऑर्गेनिक कंपाउंड्स (VOCs) वातावरण में पहुंचकर वायु प्रदूषण बढ़ाते हैं। एक स्प्रे कार से निकले धुएं जितना नुकसान कर सकता है।
क्या करें:
प्राकृतिक खुशबुओं या एसेंशियल ऑयल्स का इस्तेमाल करें।
रोज़ाना दो से अधिक स्प्रे न करें।
बोतल को रीयूज या रिसाइकल करें।
4. कपड़े धोने के साबुन और डिटर्जेंट: जल प्रदूषण के गुप्त अपराधी
कपड़े धोने वाले प्रोडक्ट्स में पाए जाने वाले रसायन नालियों से होते हुए नदियों और जलाशयों तक पहुंचते हैं, जिससे जल प्रदूषण और जलीय जीवन पर बुरा असर पड़ता है।
क्या करें:
इको-फ्रेंडली डिटर्जेंट का उपयोग करें।
मशीन के बजाय हाथ से कपड़े धोने से माइक्रोप्लास्टिक कम निकलते हैं।
वॉशिंग मशीन में माइक्रोप्लास्टिक फिल्टर लगवाएं।
5. सैनिटरी पैड्स: स्वच्छता के नाम पर कचरे का पहाड़
महिलाओं की स्वच्छता के लिए जरूरी सैनिटरी पैड्स पर्यावरण पर बड़ा भार डाल रहे हैं। इनमें प्लास्टिक और केमिकल्स होते हैं जो सड़ते नहीं और ज़मीन को प्रदूषित करते हैं।
क्या करें:
पैड्स को सामान्य कचरे से अलग फेंकें।
मेंस्ट्रुअल कप या बायोडिग्रेडेबल पैड्स जैसे विकल्प अपनाएं।
खुले में जलाना या फेंकना पूरी तरह से बंद करें।
अब आदत बदलने का वक्त है
पर्यावरण की रक्षा सिर्फ जंगलों को बचाने से नहीं होगी, बल्कि अपने घर की चीज़ों और अपनी आदतों को समझने और सुधारने से होगी। इस पर्यावरण दिवस पर एक छोटी सी शुरुआत करें—अपनी टूथपेस्ट की ट्यूब को ठीक से काटें, एडहेसिव टेप कम करें और परफ्यूम की जगह प्राकृतिक विकल्प आजमाएं। क्योंकि धरती को बचाने की शुरुआत आपके घर से होती है।
Baten UP Ki Desk
Published : 5 June, 2025, 12:55 pm
Author Info : Baten UP Ki