आज यानी बुधवार 6 नवंबर को बिटकॉइन ने एक नया सर्वकालिक उच्च स्तर पार कर लिया, जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों में रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प की बढ़त की खबरों के बीच इसका मूल्य 8.4% बढ़कर $75,060 पर पहुंच गया। इस उछाल ने बिटकॉइन के पिछले उच्च स्तर 73,750 डॉलर को पीछे छोड़ दिया और क्रिप्टो निवेशकों में नया जोश भरा।
ट्रम्प की चुनावी बढ़त का असर: क्रिप्टो में तेजी का माहौल
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ट्रम्प ने आवश्यक 270 इलेक्टोरल सीट्स में से 267 पर बढ़त बनाई है, जिससे बाजार में सकारात्मक रुझान दिखाई दे रहा है। इसके परिणामस्वरूप, बिटकॉइन के साथ अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी जैसे ईथर भी 7.2% बढ़कर $2,576 पर पहुंच गया। ट्रम्प की जीत का अनुमानित असर और क्रिप्टोकरेंसी के प्रति उनके सकारात्मक दृष्टिकोण ने बाजार में नई ऊर्जा का संचार किया है। इस उछाल के बीच, डॉलर इंडेक्स भी 1.25% बढ़कर 104.72 तक पहुंच गया।
अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड में वृद्धि
अमेरिका में राजनीतिक घटनाक्रम के कारण न केवल क्रिप्टो बाजार में बल्कि बॉन्ड मार्केट में भी उथल-पुथल देखने को मिली। यूएस ट्रेजरी यील्ड में उल्लेखनीय बढ़त दर्ज की गई, जहां 10 साल के ट्रेजरी नोट की यील्ड 4.279% से बढ़कर 4.351% तक पहुंच गई। यह चार महीने के उच्चतम स्तर 4.388% के निकट है।
क्रिप्टो मार्केट में व्यापक उछाल: अन्य क्रिप्टोकरेंसी भी चमके
बिटकॉइन की बढ़त का असर अन्य प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी में भी दिखाई दिया। बीएनबी (+5%), सोलाना (+13.5%), एक्सआरपी (+5%), डॉगकॉइन (+21.6%), कार्डानो (+6.6%), शिबा इनु (+10%), एवलांच (+12.3%), और चेनलिंक (+11.4%) में तेजी दर्ज की गई। इस प्रदर्शन ने क्रिप्टो बाजार में एक नई उम्मीद जगाई है।
स्टेबलकॉइन वॉल्यूम में 92% की हिस्सेदारी, बिटकॉइन का प्रभुत्व बढ़ा
कॉइनमार्केट के डेटा के अनुसार, पिछले 24 घंटों में स्टेबलकॉइन की मात्रा 100.92 बिलियन डॉलर तक पहुंची, जो क्रिप्टो बाजार के कुल 24 घंटे के वॉल्यूम का 92.46% है। बिटकॉइन का मार्केट कैप अब 1.445 ट्रिलियन डॉलर हो गया है, और इसका प्रभुत्व वर्तमान में 59.86% पर है। पिछले 24 घंटों में बिटकॉइन का ट्रेडिंग वॉल्यूम 40.89% बढ़कर 59.26 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।
विशेषज्ञों की राय: ट्रम्प की नीतियों का प्रभाव
विश्लेषकों का मानना है कि ट्रम्प की नीतियां—जिनमें सीमित आव्रजन, कर कटौती, और व्यापक टैरिफ शामिल हैं—अमेरिकी अर्थव्यवस्था को हैरिस की नीतियों की तुलना में अधिक प्रभावित कर सकती हैं। यदि ये नीतियां लागू होती हैं, तो इससे मुद्रास्फीति और बॉन्ड मार्केट पर अधिक दबाव आने की संभावना है, जिसका सीधा असर बाजार की चाल पर भी पड़ सकता है।अमेरिका में राजनीतिक और आर्थिक घटनाक्रम क्रिप्टो और फाइनेंशियल मार्केट को किस दिशा में ले जाएगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।
भारतीय शेयर बाजार पर अमेरिकी चुनाव के नतीजों का असर-
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के शुरुआती नतीजों में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बढ़त ने भारतीय शेयर बाजार में भी जोश भर दिया। बुधवार को भारतीय बाजार में निवेशकों की सकारात्मक प्रतिक्रिया देखने को मिली। आईटी और वित्तीय शेयरों में तेजी के चलते सेंसेक्स और निफ्टी में बढ़ोतरी हुई। सुबह 12:18 बजे सेंसेक्स में 666.48 अंक की वृद्धि हुई और यह 80,143.11 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 202 अंकों की बढ़त के साथ 24,415.30 के स्तर पर ट्रेड कर रहा था।"