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स्लीप डिवोर्स: क्या है ये नया ट्रेंड और क्यों बढ़ रही है इसकी लोकप्रियता?

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आजकल दुनियाभर में एक नया ट्रेंड तेजी से उभर रहा है-स्लीप डिवोर्स। यह पारंपरिक तलाक की तरह कानूनी अलगाव नहीं है, बल्कि केवल सोने की व्यवस्था को लेकर लिया गया आपसी निर्णय है। इसमें पति-पत्नी एक ही घर में रहते हैं लेकिन अलग-अलग बेडरूम में सोते हैं, ताकि उनकी नींद की गुणवत्ता बनी रहे और रिश्ते में तनाव कम हो।

क्या है स्लीप डिवोर्स?

जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, स्लीप डिवोर्स यानी नींद के लिए अलगाव। इसका उद्देश्य सिर्फ अच्छी और निर्बाध नींद सुनिश्चित करना है। कई बार पति-पत्नी के सोने की आदतें, खर्राटे, अलग तापमान पसंद, या करवट बदलने की वजह से एक-दूसरे की नींद प्रभावित होती है। इसे रोकने के लिए कई कपल्स अलग-अलग कमरे या बिस्तर पर सोने का फैसला लेते हैं।

क्यों तेजी से बढ़ रहा है यह ट्रेंड?

स्लीप डिवोर्स को अपनाने के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं:

1. नींद की क्वालिटी में सुधार

कई लोगों को साथी के खर्राटे, बार-बार करवट बदलने या रात में हिलने-डुलने से परेशानी होती है, जिससे उनकी नींद प्रभावित होती है।

2. स्वास्थ्य कारण

कुछ लोग नींद में चलने, अनिद्रा, या ज्यादा मूवमेंट जैसी समस्याओं से ग्रस्त होते हैं, जिससे पार्टनर की नींद खराब हो सकती है। ऐसे मामलों में अलग सोना बेहतर समाधान बन जाता है।

3. वर्क शेड्यूल में अंतर

अगर पति-पत्नी के काम के समय अलग-अलग हों—जैसे एक व्यक्ति नाइट शिफ्ट में हो और दूसरा दिन में काम करता हो—तो एक साथ सोना मुश्किल हो सकता है।

4. पर्सनल स्पेस की जरूरत

कुछ लोग अपनी व्यक्तिगत जगह और आराम को प्राथमिकता देते हैं। वे शांत और अनुकूल वातावरण में सोना पसंद करते हैं, जो अलग सोने से संभव हो सकता है।

क्या यह रिश्ते के लिए सही है?

इसका असर हर कपल पर अलग-अलग हो सकता है।

सकारात्मक प्रभाव:

  • अच्छी नींद से सेहत और मूड बेहतर होता है।
  • रिश्ते में गैरजरूरी बहस और तनाव कम हो सकता है।
  • दोनों पार्टनर को अपनी पसंद और सुविधा के अनुसार सोने का मौका मिलता है।

नकारात्मक प्रभाव:

  • कुछ मामलों में यह इमोशनल डिस्कनेक्ट का संकेत बन सकता है।
  • फिजिकल और इमोशनल अंतर बढ़ सकता है, जिससे रिश्ते में ठंडापन आ सकता है।

क्या भारत में भी यह ट्रेंड लोकप्रिय हो रहा है?

भारतीय समाज में संयुक्त परिवार और पारंपरिक विवाह प्रणाली के कारण यह ट्रेंड अभी बहुत व्यापक नहीं है। लेकिन शहरी जीवनशैली, बदलती प्राथमिकताएँ, और बढ़ते तनाव के चलते यह धीरे-धीरे स्वीकार किया जाने लगा है। अध्ययन बताते हैं कि भारत में भी बड़ी संख्या में लोग नींद की समस्याओं से जूझ रहे हैं। स्वस्थ शरीर और दिमाग के लिए 7-9 घंटे की निर्बाध नींद आवश्यक है, और यही कारण है कि कुछ लोग इस ट्रेंड को अपनाने लगे हैं।

स्लीप डिवोर्स – राहत या रिश्ता तोड़ने का कारण?

स्लीप डिवोर्स हर कपल के लिए अलग मायने रखता है। कुछ के लिए यह रिश्ता बचाने का जरिया है, तो कुछ के लिए यह दूरी बढ़ाने का संकेत बन सकता है। यह फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत परिस्थितियों और आपसी समझ पर निर्भर करता है। आप इस ट्रेंड के बारे में क्या सोचते हैं? क्या आप भी अच्छी नींद के लिए स्लीप डिवोर्स अपनाने को तैयार हैं? 

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