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पीएम मोदी का मॉरीशस दौरा...भारत के लिए कितना अहम यह देश?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय दौरे पर मॉरीशस पहुंचे, जहां उन्हें गर्मजोशी से स्वागत मिला। इस यात्रा का मकसद ऐतिहासिक संबंधों को मजबूत करना और रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक ले जाना है। इस अवसर पर, आइए जानें कि मॉरीशस भारत के लिए क्यों खास है और यहां भारतीय मूल के लोगों की इतनी बड़ी आबादी कैसे बसी।

मॉरीशस: एक ऐतिहासिक झलक

मॉरीशस पूर्वी अफ्रीका के हिंद महासागर में स्थित एक महत्वपूर्ण द्वीप देश है। इसकी भौगोलिक स्थिति इसे भारत के लिए रणनीतिक रूप से अहम बनाती है। यहां की कुल जनसंख्या लगभग 12 लाख है, जिसमें 70% लोग भारतीय मूल के हैं।

भारतवंशियों की मॉरीशस में उपस्थिति कैसे हुई?

19वीं शताब्दी के दौरान ब्रिटिश और फ्रेंच शासन के अधीन मॉरीशस में गन्ने के खेतों में काम करने के लिए गिरमिटिया मजदूरों को भारत से लाया गया। इन मजदूरों में बड़ी संख्या बिहार, उत्तर प्रदेश और अन्य राज्यों से आए लोगों की थी। यही वजह है कि मॉरीशस की संस्कृति, भाषा और परंपराएं भारतीय मूल से गहराई से जुड़ी हैं।

पीएम मोदी की यात्रा और महात्मा गांधी से जुड़ाव

पीएम मोदी मॉरीशस के राष्ट्रीय दिवस समारोह के मुख्य अतिथि हैं। इस समारोह का ऐतिहासिक महत्व महात्मा गांधी से जुड़ा है। 1901 में जब गांधी दक्षिण अफ्रीका से लौट रहे थे, तब वे मॉरीशस में रुके और यहां भारतीय मूल के लोगों को शिक्षा, राजनीतिक सशक्तीकरण और भारत से जुड़े रहने की प्रेरणा दी। उनका यह संदेश मॉरीशस की आजादी और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुआ।

मॉरीशस में स्वतंत्रता संग्राम और भारतीय प्रभाव

1968 में मॉरीशस को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली। इस दौरान भारतीय मूल के शिवुसागर रामगुलाम स्वतंत्रता आंदोलन के अग्रणी नेता बने। दिलचस्प तथ्य यह है कि रामगुलाम के पिता बिहार के भोजपुर जिले के हरिगांव से मॉरीशस आए थे।

बिहार और मॉरीशस का गहरा संबंध

  • मॉरीशस में भोजपुरी संस्कृति की गहरी छाप है।

  • यहां की राजनीति में बिहार मूल के लोगों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

  • पीएम मोदी के स्वागत में प्रवासी भारतीयों ने बिहारी संगीत गाकर उनका अभिनंदन किया।

भारत और मॉरीशस के कूटनीतिक संबंध

1. रक्षा सहयोग

भारत और मॉरीशस लंबे समय से रक्षा क्षेत्र में सहयोग कर रहे हैं। फरवरी 2024 में दोनों देशों ने अगलेगा द्वीप पर एक एयर स्ट्रिप और जेटी प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया, जिससे हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा मजबूत होगी।

2. व्यापारिक साझेदारी

मॉरीशस भारत के लिए एक अहम व्यापारिक भागीदार है। यह सिंगापुर के बाद भारत में दूसरा सबसे बड़ा एफडीआई (विदेशी निवेश) स्रोत है। 2021 में भारत और मॉरीशस के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग और साझेदारी समझौता (CECPA) हुआ, जो किसी अफ्रीकी देश के साथ भारत का पहला व्यापारिक समझौता था।

3. शिक्षा में सहयोग

भारत ने मॉरीशस के हजारों छात्रों को शिक्षा और तकनीकी ट्रेनिंग देने में मदद की है। करीब 2300 भारतीय छात्र-छात्राएं मॉरीशस में चिकित्सा, होटल मैनेजमेंट और बिजनेस स्टडीज की पढ़ाई कर रहे हैं।

मॉरीशस: भारत के लिए क्यों अहम?

  • भौगोलिक स्थिति: यह हिंद महासागर में भारत की सामरिक स्थिति को मजबूत करता है।

  • भारतीय संस्कृति का गढ़: यहां भारतीय भाषा, भोजन और परंपराएं जीवंत हैं।

  • अंतरराष्ट्रीय रणनीति: मॉरीशस हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा नीति का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन रहा है।

आर्थिक संबंधों को सुदृढ़ करेगा पीएम मोदी का दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यात्रा भारत-मॉरीशस संबंधों को और मजबूती देगी। यह दौरा न केवल सांस्कृतिक, आर्थिक और सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह दोनों देशों के साझा इतिहास और भविष्य को भी रेखांकित करता है।

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