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व्यापारिक साझेदारी की नई उड़ान भरेगा भारत-अमेरिका, कितना अहम है मिशन 500?

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भारत और अमेरिका ने इस साल के अंत तक पहले चरण के व्यापार समझौते को पूरा करने का संकल्प लिया है। दोनों देशों ने 2030 तक अपने द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत को भी अन्य देशों की तरह पारस्परिक टैरिफ का सामना करना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच इस संबंध में गहन चर्चा हुई, जिसमें व्यापार बाधाओं और टैरिफ नीतियों पर मंथन किया गया।

ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ता सहयोग: भारत खरीदेगा अमेरिकी तेल और गैस

संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि भारत अब अमेरिका से अधिक तेल और प्राकृतिक गैस खरीदेगा, जिससे अमेरिका के व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी। वर्तमान में भारत और अमेरिका के बीच कुल 130 अरब डॉलर का व्यापार होता है, जिसमें अमेरिका का व्यापार घाटा 45 अरब डॉलर का है। दोनों नेताओं ने इस असंतुलन को कम करने के लिए व्यापार बाधाओं को दूर करने की प्रतिबद्धता जताई है।

मिशन 500: 2030 तक 500 अरब डॉलर का व्यापार लक्ष्य

संयुक्त बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने भारत-अमेरिका व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का संकल्प लिया। इसी कड़ी में ‘मिशन 500’ की शुरुआत की गई, जिसका उद्देश्य 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाना है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए 2025 के अंत तक व्यापार समझौते के पहले चरण को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसमें टैरिफ में कटौती, बाजार पहुंच में सुधार और आपूर्ति शृंखला को मजबूत करने जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कार्य किया जाएगा।

भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में जगह

अमेरिका ने भारतीय उत्पादों जैसे आम और अनार के निर्यात को बढ़ावा देने पर सहमति जताई है। वहीं, भारत ने भी अमेरिकी मोटरसाइकिल, आईसीटी (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी) उत्पादों, धातुओं और कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क में कटौती करने का निर्णय लिया है। इससे दोनों देशों के व्यापारियों और उपभोक्ताओं को लाभ मिलेगा।

भारतीय कंपनियों का अमेरिकी निवेश और नई नौकरियां

भारत और अमेरिका ने आपसी निवेश को बढ़ावा देने पर सहमति जताई है। भारतीय कंपनियों ने अब तक अमेरिका में 7.35 अरब डॉलर का निवेश किया है, जिससे हजारों स्थानीय नौकरियों का सृजन हुआ है। इसमें हिंडाल्को की सहयोगी कंपनी नोवेलिस, जेएसडब्ल्यू स्टील और एप्सिलॉन एडवांस्ड मटेरियल्स जैसी कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मिशन 500’ भारत-अमेरिका व्यापारिक संबंधों को नए आयाम देने का एक प्रभावशाली प्रयास है, जो दोनों देशों के आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार में एक नई क्रांति ला सकता है।

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