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अगर ऐसे भगवान गणेश को लगाएंगे भोग,तो सभी विघ्नों का नाश करेंगे बप्पा

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भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाने वाली गणेश चतुर्थी का पर्व इस साल 7 सितंबर 2024 को मनाया जा रहा है। भगवान गणेश की आराधना इस दिन विधि-विधान पूर्वक की जाती है और दस दिनों तक चलने वाला यह त्योहार पूरे देश में बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। सनातन धर्म में भगवान गणेश को सबसे पहले पूजनीय माना जाता है। कोई भी शुभ कार्य उनके आशीर्वाद से ही शुरू किया जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन भी भक्तजन विधि-विधान से उनकी पूजा करते हैं ताकि वे प्रसन्न हों और विशेष कृपा बरसाएं।

राशि के अनुसार भगवान गणेश को अर्पित करें विशेष भोग-

ज्योतिष के अनुसार, यदि आप गणेश चतुर्थी के दिन अपनी राशि के अनुसार भगवान गणेश को उनके मनपसंद भोग अर्पित करते हैं, तो वे अत्यधिक प्रसन्न होते हैं और मनवांछित फल प्रदान करते हैं। आइए जानते हैं कि राशि के अनुसार कौन से भोग अर्पित करने चाहिए:

  • मेष राशि: मेष राशि वालों को गणेश जी को लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
  • वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों को मोदक का भोग लगाना शुभ होता है।
  • मिथुन राशि: मिथुन राशि वालों के लिए भी मोदक अर्पित करना लाभकारी होता है।
  • कर्क राशि: कर्क राशि वालों को मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
  • सिंह राशि: सिंह राशि के लिए पीली बूंदी के लड्डू का भोग शुभ बताया गया है।
  • कन्या राशि: कन्या राशि के जातकों को नारंगी रंग के लड्डू अर्पित करने चाहिए।
  • तुला राशि: तुला राशि वालों के लिए मोदक और रसमलाई का भोग उत्तम होता है।
  • वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के जातकों को मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने चाहिए।
  • धनु राशि: धनु राशि के लिए केसर से बनी खीर का भोग उपयुक्त होता है।
  • मकर राशि: मकर राशि वालों को अपराजिता के फूलों से भगवान गणेश की सजावट करनी चाहिए।
  • कुंभ राशि: कुंभ राशि के जातकों को बेसन के लड्डू का भोग लगाना चाहिए।
  • मीन राशि: मीन राशि के जातकों को पीली मिठाई का भोग अर्पित करना चाहिए।

गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखना चाहिए?

गणेश चतुर्थी के दिन चांद को देखना अशुभ माना गया है। मान्यता है कि यदि इस दिन गलती से चांद देख लिया जाए तो व्यक्ति को मिथ्या दोष लग जाता है। यह दोष आपके जीवन में कई प्रकार की बाधाओं का कारण बन सकता है, जिससे आपके ऊपर झूठे आरोप भी लग सकते हैं और अपमान का सामना करना पड़ सकता है।

मिथ्या दोष के पीछे की पौराणिक कथा

इस दोष के पीछे एक पौराणिक कथा है। कहा जाता है कि एक बार गणेश जी अपने वाहन मूषक (चूहे) पर सवार होकर कहीं जा रहे थे। मूषक अचानक लड़खड़ा गया, जिससे गणेश जी गिर गए। यह दृश्य देखकर चंद्र देव हंसने लगे। गणेश जी को यह व्यवहार अपमानजनक लगा और उन्होंने क्रोध में आकर चंद्र देव को श्राप दे दिया कि जो कोई भाद्रपद माह की शुक्ल चतुर्थी को चांद देखेगा, उसे समाज में अपमान और मिथ्या दोष का सामना करना पड़ेगा। तभी से इस दिन चंद्रमा के दर्शन करना अशुभ माना जाने लगा।

  • अगर देख लिया चांद, तो क्या करें?

अगर गणेश चतुर्थी के दिन गलती से चांद देख लिया जाए, तो इसके दुष्प्रभाव से बचने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं:

  • स्यमंतक मणि की कथा का पाठ करें:

इस कथा का पाठ करने से मिथ्या दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

  • दूर्वा घास से भगवान गणेश की पूजा करें:

दूर्वा घास गणेश जी को बहुत प्रिय है, इसे अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और दोष का निवारण होता है।

  • भगवान गणेश का मंत्र जाप:

 "ॐ गण गणपतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

  • व्रत रखें:

 इस दिन भगवान गणेश का व्रत रखने से भी दोषों का निवारण होता है।

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