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IMEI रजिस्ट्रेशन से फर्जी उपकरणों पर लगेगी लगाम, डेटा सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम...

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सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए नए और सख्त नियम लागू किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य न केवल उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता सुनिश्चित करना है, बल्कि साइबर अपराधों पर लगाम लगाना भी है। आइए जानते हैं इन नियमों की प्रमुख बातें।

मोबाइल ट्रैफिक डेटा पर बढ़ी निगरानी-

नए प्रावधानों के तहत, मोबाइल ऑपरेटरों को उपयोगकर्ताओं के ट्रैफिक डेटा (मैसेज की सामग्री को छोड़कर) को केंद्र सरकार के साथ साझा करना होगा। यह डेटा टेलीकॉम नेटवर्क की साइबर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए मांगा जा सकता है। सरकार इस डेटा का विश्लेषण कर कानून प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ साझा करेगी।

IMEI पंजीकरण हुआ अनिवार्य-

फर्जी उपकरणों और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सभी मोबाइल फोन निर्माताओं और आयातकों को हर डिवाइस का अंतरराष्ट्रीय मोबाइल उपकरण पहचान संख्या (IMEI) पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है। यह कदम देश में अवैध रूप से उपयोग किए जाने वाले डिवाइसों पर नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण है।

डेटा भंडारण और सुरक्षा का निर्देश-

टेलीकॉम कंपनियों को निर्देश दिया गया है कि वे अपने सिस्टम को इस तरह तैयार करें, जिससे डेटा सुरक्षित रूप से संग्रहित और संरक्षित किया जा सके। इसके साथ ही, सरकार ऐसे व्यक्तियों और उपकरणों का डेटाबेस तैयार करेगी, जिन पर कार्रवाई की गई हो। इन व्यक्तियों को तीन साल तक टेलीकॉम सेवाओं से प्रतिबंधित किया जा सकता है।

साइबर सुरक्षा उल्लंघन की रिपोर्टिंग अनिवार्य-

नियमों के अनुसार, अगर किसी नेटवर्क या सेवा पर साइबर सुरक्षा से संबंधित कोई घटना होती है, तो टेलीकॉम कंपनियों को छह घंटे के भीतर इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी। इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए एक डिजिटल पोर्टल स्थापित किया जाएगा, जहां घटनाओं की रिपोर्टिंग की जा सकेगी।

चीफ टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑफिसर की नियुक्ति-

हर टेलीकॉम कंपनी को एक चीफ टेलीकॉम सिक्योरिटी ऑफिसर (CTSO) की नियुक्ति करनी होगी। यह अधिकारी साइबर सुरक्षा से जुड़े सभी पहलुओं की निगरानी करेगा और किसी भी घटना की जानकारी सरकार को लिखित रूप में देगा।

डेटा का दुरुपयोग रोकने की प्रतिबद्धता-

सरकार ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों के तहत जुटाए गए डेटा का उपयोग केवल सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा। टेलीकॉम कंपनियों और उपयोगकर्ताओं की गोपनीयता को संरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता होगी।

साइबर सुरक्षा को लेकर उठाया गया ऐतिहासिक कदम-

इन नए नियमों से न केवल साइबर अपराधों पर लगाम लगेगी, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए एक सुरक्षित डिजिटल वातावरण भी तैयार होगा। यह कदम डिजिटल इंडिया अभियान को सशक्त बनाने और देश की साइबर सुरक्षा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने में सहायक साबित होगा।

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