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विश्व गुरु की ओर भारत के बढ़ते कदम...

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विदेश नीति के लिहाज से 2023 भारत के लिए बहुत अहम रहा। भारत की 2023 में सबसे बड़ी उपलब्धि कहे तो जी-20 संगठन और उसके शिखर सम्मेलन की मेजबानी रही। भारत ने वसुधैव कुटुंबकम और एक धरती एक परिवार और एक भविष्य द्वारा दुनिया को संदेश दिया कि वर्तमान और भविष्य के चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी मानव जाति के हितों का ध्यान रखना आवश्यक है।

G-20 के आयोजन में दुनिया ने देखा उभरता भारत-

जी-20 के आयोजन से दुनिया ने उभरते भारत को देखा। भारत आए सभी देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों ने सफल आयोजन के लिए भारत की जमकर तारीफ की। इस सम्मेलन में करीब 125 देश के एक लाख से ज्यादा मेहमानों ने शिरकत की थी। जी-20 शिखर वार्ता के दौरान भारत से यूरोप तक का नया आर्थिक कनेक्टिविटी कॉरिडोर बनाने पर भी सहमति बनी। इसे भी एक तरह से चीन के बीआरआई प्रोजेक्ट का तोड़ माना जा रहा है। बैठक में भारत ने साफ संदेश दिया की पूरी दुनिया एक परिवार है। भारत की विदेश नीति की सफलता को इसी से आंका जा सकता है कि साल 2023 में ब्रिटेन ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौते की गाड़ी तेज रफ्तार पकड़ती दिखाई दे रही है। इंडोनेशिया के बाली में साल 2022 में जी-20 में भारत को 2023 के आयोजन की मेजबानी मिली थी। यह मेजबानी उस समय मिली थी जब दुनिया कोरोना से उभरने में लगी थी। जी-20 से भारत ने दुनिया को शांति और सौहार्द का संदेश भी दिया। जी-20 देश की अध्यक्षता करके भारत ने दुनिया को दिखा दिया कि हमारे अंदर एक ताकतवर अर्थव्यवस्था बनने की शक्ति है। 

भारत ने बनाई एक अलग पहचान-

भारत में विकसित देशों के साथ विकासशील देशों के बीच अपनी अलग पहचान बनाई है। दुनिया भर में जहां आर्थिक हालात संकट में हैं वहीं भारत में nifty लगातार ऊंचाई छू रहा है। दुनिया भर में निवेशकों की पसंद भारत बनता जा रहा है।LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर 2020 से चीन की गुस्ताखियों का 2023 में भारतीय जवानों ने बखूबी जवाब दिया। भारतीय सेना ने बता दिया कि हमारी जमीन हड़पने की कोई भी कोशिश ड्रैगन को भारी पड़ेगी। चीन के साथ जो भी समझौते हुए हैं वह सब निरर्थक हो गए हैं और हमें एक मजबूत नीति की अब आवश्यकता है। हालांकि चीन का प्रभाव भारत के पश्चिमी पड़ोसी देशों के साथ खास बड़ा है। पाकिस्तान के साथ उसके अच्छे रिश्ते तो हैं ही ईरान अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों में भी उसकी नीतियां आगे बढ़ती रही हैं। पाकिस्तान को आर्थिक मदद के जरिए वह लगातार लुभाने की कोशिश कर रहा है। भारत भी कूटनीति कदम उठाने में पीछे नहीं है श्रीलंका के साथ हमारे रिश्ते और मजबूत हुए हैं। श्रीलंका को आर्थिक मदद जारी रखी है। साथ ही मालदीव में जो सत्ता परिवर्तन हुआ उसमें भी भारत को संबल दिखने की जरूरत है। 

रूस-यूक्रेन जंग ख़त्म करने के लिए भारत की भूमिका-

वहीं रूस यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख संतुलित रहा।  इजराइल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दोस्ती जग जाहिर है, शुरुआत में लगा कि भारतीय नीति इजराइल के पक्ष में ज्यादा झुकी लेकिन गाजा में इजरायली कार्यवाही में जैसे ही नागरिकों की मौत बढ़ी तो भारत ने दूसरे देशों की तरह इजराइल को साफ-साफ संदेश दिया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई बेशक उचित है मगर इसमें बेगुनाहों पर हमले नहीं होने चाहिए। वहीं इजराइल के रूख से लगा कि वह हमास का खात्मा करके ही दम लेगा। एक बात साफ है कि प्रधानमंत्री मोदी के व्यक्तिगत संबंध और छवि विदेश नीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और इसका फायदा भारत को बखूबी मिल रहा है। रूस यूक्रेन युद्ध में हर पक्ष भारत को अपने साथ लाने की भरसक कोशिश करता रहा। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दोनों देशों के राष्ट्रीय अध्यक्षों से बात भी की और हर मदद का भरोसा भी दिलाया।

यूरोपीय संघ और अमेरिका से भारत के अच्छे संबंध-

भारत के यूरोपीय संघ और अमेरिका से 2023 में पूरे साल अच्छे संबंध दिखाई दिए और भारत कहीं पर भी झुकता दिखाई नहीं दिया। हमारा सिद्धांत है स्वतंत्र विदेश नीति का।पड़ोसी देश पाकिस्तान को भी 2023 में हर मोर्चे पर हमने मुंह तोड़ जवाब दिया। हालांकि पाकिस्तान अपनी मुश्किलों में खुद ही फंसा दिखाई दिया। भारत को अपनी विदेश नीति में पाकिस्तान को कम ही तवज्जो देनी चाहिए। आतंकवाद के खिलाफ भारत को जीरो टॉलरेंस की नीति पर ही आगे भी काम करना चाहिए।

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उपरोक्त लेख में लेखक के स्वयं के विचार हैं, इससे संस्थान का सहमत होना जरूरी नहीं है।

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