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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर के दुबई में मिलने के बाद से ही ये यह माना जा रहा था कि 8 भारतीयों की फांसी की सजा पर कुछ बड़ा होने वाला है। 28 दिसंबर को भारत की कूटनीति की बड़ी जीत हुई है। कतर ने सभी आठ भारतीयों के फांसी की सजा को कम कर दिया है। 2 दिसंबर 2023 को दुबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी की मुलाकात हुई थी और जिस गर्म जोशी से दोनों नेताओं ने हाथ मिलाकर और मुस्कुराकर एक दूसरे का अभिवादन किया था उससे लग गया था कि कतर की जेल में बंद 8 भारतीय परिवारों को जल्द ही खुशी का मौका मिलेगा।
2016 में प्रधानमंत्री का पहली बार कतर दौरा-
अपने कतर दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रवासी भारतीयों के बीच कतर के अमीर के बारे में जो कुछ कहा वो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए काफी था। पीएम ने कहा था कि यहां के शासन करता भी भारतीय समुदाय को बहुत प्यार करते हैं उन पर बड़ा भरोसा है मुझे विश्वास है हम जब भी कोई चीज उनके सामने रखते हैं तो वे उसका समाधान खोजते ही है और अबतक जो भी मैंने कहा उसका मुझे सकारात्मक परिणाम प्राप्त हुआ है।
8 भारतीयों पर क्या है आरोप ?
नौसेना के इन 8 पूर्व अफसर को पिछले साल 30 अगस्त को हिरासत में लिया था, पिछले साल 25 अक्टूबर को मीतू भार्गव नाम की महिला ने ट्वीट कर बताया कि भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अवसर 57 दिन से कतर की राजधानी दोहा में गैरकानी तरीके से हिरासत में है। मीतू भार्गव कमांडर पूर्णेन्दु तिवारी की बहन है। इन अफसरों पर कथित तौर पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप है कतर की न्यूज वेबसाइट अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक इन अफसर पर कतर के सब मरीन प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारियां इजराइल को देने का आरोप है। नौसेना से रिटायर्ड यह सभी अवसर दोहा में अल देहरा कंपनी में काम करते थे यह कंपनी टेक्नोलॉजी और कंसलटेंसी सर्विस प्रोवाइड करती थी, साथ ही कतर की नौसेना को ट्रेनिंग और सामान भी मुहिया कराती थी।
भारत और कतर के बीच संधि-
दरअसल 2 दिसंबर 2014 में कैबिनेट ने भारत और कतर के बीच सजायाफ्ता व्यक्तियों के स्थानांतरण संधि को मंजूरी दी थी। मार्च 2015 में दोनों देशों के बीच इस संधि पर हस्ताक्षर हुए थे, इस संधि के बाद से कतर में सजा पाए भारतीय कैदी अपनी बची सजा भारत में पूरी कर सकते हैं और अगर कतर का कोई नागरिक भारत में सजा भुगत रहा है तो अपने देश में उसे सजा के अवधि को पूरा कर सकता है। आज यही संधि 8 भारतीयों के लिए संजीवनी का काम करेगी क्योंकि फांसी पर तो रोक लग गई है अब वो भारत आकर अपनी सजा काट सकेंगे।
भारतीयों का हित सबसे बड़ी चिंता-MEA
8 भारतीयों को लेकर विदेश मंत्रालय शुरू से ही निगरानी बनाए हुए था। मंत्रालय का कहना है कि भारतीयो और उनके परिवार के सदस्यों का हित उनकी सबसे बड़ी चिंता है और वह निश्चित तौर से कानूनी टीम और परिवार के सदस्यों के साथ अगले संभावित कदमों पर भी चर्चा करेंगे। कतर की निचली अदालत ने 29 अक्टूबर 2023 को इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए कतर की अदालत ने फांसी की सजा को कम करते हुए उसे उम्र कैद में बदल दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार
Published : 31 December, 2023, 2:19 pm
Author Info : अमित कुमार शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार हैं। इनको इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 22 साल से ज्यादा का अनुभव। ग्रेजुएशन करने के बाद से पत्रकारिता में करियर की शुरुआत...