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कॉमेडी के सूरमा थे 'सूरमा भोपाली', जानिए कैसे चमकी थी जगदीप की किस्मत?

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(Special Story) ब्लैक एंड व्हाइट पर्दे के जमाने से लेकर अबतक बॉलीवुड में कॉमेडियन्स का जलवा रहा है। जिन्होंने हंसी के तरीके पलट दिए और एक्टिंग ऐसी कि लोग खिलखिला उठते थे। फिल्म शोले में सूरमा भोपाली का किरदार निभाने वाले एक्टर जगदीप पर्दे पर एंट्री लेने के बाद ताउम्र लोगों को हंसाते रहे। अभिनेता जगदीप आज भले ही इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनकी कोई भी फिल्म देखने के बाद जहन में उनकी यादें ताजा हो जाती हैं। जगदीप एक खास तरह का अभिनय किया करते थे। महज 6 साल की उम्र में अपनी मां के साथ मुंबई आए जगदीप ने बेहद मुफलिसी में दिन काटे। और हिंदी सिनेमा में अपना नाम बनाया। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी के मौके पर जानेंगे उनकी प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ की कुछ बातें..

जगदीप का फैमिली बैकग्राउंड

अभिनेता जगदीप का असली नाम सैय्यद इश्तिाक अहमद जाफरी है। इनका जन्म 29 मार्च 1939 को मध्य प्रदेश के दतिया में हुआ था। जगदीप के पिता सैय्यद यावर हुसैन जाफरी बैरिएस्टर थे, जबकि मां कनीज फातिमा हाउसवाइफ थीं। जगदीप के 6 भाई और 2 बहनें थी, जिनमें से जगदीप सबसे छोटे थे। देश की आजादी से पहले इनके पिताजी का इंतकाल हो गया। और 1947 में पार्टिशन हुआ जिसमें उनकी पूरी प्रॉपर्टी खत्म हो गई। इससे इनके परिवार की आर्थिक स्थिति अत्यंत दयनीय हो गई थी। देश जब आजाद हुआ तो इनके बड़े भाई बहन पाकिस्तान चले गए। लेकिन इनकी मां ने पाकिस्तान जाने से मना कर दिया और वे नन्हे जगदीप को लेकर बॉम्बे आ गईं। यहां जगदीप की मां यतीम खाने में रोटियां बनाने लगीं। नन्हे जगदीप को मां का दर्द देखा नहीं जाता था और जब उन्होंने देखा कि अन्य बच्चे भी काम करके पैसे कमा रहे हैं तो उन्होंने भी काम करने का फैसला किया। मां के मना करने के बावजूद 6 वर्षीय जगदीप ने सड़कों पर कंघे, साबुन आदि बेचने का काम शुरू कर दिया।

साबुन बेचते समय चमकी जगदीप की किस्मत

एक दिन जब जगदीप सड़क पर साबुन बेच रहे थे तब एक आदमी उनके पास आया और बोला, 'कितना कमा लेते हो?' इसपर जगदीप ने जवाब दिया, 'पूरे चार आना कमा लेता हूं।  तो उस आदमी ने कहा, मेरे साथ चलो, मैं तुम्हे इसके डबल दूंगा। जगदीप ने पूछा कि वो उनसे क्या काम करवाना चाहता है। इसपर उस आदमी ने कहा तुम्हे फिल्मों में काम कराऊंगा और जूनियर आर्टिस्ट बना दूंगा। जगदीप को बात जमी और वो चल दिए।  बी आर चोपड़ा ने अशोक कुमार और वीना के साथ फिल्म अफसाना (1951) बनाई। इस फिल्म में टीनएजर जगदीप का बहुत छोटा सा रोल था जिसमें वो सभा में भाला पकड़कर दरबान बने थे और उनके काम से खुश होकर प्रोड्यूसर ने उन्हें 8 आना के बजाए 1 रुपये फीस दी। यहां से जगदीप के फिल्मी सफर की शुरुआत हो गई।

जगदीप के जीवन का टर्निंग प्वाइंट

इसके बाद जगदीप को बालकलाकार के छोटे मोटे रोल मिलने लगे। फणि मजूमदार की फिल्म ‘धोबी डॉक्टर’ में इन्होंने किशोर कुमार के बचपन का रोल निभाया था। महान निर्देशक बिमल रॉय जगदीप के अभिनय से इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने कालजयी फिल्म ‘दो बीघा जमीन’ के लिए इन्हें साइन कर लिया। यह जगदीप के जीवन का टर्निंग प्वाइंट था। जगदीप ने कई फिल्मों हीरो के रूप में भी अभिनय किया था। फिल्म ‘भाभी’ में उनकी सहनायिका प्रसिद्ध अभिनेत्री नंदा थी। इस फिल्म का गाना 'चली चली रे पतंग' बहुत हिट हुआ था।

अमर हो गया सूरमा भोपाली का किरदार-

एक्टर जगदीप ने कई फिल्मों में एक से बढ़कर एक हास्य अभिनेता के किरदार को जीवंत किया। लेकिन 15 अगस्त 1975 को रिलीज हुई  फिल्म ‘शोले” के सूरमा भोपाली के किरदार को उन्होंने अमर कर दिया। फिल्म शोले की मूल पटकथा में सूरमा भोपाली का किरदार नहीं था। फिल्म की शूटिंग भी पूरी हो गई थी। बाद में महान पटकथा लेखक सलीम जावेद ने इस किरदार की रचना की और इसके लिए जगदीप साहब की राजी किया। जगदीप ने अपने करियर में 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है। जगदीप के बेटे जावेद जाफरी भी बॉलीवुड के एक बड़े एक्टर हैं।

जगदीप की कुछ शानदार फिल्में-

एक्टर जगदीप ने अलग-अलग हीरोइन के साथ बतौर लीड एक्टर काम किया। उन फिल्मों में जगदीप ने सीरियल लीड एक्टर का रोल किया जो रोमांस करता है, गाने गाता है और डायलॉग्स बोलता है लेकिन उन्हें ये सब रास नहीं आया। जगदीप कहते थे कि हीरो को तो कुछ करना ही नहीं होता है और उन्हें अब अपना ट्रैक बदलना है। उन्होंने ऐसा ही किया और उन्होंने कॉमेडियन बनने का फैसला लिया।  जिसकी वजह से उन्हें उस आदमी ने पसंद किया था. इसके बाद जगदीप 'शोले', 'गजब', 'अंदाज अपना-अपना', 'दो अनजाने', 'प्रतिज्ञा', 'पुराना मंदिर', 'शहंशाह', 'फूल और कांटे', 'ब्रह्मचारी', 'नगीना', 'जानी दुश्मन', 'रोटी' जैसी कई सुपरहिट फिल्मो में बतौर कॉमेडियन काम किया। 

जगदीप की पर्सनल लाइफ-

जगदीप ने पहली शादी साल 1960 में सुघरा बेगम से की थी जिनसे उन्हें दो बेटे जावेद और नावेद जाफरी हुए। ये दोनों एक्टर, डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं। इसके बाद जगदीप ने एक और शादी की थी। जगदीप के बेटे भी फिल्मों में आए जिनमें से जावेद जाफरी कॉमेडियन और विलेन का रोल निभाते हैं।

जगदीप ने साल 2020 में किया दुनिया से अलविदा-

जगदीप ने बचपने से अपने करियर की शुरुआत की थी। और अंतिम दिनों तक अपनी कॉमेडी से लाखों लोगों का दिल बहलाया। 8 जुलाई 2020 में उनका निधन हो गया था। एक्टर जगदीप ने 1939 से लेकर 2020 तक एक शानदार जिंदगी जी। जगदीप अपने पीछे सैकड़ों किरदार और एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए। लेकिन उनके सैकड़ों किरदार आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं।

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