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पीएम मोदी और NDA प्रत्याशी अनुप्रिया की दांव पर लगी प्रतिष्ठा, यूपी की एक ऐसी सीट जहां तीन बार नहीं जीता कोई

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लोकसभा चुनाव 2024 के रण का ये अंतिम दौर है। आज यानी 1 जून को सातवें और आखिरी चरण के लिए आठ राज्यों की 57 सीटों पर मतदान संपन्न हो गया है। जिसमें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनडीए प्रत्याशी अनुप्रिया पटेल, फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत, केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और रवि किशन समेत कई दिग्गज नेताओं की किस्मत ईवीएम में कैद हो गई है। इसी चरण में उत्तर प्रदेश की भी 13 सीटें भी शामिल हैं। 18वीं लोकसभा चुनाव केलिए कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं जो तीसरी बार जीत के लिए तैयार हैं। लेकिन यूपी की एक ऐसी सीट भी है जहां तीसरी बार किसी को जीत हासिल नहीं हुई है। उस सीट का नाम मिर्जापुर है और इसका प्रतिनिधित्व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल कर रही हैं। आज उसी सीट के बारे में विस्तार से जानेंगे। 

उत्तर प्रदेश के दक्षिण-पूर्व में स्थित मिर्जापुर लोकसभा सीट जहां का इतिहास रहा है कि कोई तीन बार जीत नहीं हासिल कर सका है। कुछ सांसदों ने दो बार चुनाव में जीत दर्ज जरूर किए, लेकिन तीन बार जीत दर्ज करके रिकॉर्ड नहीं बना सके।

 फूलन देवी समेत इन प्रत्याशियों को दो बार मिली जीत-

दस्यु सुंदरी फूलन देवी पहली बार मिर्जापुर लोकसभा सीट से सांसद बनने का मौका मिला था। वह दो बार इस सीट से सांसद चुनी गईं। फूलन देवी के अलावा अजीम इमाम, उमाकांत मिश्रा, वीरेंद्र सिंह और अनुप्रिया पटेल को मिर्जापुर ने दो बार प्रतिनिधित्व करने का मौका दिया है। अनुप्रिया पटेल हैट्रिक लगाने के लिए तीसरी बार इस सीट से पर्चा दाखिल किया है। अनुप्रिया पटेल अपना दल (एस) की प्रत्याशी हैं, जिसका भाजपा के साथ गठबंधन है. पिछड़ा, दलित और आदिवासी बहुल इस सीट पर सभी दलों की नजरें रहती हैं।

जातीय चक्रव्यूह के घेरे में मिर्जापुर-

लोकसभा 2024 के चुनाव में अनुप्रिया पटेल के पास मौका है कि वह तीसरी बार मिर्जापुर से जीत हासिल कर सकें। वह दो बार जीत दर्ज कर चुकी हैं। लेकिन तीसरी बार जीतना आसान नहीं है क्योंकि इस बार यह सीट जातीय चक्रव्यूह में भी फंसती हुई नजर आ रही है। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर इस बार एनडीए (NDA) के अलावा सपा और बसपा ने जातीय समीकरण को देखते हुए उम्मीदवार उतारा है। मिर्जापुर में पटेल, बिंद और ब्राह्मण जाति का प्रभुत्व लोकसभा सीट पर है। इस बार तीनों प्रमुख जातियों के उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। मिर्जापुर जिले में सबसे ज्यादा पटेल मतदाता है। पटेल के बाद ब्राह्मण और बिंद मतदाता है। चुनावी मैदान में तीनों जातियों से आने वाले उम्मीदवार है। इससे मिर्जापुर की लड़ाई त्रिकोणीय हो गई है।

ऐसा है मिर्जापुर का जातीय ताना-बाना-

मिर्जापुर जिले में सबसे ज्यादा 2 लाख 50 हजार पटेल मतदाता है। दूसरे स्थान पर दलित है, जिनकी संख्या एक लाख 95 हजार है। एक लाख 60 हजार ब्राह्मण मतदाता और एक लाख 40 हजार बिंद वोटर है। वहीं, एक लाख 29 हजार मुस्लिम, एक लाख 30 हजार वैश्य मतदाता चुनावी रुख को तय करते है। एक लाख के करीब (मौर्या, कुशवाहा और सैनी) मतदाता है। इस बार इनकी भूमिका भी अहम है।

ऐसा रहा मिर्जापुर की राजनीति का सिलसिला

 आजादी के बाद 1952 में हुए चुनाव में पहली बार जॉन एल विल्सन सांसद बने। 1957 में भी उन्हें दोबारा जीत मिली। 1962 में हुए चुनाव में सीट से श्यामधर मिश्र ने जीत हासिल की। 1967 के चुनाव में जनसंघ का प्रभाव बढ़ गया, जहां वंश नारायण सिंह को जीत मिली। 1971 में यहां से कांग्रेस ने वापसी की, जहां अजीज इमाम चुनाव जीतकर संसद की दहलीज पर पहुंचे। आपातकाल खत्म होने के बाद देशभर में जनता पार्टी की आंधी चली। इस आंधी में जनता पार्टी के फ़क़ीर अली अंसारी चुनाव जीतकर सांसद बने। 1980 में इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस में अजीज इमाम दोबारा सांसद बने। कुछ सालों बाद फिर उप चुनाव हुआ, जिसमें उमाकांत मिश्रा सांसद बने। 1984 में हुए चुनाव में दोबारा उमाकांत मिश्र सांसद बने। अचानक से फिर देश में सियासी हवा बदल गई। हवा वीपी सिंह को मतदाताओं को खींच रहा था। इस हवा में जनता दल के यूसुफ बेग सांसद चुने गए। इसके बाद देशभर में राम मंदिर को लेकर आंदोलन तेज हुआ। इस आंदोलन के बाद भाजपा के वीरेंद्र सिंह चुनाव में जीत मिली।

पिछले दो चुनावों में मिर्जापुर लोकसभा के नतीजे

मिर्जापुर लोकसभा सीट पर अनुप्रिया पटेल ने 2014 और 2019 में इस सीट से जीत हासिल कर चुकी हैं। 2019 में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था। इसके बाद भी अनुप्रिया पटेल को कुल वोट में से आधे से अधिक वोट मिले थे। मिर्जापुर लोकसभा सीट पर 2019 में कुल 11 लाख 9 हजार 59 वोट पड़े थे, जिसमें से अनुप्रिया पटेल को 5 लाख 91 हजार 564 वोट मिले थे। वहीं, सपा प्रत्याशी राम चरित्र निषाद को 3 लाख 59 हजार 556 वोट मिले थे। अनुप्रिया पटेल को राम चरित्र निषाद को लगभग 21 फीसदी वोट अधिक मिले थे। कांग्रेस के ललितेश पति त्रिपाठी को 91,501 वोट मिले थे।

सातवें चरण में यूपी की इन सीटों पर हुआ मतदान 
•    महाराजगंज
•    गोरखपुर
•    कुशीनगर
•     देवरिया
•    वंशगांव
•    घोसी
•    सलेमपुर
•    बलिया
•     गाजीपुर
•    चंदौली
•    वाराणसी
•    मीरजापुर
•    रॉर्बट्सगंज   

By Ankit verma 

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