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देश का पहला भिक्षा मुक्त शहर बनेगा वाराणसी

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भोलेनाथ की नगरी के नाम से मशहूर वाराणसी, विश्वनाथ कॉरिडोर, कल-कल करती गंगा नदी और अपने सुंदर घाटों के लिए मशहूर है, लेकिन पर्यटकों और तीर्थयात्रियों से हमेशा भरे रहने वाले इस शहर में कदम-कदम पर आपको भीख मांगते भिक्षुक मिल जाएंगे। लेकिन आने वाले समय में काशी इन भिखारियों से मुक्त होगा। इसके लिए एक संस्था आगे आई जो इन भिखारियों को रोजगार उपलब्ध कराएगी। आइए जानते हैं विस्तार से....

बनारस, आने वाले तीन वर्षों में देश का पहला ‘नो बेगर जोन’ बनने की राह पर अपने कदम बढ़ा चुका है। यानी इस शहर को जल्द ही भिखारियों और भीख मांगने की प्रथा से मुक्ति मिल जाएगी। इसकी शुरुआत वाराणसी स्थित स्टार्टअप ‘बेगर कॉरपोरेशन यानी भिखारी निगम (बीसी) से हो गई है। दरअसल, कॉरपोरेशन ने अब भिखारियों को कारोबारी बनाने का जिम्मा उठा लिया है। ऐसे में भिखारियों को अब रोजगार से जोड़ने के लिए उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। इसके लिए सेंटर भी खोले गए हैं। वहीं कॉरपोरेशन की ओर से ऐसे नागरिकों को नकद पुरस्कार भी दिया जाएगा जो भीख मांगने वाले लोगों को काम पर लेकर आएंगे। 

भिखारियों को मिलेगा प्रतिमाह 10 हजार-

बेगर्स कॉरपोरेशन की बात करें तो यह पहली ऐसी कंपनी है जिसमें भिखारियों को हिस्सेदारी मिलेगी। यह कॉरपोरेशन भिखारियों को प्रतिमाह 10 हज़ार रूपए और तीन साल के बाद एक लाख रूपए की न्यूनतम आजीविका सहायता देने के लिए उनके साथ तीन साल का अनुबंध कर रही है। भिखारियों को हिस्सेदारी मिलने से तीन साल में न्यूनतम 4.6 लाख रुपए मिलेगा। 

शहर में 6 हजार से अधिक हैं भिखारी-

बेगर्स कॉरपोरेशन के संस्थापक चन्द्र मिश्रा के अनुसार, एक सर्वेक्षण में यह पाया गया कि वाराणसी में करीब 6 हज़ार से अधिक भिखारी हैं, जिसमें 14 सौ बच्चे भी शामिल हैं। मौजूदा समय की बात की जाए तो, कॉरपोरेशन ने 17 परिवारों को भिक्षावृत्ति के जाल से निकाल कर विभिन्न व्यवसायों में लगाकर सम्मान के साथ कमाई का जरिया उपलब्ध कराया है। इनमें कुछ ने उद्यमिता प्रशिक्षण के दौरान प्रतिमाह 12 हज़ार रूपए तक कमाए हैं।  

तीन माह तक किया जाएगा प्रशिक्षित-

दरअसल, निगम की यह योजना है कि नए साल से इसे अभियान के तौर पर शुरू कर, भीख मांगने वाले 18 से 40 वर्ष तक के शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों को तीन महीने तक कॉटन के बैग आदि बनाने के साथ पूजा की सामग्री और फूल की दुकानों पर काम करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। अप्रैल 2024 में 50 भिखारी परिवारों से शुरुआत करके मार्च 2027 तक छह चरणों में एक हज़ार भिखारी परिवारों को रोजगार से जोड़ा जाएगा। 

भीख देने के बजाय उन्हें हम तक पहुंचाएं-

कॉरपोरेशन ने वाराणसी के लोगों से अपील भी की है कि ‘अब शहर में ऐसे लोग दिखे तो उन्हें भीख देने के बजाय हम तक पहुंचाएं, जिससे उनके जीवन को एक नई दिशा प्रदान की जा सके। इतना ही नहीं, ऐसे व्यक्तियों को हम तक पहुंचाने वाले व्यक्ति को इनाम के रूप में एक हज़ार रूपए भी दिए जाएंगे।’ ऐसे में अगर आप भी इस संस्था से जुड़ना चहते हैं या इस अभियान में मदद करना चाहते हैं तो आप 9336109052 पर कॉल कर उन्हें सूचित कर सकते हैं।

 

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