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अप्रैल से बदलेंगे टैक्स के ये नियम, जानिए कितना आपकी जेब पर पड़ेगा असर ?

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(Special Story) वित्त वर्ष 2023-24  आज (31 मार्च) को खत्म हो जाएगा। और कल यानि 1 अप्रैल 2024 से नये वित्त वर्ष की शुरूआत हो जाएगी। जब नए वित्त वर्ष की शुरूआत होती है तो  कई सारे नियमों में बदलाव भी होता है। जिसमें सबसे महत्वपूर्ण टैक्स के नियमों में बदलाव होना  होता है।  क्या इस साल 1 अप्रैल से टैक्स नियमों में कोई बदलाव होंगे या नहीं, अगर होंगे तो क्या होंगे? क्या कल से किसी ऐसे नियमों बदलाव हो जाएगा, जिसका असर आम लोगों की जेब पर सीधे तौर पर पड़ेगा?  इस संबंध में सारी जानकारी आपको विस्तार से बताएंगे।

1 अप्रेल से भारत में नया वित्त वर्ष शुरू हो जाता है। इसीलिए ये दिन पर्सनल फाइनेंस की प्लानिंग के लिए अप्रैल सबसे अहम दिन बन जाता है। इसी दिन से लोग अपनी टैक्स सेविंग से लेकर न्यू इंवेस्मेंट प्लानिंग तक के लिए प्लान करना शुरू कर देते हैं। इस साल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश का अंतरिम बजट पेश किया था। वहीं अभी फुल बजट चुनाव के बाद जुलाई के महीने में आना है। जुलाई के बाद भी देश के टैक्स नियमों में कई बदलाव होने की संभावना है, फिलहाल आपको अभी के बदलावों को समझना जरूरी है।

अप्रैल से बदल जाएंगे ये  टैक्स के नियम-

इस साल एक अप्रैल से कई टैक्स नियम बदलने जा रहे हैं, वहीं कुछ टैक्स रूल्स पिछले साल ही बदले हैं। इसीलिए इन बदले हुए नियमों पर एक नजर डालना आवश्यक है-

डिफॉल्ट होगी नई टैक्स रिजीम-

अगर आप अब तक पुरानी टैक्स रिजीम के हिसाब से इनकम टैक्स भरते आए हैं, तो आपको ध्यान रहे कि देश में नई टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट किया जा चुका है। ऐसे में आपको हर साल 1 अप्रैल के बाद अपना टैक्स रिजीम चुनना होगा, नहीं तो वह ऑटोमेटिकली नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो जाएगा। 

स्टैंडर्ड डिडक्शन का मिलेगा बेनिफिट

अगर आप अगले वित्त वर्ष 2024-25 में नई टैक्स रिजीम में मूव करते हैं, तब आपको अब यहां भी 50 हजार रुपए के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलेगा। ये पहले केवल पुरानी टैक्स रिजीम में ही संभव था। हालांकि ये नियम 1 अप्रैल 2023 से ही लागू हो चुका है।  लेकिन आपके पास 1 अप्रैल 2024 को इसे बदलने का मौका है। और  ऐसा करने से आपकी 7.5 लाख तक का इनकम टैक्स फ्री हो जाएगा।

टैक्स छूट की लिमिट में बदलाव-

नई टैक्स रिजीम में 1 अप्रैल 2023 से ही टैक्स छूट की लिमिट को बढ़ाया जा चुका है। अब आय करदाता की 2.5 लाख रुपए की जगह 3 लाख रुपए तक की  इनकम पर टैक्स फ्री होगा।  वहीं सेक्शन-87A के तहत जो टैक्स रिबेट दी जाती है, वह 5 लाख रुपए की जगह 7 लाख रुपए कर दी गई है. हालांकि ओल्ड टैक्स रिजीम में Nil Tax लिमिट अब भी 2.5 लाख रुपए और टैक्स रिबेट 5 लाख रुपए तक ही है।

टैक्स स्लैब में बदलाव-

3 लाख तक की इनकम 0% टैक्स

3 से 6 लाख तक की इनकम 5% टैक्स ( लेकिन 7 लाख तक इनकम पर टैक्स रिबेट और 50 हजार रुपए

स्टैंडर्ड डिडक्शन का फायदा मिलता है।)

6 लाख से 9 लाख तक की इनकम पर 10% टैक्स

9 लाख से 12 लाख तक की इनकम पर 15% टैक्स

12 लाख से 15 लाख तक की इनकम पर 20% टैक्स

15 लाख से अधिक की इनकम पर 30% टैक्स

लाइफ इंश्योरेंस पर टैक्स के नियम- 

सरकार ने जब आखिरी बार टैक्स नियमों को बदला था, तो उसमें आपकी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी से लेकर लीव एनकैशमेंट तक पर टैक्स के प्रावधान जोड़े थे।  अगर आपकी बीमा पॉलिसी 1 अप्रैल 2023 के बाद जारी हुई है और आपका टोटल प्रीमियम 5 लाख रुपए से अधिक होता है, तो मैच्योरिटी पर आपको अपनी स्लैब के अनुसार टैक्स देना होगा। वहीं अगर आप गैर-सरकारी एम्प्लॉई हो, तब लीव एनकैशमेंट के तौर पर 3 लाख के बजाय 25 लाख रुपए तक पर टैक्स छूट का फायदा उठा सकते हैं। इसके लिए इनकम टैक्स कानून की धारा-10(10AA) में प्रावधान किया गया है। यानी अगर आपकी बची हुई लीव के लिए आपको 25 लाख रुपए तक का पेमेंट मिलता है, तो उस पर टैक्स नहीं लगेगा

आयकर विभाग के फॉर्म में  बदलाव-

आयकर विभाग के द्वारा दो फॉर्म जारी किया जाता है। ITR-1 को सहज और ITR-4 को सुगम नाम से जाना जाता है।  इसमें भी थोड़ा बदलाव किया गया है। अब रिटर्न फाइल करने वाले को अकाउंट टाइप के साथ पिछले साल के अपने सभी बैंक अकाउंट्स का खुलासा करना होगा। नये सिस्टम को डिफॉल्ट बना दिया गया है। ITR-4 के टैक्स पेयर्स को नये सिस्टम से बाहर निकलने के लिए फॉर्म 10-IEA दाखिल करना होगा।

आम लोगों की जेब पर कितना पड़ेगा असर?

जब भी नए वित्त वर्ष की शुरूआत होती है तो कुछ नियम बदल दिए जाते हैं और बदले हुए नियम आपकी जेब पर असर भी डाल सकते हैं। कल से कई ऐसे नियम हैं जो बदलने वाले हैं जिसका असर आम लोगों की जेब पर सीधे तौर पर पड़ेगा। कुछ नियम इस प्रकार हैं-

* कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) में कल से बड़ा बदलाव होने जा रहा है। नए वित्त वर्ष में अगर कोई कर्मचारी नौकरी बदलता है तो ऐसे में उसका पीएफ अकाउंट स्वयं ही नए एंप्लॉयर (नियोक्ता) के पास ट्रांसफर हो जाएगा। पहले सब्सक्राइबर्स की रिक्वेस्ट पर ही इसे ट्रांसफर किया जाता था।

* कल से बिना केवाईसी किए गए फास्टैग को निष्क्रिय कर दिया जाएगा। 1 अप्रैल से पहले फास्टैग में केवाईसी अपडेट करना अनिवार्य हो गया है।

* नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) खाते के लॉगिन के नियमों में कल से बदलाव होने जा रहा है। PFRDA ने एनपीएस खाते में आधार-बेस्ड ऑथेंटिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। ऐसे में अब एनपीएस खाते में लॉग इन करने के लिए आईडी पासवर्ड के साथ ही आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को भी दर्ज करना होगा।

* भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने ग्राहकों को झटका देते हुए अपने डेबिट कार्ड की सालाना मेंटेनेंस फीस को बढ़ाने का फैसला किया है। नए नियम कल से लागू हो जाएंगे। इसके अलावा एसबीआई क्रेडिट कार्ड से रेंट पेमेंट पर मिलने वाले रिवार्ड प्वाइंट को भी बंद किया जा रहा है।

* कल से इंश्योरेंस सेक्टर में भी बदलाव होने जा रहा है। अब पॉलिसी सरेंडर पर सरेंडर वैल्यू इस बात पर निर्भर करेगी कि आपने कितने सालों में पॉलिसी को सरेंडर किया है।

* कल से कई दवाओं के लिए आपको ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी।  ड्रग प्राइस रेगुलेटर ने नेशनल लिस्ट ऑफ एसेंशियल मेडिसिन (NLEM) के तहत कुछ जरूरी दवाओं जैसे पेन किलर, एंटीबायोटिक्स और संक्रमण रोधी दवाओं की कीमतों में इजाफे का फैसला किया है। 

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