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भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वित्त वर्ष 2025-26 (FY2026) में केंद्र सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपये से लेकर 3 लाख करोड़ रुपये तक का रिकॉर्ड लाभांश ट्रांसफर कर सकता है। यह पिछले वर्ष के 2.1 लाख करोड़ रुपये के ऐतिहासिक स्तर से लगभग 50% अधिक हो सकता है। यह दावा सेबी-पंजीकृत एनालिस्ट फर्म फ्रंट वेव रिसर्च की एक ताज़ा रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह अधिशेष हस्तांतरण मई के अंत तक घोषित किया जा सकता है और इससे भारत की राजकोषीय स्थिति और तरलता पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
इतिहास रच सकता है RBI का लाभांश ट्रांसफर
वित्त वर्ष 2023-24 (FY24) में RBI ने सरकार को 2.1 लाख करोड़ रुपये का लाभांश दिया था, जो अब तक का सर्वाधिक था। लेकिन FY26 में यह आंकड़ा और ऊंचा जा सकता है। अनुमान है कि इस बार यह राशि 2.7 लाख करोड़ से 3 लाख करोड़ रुपये के बीच रह सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार अधिशेष वृद्धि के प्रमुख कारण:
विदेशी मुद्रा बाजार से लाभ:
आरबीआई ने डॉलर को लगभग ₹83-84 की दर से खरीदा और ₹84-87 पर बेचा। इस रणनीति से उसे बड़ा व्यापारिक लाभ हुआ।
विदेशी मुद्रा भंडार से ब्याज आय:
वैश्विक ब्याज दरों में वृद्धि और $600 बिलियन से अधिक के फॉरेक्स रिज़र्व पर आरबीआई को उच्च ब्याज आय प्राप्त हुई।
घरेलू आय स्रोत मजबूत:
ओपन मार्केट ऑपरेशंस (OMO), बॉन्ड होल्डिंग्स और रेपो ट्रांजैक्शंस के जरिए आरबीआई ने घरेलू स्तर पर भी ठोस आय अर्जित की, जिससे इसकी बैलेंस शीट और अधिशेष मजबूत हुआ।
यदि यह अनुमान सही साबित होता है, तो मोदी सरकार को आगामी बजट वर्ष में राजस्व प्राप्तियों में बड़ी राहत मिल सकती है। यह लाभांश न केवल राजकोषीय घाटा कम करने में मदद करेगा, बल्कि सरकारी खर्चों के लिए अतिरिक्त संसाधन भी उपलब्ध कराएगा।
क्या कहती है रिपोर्ट?
फ्रंट वेव रिसर्च के अनुसार, "आरबीआई द्वारा 2026 में सरकार को रिकॉर्ड अधिशेष हस्तांतरित किए जाने की संभावना है। यह भारत की आर्थिक स्थिरता और मौद्रिक प्रबंधन की कुशलता को दर्शाता है।"
Baten UP Ki Desk
Published : 18 May, 2025, 12:00 pm
Author Info : Baten UP Ki